पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा का प्रवाह | लिण्डमैन का 10% का नियम

पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा का प्रवाह | लिण्डमैन का 10% का नियम

आज के इस लेख में हम समझेंगे कि पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा का प्रवाह (Energy Flow in Eco-systems) किस प्रकार से होता है। मुख्य रूप से हम एक पारिस्थितिक तंत्र के अंतर्गत खाद्य श्रृंखला और खाद्य जाल में ऊर्जा के प्रवाह को समझेंगे।

तो आइये समझते हैं…..

पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा का प्रवाह (Energy Flow in Eco-systems) 

जैसा की हम सभी जानते है कि पारिस्थितिक तंत्र (Ecosystem) में ऊर्जा का मुख्य स्त्रोत सूर्य है। सूर्य से प्राप्त होने वाली ऊर्जा को सौर ऊर्जा कहा जाता है। पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा का प्रवाह केवल एक ही दिशा में होता है। तो आइए…. पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा के प्रवाह को सूर्य→उत्पादक→उपभोक्ता→अपघटक के बीच समझते हैं।

  • प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा पेड़-पौधे, सूर्य से प्राप्त सौर ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में रूपांतरित कर देते हैं और यह रासायनिक ऊर्जा भोजन के रूप में पेड़-पौधों के ऊतकों में इकठ्ठा (जमा) हो जाती है।
  • प्राथमिक उपभोक्ता (शाकाहारी) जब इन पेड़-पौधों को भोजन के रूप में इस्तेमाल करते हैं, तो इन पेड़-पौधों में इकठ्ठा हुई ऊर्जा प्राथमिक उपभोक्ताओं में स्थानांतरित हो जाती है। पेड़-पौधों से प्राप्त ऊर्जा का कुछ भाग प्राथमिक उपभोक्ताओं के श्वसन क्रिया के कारण ऊष्मा में रूपांतरित होकर वायुमंडल में चला जाता है। शेष बची हुई ऊर्जा इनकी वृद्धि और विकास में काम आती है।
  • इसी क्रम में ऊर्जा भोजन के रूप में प्राथमिक उपभोक्ता से द्वितीयक उपभोक्ता, द्वितीयक उपभोक्ता से तृतीयक उपभोक्ता में स्थानांतरित होती रहती है।
  • आखिरी कड़ी में मरे हुए पेड़-पौधों, जीव-जंतुओं में इकठ्ठा (जमा) हुई ऊर्जा को अपघटक प्राप्त करते हैं। इनके द्वारा भी श्वसन क्रिया के कारण ऊर्जा का कुछ भाग ऊष्मा के रूप में वायुमंडल में लौट जाता है।

इस प्रकार से आपने समझा कि कोई भी जीव या प्राणी भोजन द्वारा प्राप्त पूर्ण ऊर्जा को अपने में एकत्रित नहीं कर सकता। वास्तव में, जब एक पोषण स्तर से दूसरे पोषण स्तर में ऊर्जा स्थानांतरित होती है, तो उसका अधिकांश भाग वायुमंडल में चला जाता है।

साथ ही आपने ये भी समझा होगा कि ऊर्जा का प्रवाह एक क्रम व एक दिशा में चलता रहता है। बता दे कि ऊर्जा का न तो निर्माण होता और न ही यह नष्ट होती, बल्कि ऊर्जा रूपांतरण के दौरान ऊर्जा का केवल ह्रास होता है। ऊर्जा ह्रास कैसे होता है, इसका क्या नियम है? इसे हम लिण्डमैन के 10% के नियम से समझते हैं।

लिण्डमैन का 10% का नियम

एक पारिस्थितिक तंत्र के अंतर्गत खाद्य श्रृंखला और खाद्य जाल में एक पोषण स्तर से दूसरे पोषण स्तर में ऊर्जा का जो प्रवाह होता है, उसमें लिण्डमैन का 10% का नियम लागू होता है। यह नियम 1942 में लिण्डमैन ने दिया था। इसे 10% नियम भी कहते है।

लिण्डमैन के नियमनुसार, खाद्य श्रृंखला के एक पोषण स्तर से दूसरे पोषण स्तर में ऊर्जा स्थानांतरण के दौरान केवल 10% ऊर्जा का ही स्थानांतरण होता है। शेष 90% ऊर्जा श्वसन, अपघटन एवं ऊष्मा के रूप में व्यर्थ हो जाती है। व्यर्थ होने से आशय वायुमंडल में समाहित हो जाती है।

लिण्डमैन के 10% नियम को उदाहरण के माध्यम से समझते है।

जैसे मान लीजिये कि सूर्य से 1 लाख कैलोरो ऊर्जा आई, तो 1 लाख का 10% यानी 10,000 कैलोरी ऊर्जा ही केवल उत्पादक (पेड़-पौधे) प्राप्त कर पाएंगे। शेष 90% ऊर्जा श्वसन, अपघटन एवं ऊष्मा के रूप में व्यर्थ हो जाएगी। व्यर्थ होने से आशय वायुमंडल में समाहित हो जाएगी।

इस 10,000 का 10% यानी 1000 कैलोरी ऊर्जा प्राथमिक उपभोक्ता (शाकाहारी) को प्राप्त होगी। इस 1000 का 10% यानी 100 कैलोरी ऊर्जा द्वितीयक उपभोक्ताओं को प्राप्त होगी। इस 100 का 10% यानी 10 कैलोरी ऊर्जा तृतीयक उपभोक्ता को प्राप्त होगी और इस 10 का 10% यानी 1 कैलोरी ऊर्जा अपघटकों को प्राप्त होगी।

तो इस प्रकार से आप समझें कि लिण्डमैन के नियमानुसार प्रत्येक अगले पोषण स्तर पर ऊर्जा की मात्रा क्रमशः कम होती जाती है। सरल शब्दों में समझें तो खाद्य श्रृंखला में जो जितना आगे रहता है, उसे उतनी ही अधिक और जो जितना पीछे रहता है, उसे उतनी ही कम ऊर्जा प्राप्त होती है।

पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा का प्रवाह और लिण्डमैन का 10% का नियम के संबंध में दी गई जानकारी आप सभी को कैसी लगी? कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं।

बेहतर जानकारी और निरंतर अपडेट रहने के लिए हमारे साथ टेलीग्राम और व्हाट्सएप में जरूर जुड़े

Join Telegram Join Whatsapp

यह भी पढ़े:

पृथ्वी या समुद्र की सतह से ऊपर की ओर जाने पर तापमान में कमी क्यों होती है?

पान खाने से होने वाले अचूक फायदे और कुछ नुकसान

यदि आप किसी भी प्रतियोगी परीक्षा (UPSC-STATE PCS-SSC-BANK-RAILWAY-POLICE-SI, इनके अलावा विभिन्न प्रकार के वन-डे एग्जाम्स) की तैयारी कर रहे हैं या फिर अपना नॉलेज बढ़ाने के उद्देश्य से विभिन्न प्रकार की बुक्स पढ़ने की इच्छा रखते हैं, तो नीचे दी गई बुक्स में से अपनी आवश्यकता और इच्छानुसार बुक्स का चयन कर सकते हैं……..धन्यबाद।

सम्बंधित लेख

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

लोकप्रिय