Duke Ball: आज के इस लेख में हम वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में इस्तेमाल होने वाली ड्यूक गेंद के बारे में जानेंगे। साथ ही क्रिकेट में इस्तेमाल होने वाली कूकाबुरा और एसजी गेंदों के बारे में भी जानेंगे।
तो आइए जानते हैं…….
चर्चा में क्यों?
7 जून 2023 से भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल (WTC) में ड्यूक गेंद का इस्तेमाल किया गया। टेस्ट शुरू होने से पहले आईसीसी द्वारा जानकारी दी गई कि दोनों टीमें ड्यूक गेंद का इस्तेमाल करेंगी। इससे पहले तक ऐसा माना जा रहा था कि फाइनल में कूकाबुरा गेंद का इस्तेमाल हो सकता है। तो आइए ड्यूक गेंद के साथ-साथ क्रिकेट में इस्तेमाल की जाने वाली अन्य गेंदों के बारे में भी जानते हैं।
ड्यूक गेंद (Duke Ball)
- ड्यूक गेंद इंग्लैंड में ब्रिटिश क्रिकेट बाल लिमिटेड कंपनी द्वारा बनाई गई थी।
- इस गेंद में सिलाई की 6 लाइनें मौजूद रहती हैं।
- गेंद की सिलाई हाथों से की जाती है, इस वजह से गेंद को चमकाने में ज्यादा पसीने की आवश्यकता नहीं होती है।
- ड्यूक की सीम के लिए दोनों लेदर के हिस्सों में एक साथ सिलाई होती है, इसलिए ड्यूक लंबे समय तक शेप नहीं खोती है।
कूकाबुरा गेंद (Kookaburra Ball)
- कूकाबुरा गेंद का उत्पादन कूकाबुरा नामक ऑस्ट्रेलियाई स्पोर्ट कंपनी द्वारा किया जाता है।
- इस गेंद में सिलाई की 6 लाइनें होती हैं।
- 4 लाइनों की सिलाई मशीन द्वारा की जाती है।
- अंदर की दो लाइनों की सिलाई हाथ द्वारा की जाती है, इस वजह से गेंद जल्दी शेप नहीं खोती है।
एसजी गेंद (SG Ball)
- एसजी गेंद का उत्पादन उत्तर प्रदेश के मेरठ में 1950 से हो रहा है।
- इस गेंद में भी सिलाई की 6 लाइनें मौजूद होती हैं।
- इस गेंद की सिलाई हाथ से की जाती है।
- इस गेंद की सिलाई में ड्यूक और कूकाबुरा गेंद की तुलना में ज्यादा मोटे धागे का इस्तेमाल किया जाता है।
- मोटे धागे से सिलाई होने की वजह से यह जल्दी से शेप नहीं खोती है।
टेस्ट में कितनी गेंदों का इस्तेमाल होता है?
टेस्ट क्रिकेट में कुल 3 गेंदों का इस्तेमाल होता है और ये तीन गेंदे ड्यूक, कूकाबुरा और एसजी हैं।
अलग-अलग गेंद क्यों इस्तेमाल की जाती हैं?
भारत की पिचों में जल्दी क्रैक आते हैं, इसलिए ऐसी पिचों के लिए मोटे धागे से सिली हुई एसजी गेंद ज्यादा टिकाऊ होती है, यानी कि जल्दी से यह अपना शेप नहीं खोती है। कूकाबुरा सख्त होती है, इसलिए ऑस्ट्रेलिया के उछाल भरे मैदान में यह मददगार होती है। ड्यूक की सीम ज्यादा टिकती है, इस वजह से इंग्लिश मैदानों में स्विंग में ज्यादा मदद मिलती है।
कहां कौन सी गेंद का इस्तेमाल किया जाता है?
- इंग्लैंड, आयरलैंड और वेस्टइंडीज में ड्यूक गेंद का इस्तेमाल होता है।
- एसजी गेंद का इस्तेमाल सिर्फ भारत में होता है।
- कुकाबुरा का सबसे ज्यादा इस्तेमाल ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, पाकिस्तान, श्रीलंका, अफगानिस्तान और जिंबाब्वे में होता है।
खिलाड़ियों की पसंदीदा गेंद
बात करें खिलाड़ियों की तो एंडरसन, उमेश यादव और जसप्रीत बुमराह जैसे कई तेज गेंदबाज ड्यूक गेंद से गेंदबाजी करना पसंद करते हैं, क्योंकि ड्यूक गेंद में तेज गेंदबाजों को स्विंग अच्छी मिलती है। पूर्व पाकिस्तानी तेज गेंदबाज वसीम अकरम भी ड्यूक गेंद को बहुत पसंद करते थे। इंग्लैंड के तेज गेंदबाज एंडरसन के बारे में आप सभी ने सुना ही होगा कि उनकी गेंद हवा में बहुत लहराती है, तो इसका सबसे बड़ा कारण ड्यूक गेंद ही है।
नोट:- सबसे पुरानी गेंद, ड्यूक गेंद को माना जाता है और यह 1760 से बनाई जा रही है। वहीं 1946 से ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में कूकाबुरा तथा 1994 के बाद से भारत में एसजी गेंद का इस्तेमाल किया जा रहा है।
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