कैलेंडर प्रणाली का उद्विकास (Evolution of the Calendar System) कैसे हुआ ?

कैलेण्डर प्रणाली के उद्विकास का कालक्रमिक वर्णन।

आज के इस लेख में हम जानेंगे कि कैलेंडर प्रणाली का उद्विकास (Evolution Of The Calendar System) कैसे हुआ? साथ ही ये भी जानेंगे कि इसके उद्विकास में किन-किन सभ्यताओं का योगदान रहा और समय-समय पर इसमें क्या परिवर्तन किए गए? 

कैलेण्डर प्रणाली तो आइए जानते हैं……

कैलेंडर प्रणाली का उद्विकास (Evolution Of Calendar System)।

सभ्यता के उदय के साथ-साथ कैलेंडर प्रणाली भी पैदा हुई। मिस्र और मेसोपोटामिया (ईराक) की सभ्यता के समय कैलेंडर था, लेकिन हमें उसका ज्ञान नही था। हालांकि, आज उसका उपयोग नहीं होता।

मिस्र और मेसोपोटामिया की सभ्यता के समय दो प्रकार के कैलेंडर थे

  1. सूर्य की गति पर आधारित कैलेंडर- सोलर कैलेंडर
  2. चन्द्र की गति पर आधारित कैलेंडर- लूनर कैलेंडर

मेसोपोटामिया का कैलेंडर तो लूनर कैलेंडर था। मिस्र का कैलेंडर संभवतः सोलर कैलेंडर था, लेकिन यूरोप में समय के साथ-साथ जो कैलेंडर प्रणाली स्थापित हुई, वो रोमन कैलेंडर कहलाता है। इसे Diclotian Era भी कहते हैं।

ईशा से 753 वर्ष पहले रेमुस (Remus) और रोमुलस (Romulus) नाम के दो चरवाहों (गड़ारिया) ने रोम शहर की स्थापना की, जो आगे चलकर यूरोप की राजधानी हो गयी। यूरोप की सारी सड़के रोम शहर की ओर जाती थी, इसका मतलब रोम शहर राजधानी था। रेमुस (Remus) और रोमुलस (Romulus)

इसी समय से रोमन कैलेंडर की शुरुआत हुई। यूरोप के लोग रोम शहर का इस्तेमाल कैलेंडर के रूप में करने लगे। मतलब इस शहर की स्थापना से घटनाओं को जोड़ने लगें।

इसको ऐसे समझिए, जैसे कोई घटना हो जाती और उसका जब बाद में जिक्र होता, तो वहां के लोग घटना के समय को रोम शहर की स्थापना से जोड़कर बताने लगते कि इस शहर की स्थापना के इतने साल बाद ये घटना हुई या इतने वर्ष पहले। अभी तक ईशा का तो जन्म भी नही हुआ था, यहाँ तक कि इंग्लैण्ड वासी भी बताने लगे कि रोम शहर की स्थापना के इतने साल बाद मेरा जन्म हुआ। इस रोमन कैलेंडर की यूनिट थी – AUC.

AUC = AB URBE CONDITA। इसका मतलब था FROM THE FOUNDATION OF THE CITYइसमें रोम शब्द का उपयोग नही है, लेकिन इसका मतलब रोम से ही है

अब यूरोप भर के लोग कैलेंडर प्रणाली जानते थे और घटनाओ को कैलेंडर प्रणाली से जोड़ने लगे। यही DICLOTIAN और यही सोलर कैलेण्डर कहलाया। मतलब यूरोप शहर के लोगों ने शहर की स्थापना को समय की गणना के साथ जोड़ दिया।रोम शहर

रोमन कैलेंडर (सोलर कैलेंडर) में समस्या।

इस कैलेंडर में समस्या की बात यह थी कि इस कैलेंडर में 10 महीना होते थे। इनका कैलेंडर बहुत विचित्र था। एक मानसून से दूसरे मानसून तक को एक वर्ष मानते थे। अब इसमें तो जाहिर है कि गड़बड़ होगी ही, क्योंकि मानसून एकदम निश्चित ही समय पर आएगा, इसकी कोई गारंटी नही है? जब मानसून 10 दिन लेट या पहले आ जाता था, तो उतने ही दिन उस वर्ष में कम या ज्यादा हो जाते थे। इस प्रकार से कितने भी दिन कम-ज्यादा हो सकते थे।

इस कैलेंडर को पहली बार जूलियस सीजर ने परिवर्तित किया। आइए जानते है कि जूलियस सीजर कौन थे और इन्होंने कैलेंडर प्रणाली में अपना किस प्रकार से योगदान दिया, साथ ही उनकी मौत का कारण क्या बना और किस प्रकार से उनकी मृत्यु हुई?जूलियस सीजर

जूलियस सीजर का कैलेंडर प्रणाली – Calendar System के उद्विकास में महत्वपूर्ण योगदान।

जूलियन कैलेंडर।

46 ईशा पूर्व में जूलियस सीजर ने पहली बार इस कैलेंडर को व्यवस्थित किया। सीजर ने कहा कि 10 महीने नहीं, इस कैलेंडर में 12 महीने होंगे। मतलब 365 1/4 दिन होंगे। यह सीजर का आदेश था। 365 1/4 तो हो नहीं सकता, इसलिए लीप वर्ष से परिचित करवाया (लीप वर्ष का कांसेप्ट जूलियस सीजर का दिया हुआ कांसेप्ट है)। तब जाके 1/4 हो गया।

सीजर ने कहा कि ये जो 6 घंटे का गैप है, इसको हर चौथे साल अर्जेस्ट किया जाएगा, इसीलिए लीप वर्ष 366 दिन का होता है। तब यह रोमन कैलेंडर से जूलियन कैलेंडर कहलाया।

जूलियस सीजर की मौत का कारण।

जूलियस सीजर रोम का सम्राट नही था, लेकिन सम्राट माना जाता है। सम्राट बनने का प्रयास कर रहा था, इसीलिए इसकी हत्या कर दी गयी। इसकी हत्या इसके ही प्रिय मित्र मार्कस ब्रूटस ने की। इसकी मौत का कारण था ‘लोकतंत्र का खात्मा’।जूलियस सीजर की हत्या

जूलियस लोकतंत्र को खत्म करना चाहता था। जूलियस सीजर के जमाने में रोम शहर पर एक परिषद् का शासन था और इस परिषद् को सीजर खत्म करना चाहता था। सीजर परिषद् के सारे अधिकार खत्मकर खुद में रखना चाहता था। वह चाहता था कि किसी भी मुद्दे पर निर्णय लेना हो, तो मै लूँ।

यह परिषद् भी विचित्र थी, यह रोम शहर के बीचो-बीच खुले मैदान में लगती थी। परिषद् के सदस्यों के साथ-साथ शहर के अन्य लोग भी आकर परिषद् के चारों ओर बैठे रहते थे। वो देख सकते थे कि क्या हो रहा है, किस मुद्दे पर बात चल रही है। मतलब लोकतंत्र था। इसी लोकतंत्र को जूलियस खत्म कर शासन अपने हाथ में लेना चाहता था। बस इसीलिए ब्रूटस ने अपने प्रिय मित्र सीजर की हत्या कर दी।

शेक्सपीयर ने मार्कस ब्रूटस तथा जूलियस सीजर के बारे में एक दिलचस्प कहानी लिखी है, आइये उसको जानते हैं।जूलियस सीजर की हत्या।

शेक्सपीयर ने लिखा है कि जब ब्रूटस ने सीजर को घायल कर दिया था, तो सीजर ने कहा कि जब मेरे खास दोस्त ने ही मुझे धोखा दे दिया, तो अब मुझे मर ही जाना चाहिए। इस प्रकार से शेक्सपीयर ने ब्रूटस को खलनायक बना दिया।

वैसे सोचा जाय, तो ब्रूटस ने अपने मित्र को धोखा नही दिया, उसने केवल लोकतंत्र की रक्षा की। यदि ब्रूटस कही सीजर का समर्थन कर देता, तो सीजर सम्राट बन जाता। उसे कोई सम्राट बनने से रोक नही सकता था, लेकिन ब्रूटस ने केवल लोकतंत्र की रक्षा के लिए अपने मित्र की हत्या कर दी।

लिखने वाले जो-जो ना लिख दें। जिसको चाहे हीरो बना दें और जिसको चाहे खलनायक। जिस प्रकार से शेक्सपीयर ने ब्रूटस को खलनायक बना दिया, उसी प्रकार से चन्द्रबरदाई ने जयचंद्र को खलनायक तथा पृथ्वीराज को हीरो बना दिया। अब आप खुद ही सोचिए कि अगर आपकी बेटी को कोई भगा ले जाए, तो आप उसका समर्थन करेंगे या विरोध।

पृथ्वीराज चौहान जी जयचंद्र की बेटी को भगा ले गए थे, जिस कारण जयचंद्र ने पृथ्वीराज का विरोध किया। बस इसीलिए चन्द्रबरदाई ने पृथ्वीराज को हीरो तथा जयचंद्र को खलनायक बना दिया।

ऑगस्टस का कैलेण्डर प्रणाली – Calendar System में योगदान।

सीजर की मृत्यु के बाद उसका पोता ऑगस्टस गद्दी पर बैठा। ऑगस्टस को बहुत कष्ट था कि उसके नाम का जो महीना है, उसमें 30 ही दिन हैं, इसलिए उसने अगस्त के महीने में एक दिन जोड़कर उसको 31 दिन का कर दिया तथा फरवरी से एक दिन काटकर उसे 28 दिन का कर दिया और बाकी सब कुछ वैसा ही था, जैसा सीजर ने बनाया था। सन 1582 तक ऐसा ही कैलेंडर चलता रहा।Pope Gregary The XIII

Pope Gregary The XIII का कैलेंडर प्रणाली – Calendar System में योगदान।

1582 में Pope Gregary The XIII ने इस कैलेंडर में एक बदलाव कर दिया। उन्होंने कहा कि लीप वर्ष का कांसेप्ट तो ठीक है, लेकिन जो 100वां वर्ष होगा, वह लीप वर्ष तभी होगा, जब वह 4 से डिवाइड होगा उसनें कहा कि 400 वर्ष में केवल 97 लीप वर्ष होंगे, 100 नही होंगे

ग्रेगरी ने कहा कि ऐसा इसलिए, क्योंकि सीजर ने जो गणना की थी कि एक वर्ष में 365 1/4 दिन फिक्स होंगे, वह गलत है ग्रेगरी ने कहा कि एक वर्ष में 365 दिन 5 घंटे 49 मिनट तथा 12 सेकंड होंगे, यह पूरी तरह 365 दिन और 6 घंटे (1/4दिन) नही होंगे उसने कहा कि आप हर चौथे साल में 1 दिन जोड़ देंगे, तो दिन ज्यादा हो जाएगा

Pope Gregary The XIII के कैलेंडर प्रणाली – Calendar System में समस्या। 

Pope Gregary The XIII की गणना सही इसलिए नही है, क्योंकि दिन और वर्ष की गणना एक-दूसरे से जुडी हुई नही है। पृथ्वी अपनी धुरी पर सूर्य का एक चक्कर घूमती है, इसका मतलब एक दिन। पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा जितने दिन में पूरी करती है, वह एक वर्ष है। इन दोनों गतियों का आपस में कोई रिलेशनशिप नहीं है वो अपनी धुरी पर अलग घूम रही है तथा सूर्य का चक्कर अलग लगा रही है

कोई जरुरी नहीं है कि सूर्य का पूरा चक्कर लगाने में पृथ्वी जिस जगह से घूमना प्रारंभ करेगी, बिल्कुल ठीक उसी जगह पर वापस चक्कर को खत्म करेगी थोडा सा इधर-उधर हो सकता है। इसी कांसेप्ट के अनुसार किये गये परिवर्तन के कारण यह ग्रेगोरियन कैलेंडर कहलाया। अभी भी ये कैलेंडर पूरी तरह शुद्ध नही है 2340 साल बाद एक दिन का एडजस्टमेंट फिर करना पड़ेगा

कैलेंडर में परिवर्तन का क्रम।

  • रोमन कैलेंडर
  • जूलियन कैलेंडर
  • ग्रेगोरियन कैलेंडर
Dionyssius Exigaus।

Dionyssius Exigaus का कैलेंडर प्रणाली – Calendar System में योगदान।

इस कैलेंडर की जो यूनिट थी AUC. एक ईसाई संत थे Dionyssius Exigaus, उन्होंने 525 AD में AUC की जगह BC और AD की शुरुआत की। दरअसल, ईशा मसीह की मृत्यु के बाद ईसाई धर्म यूरोप में बहुत तेजी से फैला और 400 सालों में लगभग पूरा यूरोप ईसाई हो गया

525 AD में रोम साम्राज्य खत्म हो चुका था, इसलिए इनके साम्राज्य की स्थापना के समय से काल की  गणना करना लोगों को असहज लगने लगा। लोग ऐसा सोचने लगे कि क्या है रोम शहर, हम इसको यूनिट में क्यों इस्तेमाल करें अब तो सबसे महत्वपूर्ण थे जीसस क्राइस्टजीसस क्राइस्ट की माँ मदर मेरी कुमारी माँ

लेकिन समस्या की बात यह थी कि किसी को ये नही पता था कि जीसस क्राइस्ट पैदा कब हुए। जीसस क्राइस्ट के पिता के बारे में जो भी लोग मान्यता रखते हैं, वो गलत है दरअसल, जीसस क्राइस्ट की माँ मदर मेरी कुमारी माँ थीयह ठीक कुंती की तरह ईश्वर के आदेश से गर्भवती हुई थी 

मदर मेरी ने समाज में लज्जा की डर की वजह से छुपकर अस्तबल में बच्चे को जन्म दिया था जब क्राइस्ट फेमस हुए, तब ईसाई संत EXIGAUS ने न्यू टेस्टामेंट (बाईबल का दूसरा भाग ) के आधार पर इनके जन्म का पता लगाना शुरू किया। इन्होंने पता लगाया कि 753 AUC में क्राइस्ट का जन्म हुआ है, इसलिए इन्होंने 753 AUC को 1 BC मान लिया तथा उसके बाद के वर्ष 754 AUC को 1AD मान लिया और इसी के आधार पर कालक्रम आगे बढ़ता गया
  •  AD= ANNO DOMINI, IN THE YEAR OF OUR LORD 
  • 754AUC=1AD प्रभू का प्रथम वर्ष
  • 753AUC=1BC प्रभू के जन्म से पहले का वर्ष

अगर 753AUC में प्रभू का जन्म हुआ, तो उसे शून्य होना चाहिए और 752AUC को 1BC, लेकिन ऐसा नही हो पाया, क्योंकि 525AD में यूरोपियन को शून्य का ज्ञान नही था। जब भारत ने सातवीं शताब्दी में शून्य का ज्ञान दिया विश्व को, तब सातवीं शताब्दी में यूरोप को शून्य का ज्ञान हुआ।

इस कैलेंडर में गलतियाँ होने के कारण बहुत ही सार्थक है, आइए जानते है कि इस कैलेंडर प्रणाली में EXIGAUS से क्या गलती हो गयी।

EXIGAUS के कैलेंडर प्रणाली – Calendar System में गलती। 

ईशा मसीह पैदा हुए थे जेरुसलम, JUDEA (जुड़िया) में, जो कि रोम साम्राज्य का INCLIENT स्टेट था। यह दोनों संलग्न थे। क्राइस्ट के जन्म के समय जुड़िया का राजा HEROD था, जो कि पागल बादशाह कहलाता था।

HEROD 750 AUC में मर गया। सम्राट HEROD के शासन काल में ही क्राइस्ट का जन्म हो गया था। इसकी जानकारी न्यू टेस्टामेंट को दोबारा पढने के बाद हुई। अब सोचिये कि 754 AUC को 1 AD कैसे माना जा सकता है??HEROD

यदि क्राइस्ट का जन्म HEROD के शासन काल में ही हुआ, इसका मतलब क्राइस्ट का जन्म या तो 750 AUC में हुआ या इससे भी पहले। EXIGAUS ने पता तो लगाया, लेकिन कुछ गड़बड़ी हो गयी। इस प्रकार से कुछ समय अंतराल का लफड़ा हो गया।

इस कैलेंडर में ऐसा माना जाता है कि 4 से लेकर 17 साल तक का लफड़ा है। इस लफड़े को खत्म करने के लिए हमने UNIT एक बार फिर बदली। BC की जगह BCE (BEFORE COMMON ERA) और AD की जगह CE (COMMON ERA)। इस कैलेंडर प्रणाली – Calendar System ने इतिहास लिखना शुरू किया और दुनियाभर के इतिहास को क्रमबद्ध कर दिया।

उम्मीद करता हूँ कि कैलेंडर प्रणाली – Calendar System का कांसेप्ट, आप सभी को जरूर समझ में आया होगा। 

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इतिहास (History) | इतिहास की मूल अवधारणा

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