सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) | सर्वाइकल कैंसर होने के कारण, लक्षण, बचाव, इलाज और वैक्सीनेशन

सर्वाइकल कैंसर क्या है? सर्वाइकल कैंसर से संबंधित संपूर्ण जानकारी

आज के इस लेख में हम सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) और उससे जुड़े हुए विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित प्रश्नों और अन्य महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में जानेंगे।

तो आइए जानते हैं……

विषय सूची

चर्चा में क्यों ??

केंद्र सरकार ने इस बार के अंतरिम बजट 2024 में महिलाओं की सेहत के लिए काफी ध्यान देने की बात कही। इसी को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में सर्वाइकल कैंसर को रोकने के लिए एक बड़ा ऐलान किया। बजट भाषण के दौरान निर्मला जी ने घोषणा की कि देशभर में इसके लिए वैक्सीनेशन अभियान चलाया जाएगा। वित्त मंत्री के अंतरिम बजट में सर्वाइकल कैंसर को रोकने के लिए वैक्सीनेशन अभियान चलाया जाएगा की घोषणा के बाद भी इसमें महज ना के बराबर लोगों का इंटरेस्ट था।

लेकिन इसके कुछ ही घंटे बाद, जैसे ही एक्ट्रेस पूनम पांडे के मैनेजर ने इंस्टाग्राम पर पूनम पांडे को सर्वाइकल कैंसर की वजह से मृत घोषित कर दिया, वैसे ही अचानक सर्वाइकल कैंसर के बारे में जानने के लिए लोग इच्छुक हो गए। यहां तक की पूनम पांडे से ज्यादा लोगों ने सर्वाइकल कैंसर के बारे में सर्च किया। लेकिन बाद में पता चला कि पूनम पांडे ने कथित तौर पर HPV और कैंसर के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए अपनी ही मौत की झूठी कहानी रची थी।

मुद्दा ये है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए वैक्सीनेशन अभियान चलाया जाएगा की घोषणा के बाद भी, इसके बारे में लोग जानने के लिए इच्छुक नहीं थे। इसलिए पूनम पांडे ने लोगों के मन में सर्वाइकल कैंसर के प्रति वास्तविक जिज्ञासाएं पैदा करने के लिए ऐसा किया। जानकारी के लिए बता दूं कि हाल के वर्षों में सर्वाइकल कैंसर एक महामारी की तरह बढ़ रहा है।

सर्वाइकल कैंसर क्यों होता है – सर्वाइकल कैंसर कैसे होता है – Why does cervical cancer occur??

सर्वाइकल कैंसर एक वायरस के कारण होता है, जिसे HPV (Human Papilloma Virus) कहते हैं। यह वाइरस यौन संपर्क (वेजाइनल, एनल और ओरल) से फैलता है और कैंसर का कारण बन सकता है। शरीर में प्रवेश करने से लेकर कैंसर पैदा करने तक यह वाइरस लंबा समय लेता है। सभी लोग अपने जीवन में कभी ना कभी HPV वायरस के संपर्क में आते हैं, लेकिन हमारी बॉडी उससे लड़कर उसे खत्म कर देती है।

अगर किसी की इम्युनिटी कमजोर है, तो यह वायरस सर्विक्स एरिया की कोशिकाओं को कैंसर कोशिकाओं में तब्दील कर देता है और यही आगे चलकर सर्वाइकल कैंसर बन जाता है। महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का बड़ा कारण असुरक्षित और अनेक यौन संबंध बनाना है। सेक्सुअल कॉन्टैक्ट का दायरा जितना बड़ा होता है, HPV वायरस के संपर्क में आने की संभावना भी उतनी ज्यादा बढ़ जाती है।

सर्वाइकल कैंसर के लक्षण (Symptoms of Cervical Cancer)

  • योनि से लगातार पानी जैसा स्राव।
  • योनि से रक्त स्राव।
  • इंटरकोर्स के बाद ब्लीडिंग।
  • पीरियड्स के बीच ब्लीडिंग।
  • मेनोपॉज होने के बाद भी वेजाइनल ब्लीडिंग।
  • बिना पीरियड्स के पेल्विक पेन या कमर में दर्द।
  • लगातार थकान और कमजोरी।
  • यूरिनेशन के दौरान दर्द।
  • सामान्य से ज्यादा हैवी और लंबे पीरियड्स।
  • कमर के नीचे के हिस्से में दर्द। 

HPV वायरस

सर्वाइकल कैंसर की वजह HPV (ह्यूमन पेपिलोमा वायरस है)। इससे स्किन और म्यूकस मेंब्रेन में इंफेक्शन होता है। सेक्सुअल एक्टिविटी के दौरान स्किन टू स्किन कॉन्टैक्ट होने से यह वायरस फैलता है। एक से अधिक पार्टनर के साथ संबंध बनाने पर इस वायरस के संक्रमण का खतरा अधिक होता है। जो महिलाएं सेक्शुअली एक्टिव है, उनमें HPV इंफेक्शन एनस, वेजाइना और ओरोफेरिंगक्स (गले)  में भी फैलने की आशंका होती है। HPV उस वायरस ग्रुप से हैं, जिसके 200 से अधिक वेरिएंट्स हैं। इनमें से HPV 16 और 18 टाइप को सर्वाइकल कैंसर के लिए अधिक जिम्मेदार माना जाता है। दुनिया भर में सर्वाइकल कैंसर के जितने भी मामले हैं, उनमें से 70% इन्हीं दोनों वेरिएंट्स के कारण हैं। 

महिलाओं के लिए जानलेवा है सर्वाइकल कैंसर

सर्वाइकल कैंसर दुनिया भर में महिलाओं के लिए दूसरी सबसे घातक बीमारी है। यह कैंसर योनि से शुरू होकर मूत्राशय, मलाशय से लेकर फेफड़ों तक में बहुत तेजी से फैलता है। यह बीमारी ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) नाम के वायरस के संक्रमण की वजह से होती है, जो महिलाएं ज्यादा धूम्रपान करती हैं या इम्यूनिटी को दबाने वाली दवाओं का ज्यादा सेवन करती हैं, उन्हें इस कैंसर का खतरा ज्यादा होता है।

सर्वाइकल कैंसर के बढ़ते मामले

महिलाओं के लिए दूसरी सबसे खतरनाक बीमारी सर्वाइकल कैंसर है। महिलाओं में हर तरह के कैंसर के करीब 18% मामले सामने आते हैं। हर साल करीब 1,20,000 नए मामले सर्वाइकल कैंसर के आते हैं, जिसमें 77 हजार से ज्यादा महिलाओं की मौत हो जाती है। यानी हर रोज करीब 211 महिलाएं सर्वाइकल कैंसर से जान गंवाती हैं। देश में सर्वाइकल कैंसर की जांच महज एक फ़ीसदी महिलाएं कराती हैं। जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि कम से कम 70% महिलाओं की सर्वाइकल कैंसर की जांच होनी चाहिए।

सर्वाइकल कैंसर का टेस्ट कैसे होता है??

सर्वाइकल कैंसर उन चंद कैंसर्स में से एक है, जिसका पता कैंसर होने से पहले ही लगाया जा सकता है। यानी की रेगुलर स्क्रीनिंग के दौरान इसकी शिनाख्त हो सकती है। इसका कारण यह है कि यह कैंसर बहुत धीमी गति से सालों में विकसित होता है। इसलिए यदि कोई महिला रेगुलर स्क्रीनिंग करवा रही है, तो यह कैंसर खतरनाक रूप लेने से पहले ही पकड़ में आ जाता है। सर्वाइकल कैंसर डिटेक्शन के लिए एक टेस्ट होता है, जिसे PAP Smear टेस्ट कहते हैं। यह टेस्ट देश के सभी छोटे-बड़े अस्पतालों में आसानी से उपलब्ध है।

PAP Smear टेस्ट में सर्विक्स एरिया की सेल्स लेकर उसकी टेस्टिंग की जाती है और यह देखा जाता है कि उनमें कोई असामान्य ग्रोथ तो नहीं है। अगर PAP Smear टेस्ट पॉजिटिव आता है, तो अगला टेस्ट होता है HPV DNA Test, जो सर्विस सेल्स में HPV वायरस की मौजूदगी की शिनाख्त करता है। यह टेस्ट भी पॉजिटिव हो तो इसके बाद बायोस्पी की जाती है। 30 वर्ष के बाद महिलाओं को नियमित रूप से PAP Smear स्क्रीनिंग टेस्ट करवाना चाहिए। सर्वाइकल कैंसर खतरनाक और जानलेवा तभी बनता है, जब समय रहते पकड़ में ना आए।

सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम में वैक्सीन कैसे उपयोगी है?

चूँकि यह कैंसर वायरस के कारण फैलता है, इसलिए वायरस जनित अन्य बीमारियों की तरह वैक्सीन के जरिए इससे भी बचाव मुमकिन है। जैसे- मेडिकल साइंस ने पोलियो, खसरा या कोविड जैसी वायरस इनफेक्टेड बीमारियों के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता पैदा करने वाली वैक्सीन बनाई, वैसे ही सर्वाइकल कैंसर से लड़ने में भी वैक्सीन काफी उपयोगी है। यदि वैक्सीन HPV वायरस के खिलाफ बॉडी में प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर देती है, तो इससे वायरस के संपर्क में आने के बाद भी वह कैंसर में तब्दील नहीं होता।

क्या कोई भी महिला उम्र के किसी भी पड़ाव पर सर्वाइकल कैंसर वैक्सीन लगवा सकती है ?

नहीं। सर्वाइकल कैंसर वैक्सीन तभी कारगर होती है, जब सेक्शुअली एक्टिव होने से पहले यह वैक्सीन लगवाई जाए। इसलिए लड़कियों को 9 से 14 वर्ष के भीतर यह वैक्सीन लगवाई जानी चाहिए।

सर्वावेक टीका (Cervavac)

डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने सितंबर 2022 में सर्वाइकल कैंसर बीमारी की रोकथाम के लिए भारत के पहले स्वदेशी रूप से विकसित टीके सर्वावेक की घोषणा की थी, जिसे डीबीटी और सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया, पुणे द्वारा विकसित किया गया था। यह टीका HPV के चारों वेरिएंट्स 16, 18, 6 और 11 से इम्यूनिटी प्रदान करेगा। इस वैक्सीन की कीमत 200 से ₹400 प्रति डोज होगी। अभी मार्केट में उपलब्ध सर्वाइकल वैक्सीन की कीमत 3000 से ₹5000 प्रति डोज है।

9 से 14 साल की लड़कियों को फ्री वैक्सीन

वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि देशभर में 9 से 14 साल की लड़कियों को मुफ्त में HPV वैक्सीन लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार का मुख्य मकसद सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम करना है। उन्होंने अपने भाषण में यह भी कहा कि इस मिशन की शुरुआत मिशन इंद्रधनुष के जरिए की जाएगी। सर्वाइकल कैंसर के कारण हर साल हजारों महिलाओं की जान जा रही है।

क्या वैक्सीन से बचेगी जान ?

उल्लेखनीय है कि सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए वैक्सीन उपलब्ध है। अगर सही उम्र में इस वैक्सीन को लगवा दिया जाए, तो इस गंभीर बीमारी को 98% तक काम किया जा सकता है। ये बीमारी कितनी खतरनाक है ? इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि इसका कोई भी लक्षण जल्दी नहीं दिखता है। बाद में केवल जांच पर ही इस बीमारी का पता चलता है। दुनिया के कई देशों में इस बीमारी से बचने के लिए मुफ्त वैक्सीन लगवाई जाती है।

भारत में सर्वाइकल कैंसर के मामले तेजी से बढ़ने के कारण

बहुत सारे लोग इसके लिए आधुनिकता को जिम्मेदार बता सकते हैं, लेकिन मेडिकल करियर अपने 60 साल के अनुभव से अज्ञानता को इसका सबसे बड़ा कारण मानता है !! वो कैसे ?? तो आइए, उसका भी कारण जानते हैं।

महिला स्वास्थ्य को लेकर समाज, परिवार और यहां तक की महिलाओं में भी सजगता का बहुत अभाव है। आप अपने आसपास लड़कियों के बीच यह प्रयोग करके देखिए !! यकीन मानिए अज्ञानता ही इसका सबसे बड़ा कारण नजर आएगा।

लड़कियों से कैसे सवाल पूछे ?

उनसे ये सवाल पूछिए:

  • सर्वाइकल कैंसर क्या होता है?
  • पैप स्मीयर टेस्ट क्या होता है?
  • मैमोग्राम क्या होता है?

ये सवाल पूछने के बाद आपको पता लगेगा कि 10 में से 9 लड़कियों को इन सवालों के जवाब नहीं पता हैं। जब उन्हें इन विषयों के बारे में ज्ञान ही नहीं होगा, तो वे सावधानी कैसे बरतेंगी ? अज्ञानता की वजह से लड़कियां रेगुलर कैंसर स्क्रीनिंग नहीं करवातीं। शुरुआती लक्षणों को इग्नोर कर देती हैं और जब तक पता चलता है, तब तक काफी देर हो चुकी होती है।

लड़कियां और महिलाएं अपने शरीर के प्रति ज्यादा सजग और जिम्मेदार कैसे हो सकती हैं?

सबसे पहले तो अपने शरीर को समझने की आवश्यकता है। शरीर को समझने का मतलब पीरियड्स, प्रेगनेंसी और कांट्रेसेप्शन के विज्ञान को समझिए। अपने शरीर का ध्यान रखिए और किसी भी तरह के बदलाव को बिल्कुल इग्नोर मत करिए। जैसे कि:

  • समय पर पीरियड्स का ना होना।
  • पीरियड्स के दौरान असहनीय दर्द होना।
  • बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होना।
  • पीरियड्स के बीच में कभी भी हल्की ब्लीडिंग होना।
  • इंटरकोर्स के समय शारीरिक पीड़ा।
  • यूरिनल इन्फेक्शन।
  • वेजाइनल इनफेक्शन।

भारत Vs अन्य देशों में जांच की स्थिति

  • भारत में सर्वाइकल, ब्रेस्ट और ब्रेस्ट कैंसर की जांच क्रमशः 1.2%, 0.6% और 0.7% जांच हुई।
  • स्वीडन, आयरलैंड, अमेरिका और ब्रिटेन में 70 फ़ीसदी से अधिक महिलाओं की कैंसर की जांच हुई।
  • ब्रिक्स देशों में 2019 के दौरान 30 से 49 साल की महिलाओं की सर्वाइकल कैंसर की जांच हुई।
  • रूस में 93%, ब्राजील में 58%, दक्षिण अफ्रीका में 52%, वहीं भारत, मिस्र इथियोपिया में 5% से भी कम महिलाओं की स्क्रीनिंग हुई।

स्क्रीनिंग में लड़कियों के आंकड़े

  • तमिलनाडु में ज्यादातर उम्रदराज महिलाओं की स्क्रीनिंग की गई।
  • अपोलो अस्पताल ने 5 वर्षों में 1.5 लाख महिलाओं की जांच की।
  • इनमें से 40 साल से कम उम्र की 25% महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर मिला।
  • कम उम्र की महिलाओं, लड़कियों में सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग जरूरी है।

बंगाल, गुजरात सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग में पीछे

  • 7% महिलाओं की तमिलनाडु में सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग हुई।
  • 3.8% महिलाओं ने तमिलनाडु में ब्रेस्ट कैंसर की मेडिकल जांच कराई।
  • 5% महिलाओं ने आंध्र प्रदेश में ओरल कैंसर की स्क्रीनिंग कराई।
  • 0.1% महिलाएं ही पश्चिम बंगाल में सर्वाइकल कैंसर की जांच करा पाईं।
  • 0.2% महिलाओं की कैंसर की जांच हुई गुजरात में, जो पश्चिम बंगाल के बाद सबसे कम है।
  • 1% महिलाओं की सर्वाइकल और ब्रेस्ट कैंसर की जांच हुई केरल, मिजोरम, मणिपुर और महाराष्ट्र में।

सर्वाइकल कैंसर को लेकर WHO का प्लान

WHO के मुताबिक, सर्वाइकल कैंसर खत्म करने के लिए इसकी वैक्सीन, स्क्रीनिंग और ट्रीटमेंट पर ज्यादा फोकस किया जाना चाहिए। 194 देशों में 15 साल की उम्र वाली 90% लड़कियों को 2030 तक वैक्सीन दी जाएगी, ताकि इस कैंसर की वजह बनने वाले ह्यूमन पैपिलोमा वायरस को रोका जा सके। 35 साल या इससे अधिक उम्र वाली 70% महिलाओं की हाई परफार्मेंस स्क्रीनिंग कराई जाएगी। 45 साल या इससे अधिक उम्र वाली 90% महिलाओं की जांच की जाएगी और मामला सामने आने पर इलाज किया जाएगा।

क्या लड़कों को भी परेशान करता है HPV?

  • अमेरिका में 10 में से 4 लड़के प्रभावित।
  • करीब 19,000 लड़कों में वायरस मिला।
  • प्राइवेट पार्ट, सिर और गले के कैंसर का डर।
  • 9 से 14 साल की उम्र तक लगनी चाहिए HPV वैक्सीन।
  • पुरुषों में पैप स्मीयर जैसा कोई टेस्ट नहीं।

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FAQ:

प्रश्न: क्या सर्वाइकल कैंसर ठीक नहीं हो सकता?

उत्तर: सर्वाइकल कैंसर ठीक हो सकता है। समय रहते इसकी जांच कर लेनी चाहिए। पैप स्मीयर टेस्ट में यह डिटेक्ट होता है।

प्रश्न: एक से ज्यादा पार्टनर हों, तो सर्वाइकल कैंसर हो सकता है?

उत्तर: सर्वाइकल कैंसर एक पार्टनर से भी हो सकता है। यह कैंसर कब, किससे और कैसे हो सकता है? इसका कोई कारण नहीं बता सकता।

प्रश्न: क्या सर्वाइकल कैंसर जेनेटिक होता है?

उत्तर: ब्रेस्ट कैंसर और ओवेरियन कैंसर की तरह ही सर्वाइकल कैंसर जेनेटिक नहीं होता।

प्रश्न: अगर लक्षण नहीं हैं, तो क्या जांच की जरूरत है?

उत्तर: 21 साल के बाद पैप स्मीयर टेस्ट जरूरी है। शरीर में सर्वाइकल सेल्स की एब्नॉर्मल एक्टिविटी है, तो स्क्रीनिंग में आ जाती है।

प्रश्न: क्या पैप स्मीयर टेस्ट दर्दनाक होता है?

उत्तर: यह टेस्ट दर्दनाक नहीं होता, लेकिन इससे महिला असहज जरूर हो सकती हैं।

प्रश्न: पैप स्मीयर टेस्ट में कितना समय लगता है?

उत्तर: महज 2 मिनट।

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