भारत में जल निकायों की पहली गणना | First census of water bodies in India

जल निकायों की पहली गणना

Water Bodies Census: आज के इस लेख में हम, हाल ही में जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जारी भारत के जल निकायों की गणना के बारे में जानेंगे कि यह क्या है और यह गणना भविष्य के मद्देनजर जल निकायों की सुरक्षा की दृष्टिकोण से कितनी महत्वपूर्ण होने वाली है?

तो आइए जानते हैं…..

चर्चा में क्यों

जल शक्ति मंत्रालय ने हाल ही में देश के जल संसाधनों में महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि का खुलासा करते हुए जल निकायों की अपनी पहली गणना की रिपोर्ट जारी की है। यह गणना भारत में जल स्रोतों की एक व्यापक सूची प्रदान करती है, जो ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच असमानताओं और अतिक्रमण के विभिन्न स्तरों को उजागर करती है।

जल निकाय से तात्पर्य

जल शक्ति मंत्रालय द्वारा की गई गणना के अनुसार जल निकाय से तात्पर्य सिंचाई या अन्य उद्देश्यों (उदाहरण के लिए औद्योगिक, मत्स्यपालन, घरेलू /पीने, मनोरंजन, धार्मिक, भूजल पुनर्भरण आदि के लिए पानी के भंडारण के लिए उपयोग किए जाने वाले प्राकृतिक या मानव निर्मित इकाइयों से है।

आमतौर पर जल निकाय विभिन्न प्रकार के होते हैं, जिन्हें विभिन्न नामों से जाना जाता है। जैसे- टैंक, तालाब, जलाशय, बांध….. इत्यादि।

ऐसी संरचना, जहां बर्फ-पिघलने, धाराओं, झरनों, बारिश या आवासीय या क्षेत्रों से जल निकासी का पानी जमा होता है या पानी को एक धारा, नाला या नदी से डायवर्सन (परिवर्तित मार्ग) द्वारा संगृहीत किया जाता है, उसे भी जल निकाय माना जाएगा।

जल निकायों की गणना क्या है – What Is The Water Bodies Census?

  • 2017-18 के लिए छठी लघु सिंचाई संगणना के संयोजन में जल निकायों की यह गणना की गई थी।
  • यह एक जल निकाय को सिंचाई या अन्य उद्देश्यों के लिए पानी के भंडारण के लिए उपयोग किए जाने वाले चारों ओर से दीवार युक्त या खुले हुए प्राकृतिक या मानव निर्मित इकाइयों के रूप में परिभाषित करता है।
  • गणना का उद्देश्य भारत के जल संसाधनों की एक सूची प्रदान करना है, जिसमें प्राकृतिक और मानव निर्मित जल निकाय, जैसे- तालाब, टैंक, झील, झरने, बांध….. इत्यादि शामिल हैं।
  • इसके अलावा ऐसे जल निकायों का भी डाटा एकत्र करना है, जिन पर अतिक्रमण है।

कुल जल निकाय में विभिन्न प्रकार के जल निकायों का योगदान

क्रमांकजल निकायप्रतिशतसंख्या
1.तालाब59.5%14,42,993
2.टैंक 15.7%3,81,805
3.जलाशय12.1%2,92,280
4.जल संरक्षण योजनाएं/रिसाव टैंक/ चेक डैम 9.3%2,26,217
5.झीलें 0.9%22,361
6.अन्य2.5%58,884
विभिन्न प्रकार के जल निकायों के आंकड़े

जल निकायों की गणना से प्राप्त प्रमुख जानकारियां

  • इस गणना ने देश भर में कुल 24,24,540 जल निकायों का आंकड़ा प्राप्त किया, जिसमें पश्चिम बंगाल 7.47 लाख जल निकायों के साथ शीर्ष पर रहा, वहीं सिक्किम 134 जल निकायों के साथ सबसे नीचे रहा।
  • पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक तालाब और जलाशय हैं।
  • जिले की बात करें, तो जल निकायों के मामले में पश्चिम बंगाल का दक्षिण 24 परगना जिला शीर्ष पर रहा।
  • आंध्र प्रदेश में सबसे ज्यादा टैंक हैं।
  • तमिलनाडु में सबसे अधिक झीलें हैं।
  • जल संरक्षण योजनाओं में महाराष्ट्र अव्वल है।
  • रिपोर्ट में बताया गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में 97.1% जल निकाय हैं, वही शहरी क्षेत्रों में केवल 2.9% जल निकाय हैं।
  • अधिकांश जल निकाय तालाब हैं।

जल निकायों पर अतिक्रमण

  • गणना ने पहली बार जल निकायों पर अतिक्रमण का डेटा एकत्रित किया, जिससे पता चला कि 1.6% जल निकायों पर अतिक्रमण है, इनमें से 95.4% ग्रामीण क्षेत्रों में हैं और 4.6% शहरी क्षेत्रों में हैं।
  • जिन जल निकायों पर अतिक्रमण है, उनके कुल क्षेत्र के 75% हिस्से पर अतिक्रमण किया जा चुका है।

जल निकायों की गणना का महत्व

  • यह गणना नीति निर्माताओं को जल संसाधन प्रबंधन और संरक्षण के बारे में आगामी निर्णय लेने के लिए महत्वपूर्ण डाटा प्रदान करेगी।
  • यह गणना ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के जल निकायों के बीच असमानताओं और निरंतर बढ़ रहे अतिक्रमण को रोकने के लिए प्रभावी उपायों की आवश्यकताओं को चिन्हित करती है।
  • गणना में एकत्र किया गया डेटा भारत के जल निकायों के भविष्य के आकलन के लिये आधार रेखा के रूप में काम कर सकता है, जो स्थायी जल प्रबंधन की दिशा में परिवर्तन और प्रगति की निगरानी में मदद करेगा।

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