क्या होता है चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ यानी कि CDS ? कैसे होती है नियुक्ति और क्या होती है इनकी भूमिका ?

क्या होता है CDS? CDS की नियुक्ति, कार्य व भूमिका

आज के इस लेख में हम चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ यानी कि CDS के बारे में जानेंगे कि CDS की अवधारणा कैसी आई, साथ ही इनकी नियुक्ति व भूमिका के बारे में भी जानेंगे?

तो आइए जानते हैं…….

चर्चा में क्यों ?

जैसा की हम सभी जानते हैं कि देश के पहले CDS, जनरल बिपिन रावत जी की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में 09 दिसंबर 2021 को मृत्यु हो गयी थी, तब से यह पद खाली था। हाल ही में 09 महीने के लंबे अंतराल के बाद देश के दूसरे CDS के रूप में रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान की नियुक्ति की गयी है। खासतौर से चर्चा इसलिए है, क्योंकि इनकी नियुक्ति करने में नियम में बदलाव किए गए हैं।

नियम में क्या बदलाव किए गए हैं? आइए जानते हैं।

CDS की नियुक्ति में नियम में क्या किए गए बदलाव?

देश के पहले CDS के रूप में बिपिन रावत जी ने अपना कार्यभार 01 जनवरी 2020 को संभाला था। जब उन्होंने इस पद को संभाला था, तब वो जनरल की पोस्ट में कार्यरत थे। यहाँ पर ध्यान देने योग्य बात ये है कि देश के दूसरे CDS के रूप में जिनकी नियुक्ति हुई है, एक तो वो एक रिटायर्ड ऑफिसर हैं, दूसरी बात ये कि उनका पद जनरल के पद से एक पद नीचे का है।

CDS का पद जब सृजित किया गया था, तो नियम में इस बात का उल्लेख किया गया था कि CDS, फोर स्टार जनरल रैंक का अधिकारी ही बनेगा और वह तीनों सेना में से किसी भी सेना का प्रमुख हो सकता है। मतलब CDS का पद सेना प्रमुखों के समतुल्य ही एक पद है। भारत सरकार को CDS बनाना था अनिल चौहान को इसलिए सरकार ने नियम में बदलाव कर दिए।

तो 07 जून 2022 को CDS की नियुक्ति के नियम में बदलाव किए गए। सरकार ने सेना नियम- 1954, नौसेना समारोह, शर्तें सेवा और विविध विनियम- 1963 और वायु सेना विनियम, 1964 में संशोधन करते हुए ये जोड़ दिया कि केंद्र सरकार सार्वजनिक हितों को देखते हुए चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ के रूप में एक ऐसे अधिकारी की नियुक्ति कर सकती है, जो या तो लेफ्टिनेंट जनरल, वाइस एडमिरल, एयर मार्शल या जनरल, एडमिरल, एयर चीफ मार्शल के रूप में कार्यरत हो या फिर सेवानिवृत्त हो चुका हो।

इसके अलावा इसमें यह भी जोड़ दिया गया कि जिसे CDS बनाया जाना है उनकी उम्र 62 वर्ष न हुई हो और बनने वाला व्यक्ति 65 वर्ष की उम्र तक CDS के पद पर रह सकता है। तो कुलमिलाकर ये नियम अनिल चौहान को CDS बनाने के लिए ही बनाए गए, क्योंकि अनिल चौहान 61 वर्ष के हो चुके थे। मतलब 62 वर्ष से कम थे और दूसरा ये कि लेफ्टिनेंट जनरल के पद से रिटायर भी हो चुके थे। साफ शब्दों में कहें तो नियम के सारे बिंदु इन्ही को मिलाते हुए बनाए गए।

क्या होता है CDS?

  • CDS, फोर स्टार जनरल के समतुल्य ही एक पद है। आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि सेना के क्षेत्र में तीनों सेनाओं के जो प्रमुख हैं, उनसे बड़ा कोई और पद नहीं होता है। जैसे थल सेना में जनरल। ऐसे ही नौसेना में एडमिरल और वायुसेना में एयर चीफ मार्शल। मतलब CDS फोर स्टार तीनों सेनाओं के प्रमुखों के लेवल का ही एक पद है। कुलमिलाकर ऐसे समझे कि तीन तो सेना प्रमुख होंगे और उनके अलावा एक CDS.
  • देश का चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ, इंडियन आर्म्ड फोर्सेज का मिलिट्री प्रमुख और इंडियन आर्म्ड फोर्सेज की चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी का चेयरमैन होता है।
  • चीफ ऑफ डिफेन्स एक चार (फोर) स्टार जनरल होता है। CDS रक्षा मंत्रालय द्वारा बनाए गए नए विभाग डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स का प्रमुख होता है।
  • अब आपके मन में ऐसा सवाल आ रहा होगा कि जब उसी लेवल का पद है, तो इनको चीफ क्यों बोला जा रहा है। तो इसको ऐसे समझिए की तीनों सेनाओं के तीन प्रमुख हो गए और उनके समकक्ष एक प्रमुख और आ गए हैं, जो तीनों सेना प्रमुखों के साथ समन्वय स्थापित करके, इनसे बातों में आम सहमति लेकर, देश के अंदर जो भी सुरक्षा विभाग है, रक्षा मंत्रालय है, प्रधानमंत्री हैं, उनको सिंगल प्वाइंट ऑफ़ कांटेक्ट के जरिए मिलेंगे।
  • मतलब तीनों सेनाओं के प्रमुख की बातचीत और रणनीति CDS को पता होगी और वह अकेले ही इन सभी की जानकारी, राय और विचार रक्षा मंत्रालय तक पहुंचा देंगे।
  • चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ की नियुक्ति आर्म्ड फोर्सेज के बीच आवश्यक तालमेल लाने के लिए हुई है। इसका उद्देश्य सेना में जॉइंटमैनशिप को बढ़ाना है, जिससे संसाधनों की बर्बादी और निर्णय लेने में होने वाली देरी को रोका जा सके।
  • रक्षा मंत्रालय में पहले से ही चार विभाग थे- डिपार्टमेंट ऑफ डिफेन्स, डिपार्टमेंट ऑफ डिफेन्स प्रोडक्शन, डिपार्टमेंट ऑफ एक्स सर्विसमेन वेलफेयर और डीआरडीओ, अब पांचवें नए विभाग, डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स का प्रमुख चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ को बनाया गया है।

क्यों पड़ी चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ की जरूरत?

  • चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ की कमी देश को सबसे पहले 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान खली थी। उस समय अगर आर्मी और एयरफोर्स ने समन्वित हमला किया होता, तो इस युद्ध का फैसला कुछ और हो सकता था। उस समय चीनी सेनाओं के पास एयर सपोर्ट नहीं था।
  • सेना के तीनों अंगों के बीच को-आर्डिनेशन की कमी 1987-89 के दौरान भारतीय शांति सेना (IPKF) द्वारा श्रीलंका में LTTE के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन के दौरान भी देखी गई थी। उस ऑपरेशन में नेवी और एयरफोर्स के कमांडर ओवरऑल फोर्स कमांडर (OFC) के अंडर में थे, लेकिन कहा जाता है कि OFC संपर्क अधिकारी से ज्यादा कुछ नहीं थे।
  • चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ की सबसे अधिक जरूरत 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान महसूस की गई थी, जिसमें आर्मी के एयर सपोर्ट के निवेदन को शुरुआत में सुरक्षा मामलों की समिति (CCS) ने अस्वीकार कर दिया था, जिससे आर्मी को एयर फोर्स के हवाई हमले की मदद मिलने में कई हफ्तों की देरी हो गई थी।

ये सभी घटनाएँ 1947-48 में पाकिस्तान के खिलाफ लड़ाई और 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्धों के उदाहरणों से अलग हैं, जिनमें सेनाओं के ज्वाइंट ऑपरेशन ने भारत को जीत दिलाई थी।

कैसे हुआ चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ का गठन?

  • 1999 में कारगिल युद्ध के तुरंत बाद इस बात की समीक्षा के लिए कृष्णास्वामी सुब्रह्मण्यम के नेतृत्व में कारगिल रिव्यू कमिटी (KRC) का गठन किया गया था कि वे कौन सी कमियां थी जिनकी वजह से पाकिस्तानी सेना को रणनीतिक महत्व वाली जगहों पर कब्जा करने का मौका मिला।
  • कारगिल रिव्यू कमिटी की रिपोर्ट फरवरी 2000 में संसद में पेश की गई थी। इसमें कारगिल युद्ध के दौरान शुरुआत में सुस्त भारतीय प्रतिक्रिया, और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के उपायों का सुझाव दिया गया था।
  • इस कमिटी की सिफारिशों के बाद 2001 में गृह मंत्री लाल कृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में मंत्रियों के समूह (GoM) ने CDS की नियुक्ति की सिफारिश प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को सौंपी थी।
  • लेकिन CDS की नियुक्ति अगले दो दशक तक अलग-अलग वजहों से नहीं हो सकी। आखिरकार 15 अगस्त 2019 को स्वतंत्रता दिवस भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ का पद बनाए जाने की घोषणा की।

चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ की अवधारणा

ऊपर के दो बिंदुओं से आप सभी को CDS की अवधारणा का मामला समझ में आ गया होगा, तो CDS के पद को लेकर लंबा अंतराल खिचने के बाद आखिरकार 15 अगस्त 2019 को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने घोषणा की कि हम देश में CDS यानी कि चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ का पद सृजित करने जा रहे है। घोषणा के 04 महीने पश्चात, 30 दिसंबर 2019 को देश के पहले CDS के रूप में जनरल रैंक के अधिकारी बिपिन रावत जी की नियुक्ति कर दी गयी। 01 जनवरी 2020 को बिपिन रावत जी ने देश के पहले CDS के रूप में अपना पदभार संभाला।

CDS पद के सृजन में विदेश मंत्री एस. जयशंकर जी का पारिवारिक संबंध।

1999 के कारगिल युद्ध के बाद युद्ध की समीक्षा करने के लिए जो कारगिल रिव्यू कमिटी (KRC) का गठन किया गया था, उसका प्रमुख वर्तमान में हमारे विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर जी के पिता जी कृष्णास्वामी सुब्रह्मण्यम जी को बनाया था। संबंध तो देखिए, 1999-2000 से यानी कि जयशंकर जी के पिता जी के समय से उठा हुआ मामला 2019-2020 में जयशंकर जी के समय CDS के पद सृजन और उसकी नियुक्ति से पूर्ण हुआ।

मतलब जब CDS की आवश्यकता महसूस हुई और चर्चा हो रही थी उस समय जयशंकर जी के पिता जी का दौर था और जब CDS का पद सृजित हुआ और उनकी नियुक्ति हुई, वो दौरा एस. जयशंकर जी का था। आप सभी को पता ही होगा कि मोदी जी के दूसरे कार्यकाल यानी कि 2019 से जयशंकर साहब भारत के विदेश मंत्री हैं।

अनिल चौहान

18 मई 1961 में उत्तराखंड के पौढ़ी में जन्मे अनिल चौहान जी 11 गोरखा रायफल्स से 1981 में सेना में सम्मिलित हुए और मई 2021 में लेफ्टिनेंट जनरल के पद से रिटायर हुए। रिटायर होने के बाद अनिल चौहान जी को नया CDS यानी कि चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ बनाया गया। संयोग की बात ये है कि पहले चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ बिपिन रावत जी भी 11 गोरखा रायफल्स से ही सेना में भर्ती हुए थे और वो भी उत्तराखंड के ही थे।

अनिल चौहान जी 20 वर्ष की उम्र में सेना में शामिल हुए और 40 वर्षों तक सेना में अपनी सेवाएं दी। अपनी सेवा के दौरान उन्होंने UN मिशन के अंतर्गत अंगोला में भी काम किया। इसके अलावा उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक मामलों में भी काफी योगदान दिया। सेना में सेवा के दौरान चौहान जी ने काफी सारे पद अपने साथ रखे हैं।

पूर्वी कमान के ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ रह चुके हैं अनिल चौहान

लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान पूर्वी कमान के ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ रह चुके हैं। उन्होंने 01 सितम्बर 2019 को ये पद संभाला था। ये भारतीय सेना के DGMO भी रह चुके हैं। लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान 1981 से 2021 तक सेना में विभिन्न पदों पर रहे। इस दौरान उन्हें परम विशिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, सेना मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल मिला।

रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान जी के प्रमुख मिशन

अनिल चौहान जी को आतंकवाद रोधी अभियानों में महारथ हासिल है। पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ रहने के दौरान पूर्वोत्तर क्षेत्र में उग्रवाद में कमी आई। बतौर DGMO वह ऑपरेशन सनराइज के मुख्य शिल्पी थे, इसके अंतर्गत भारतीय और म्यांमार सेना ने सीमाओं के पास उग्रवादियों के खिलाफ अभियान चलाया। चौहान बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक की प्लानिंग से भी जुड़े थे।

देश की सेना में पहला ऐसा उदाहरण

देश की सेना में ये पहला ऐसा उदाहरण है, जब किसी रिटायर पर्सन को इस प्रकार से वापस सेना में सम्मिलित किया गया हो। जनरल बिपिन रावत जी को जब चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ (CDS) बनाया था, तब वो जनरल के पद पर कार्यरत थे।

क्या होती है चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ की भूमिका?

  • चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ तीनों सेनाओं से जुड़े मामलों में प्रमुख सैन्य सलाहकार के रूप में काम करता है। CDS भले ही तीनों सेनाओं से जुडे मामलों में रक्षा मंत्रालय को सलाह देता है, लेकिन अब भी तीनों सेनाओं- आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के प्रमखु ही उनकी संबंधित सेवाओं से जुड़े मामलों में सलाह देते हैं।
  • भारत एक न्यूक्लिअर वेपन से संपन्न देश है, ऐसे में CDS न्यूक्लिअर कमांड अथॉरिटी के लिए सैन्य सलाहकार के तौर पर भी काम करता है, इस कमांड का अध्यक्ष प्रधानमंत्री होता है।
  • भारत ने 2008 में सेना, अंतरिक्ष विभाग और अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के बीच बेहतर तालमेल के लिए अपने एयरोस्पेस कमांड (द इंटीग्रेटेड स्पेस सेल) का गठन किया था। CDS के पास इस साइबर वारफेयर डिवीज़न का भी चार्ज है।
  • CDS का काम अनुमानित बजट के आधार पर तीनों सेनाओं की लॉजिस्टिक्स के साथ-साथ कैपिटल एक्विजिशन की जरूरतों को सुव्यवस्थित करने में मदद करना है।

चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ और तीनों सेना प्रमुखों की भूमिकाओं में अंतर?

  • CDS किसी भी तरह का ऑपरेशनल या मिलिट्री कमांड नहीं दे सकता। यानी वह तीनों सेनाओं के प्रमुखों के ऊपर कोई भी सैन्य आदेश जारी नहीं कर सकता है।
  • CDS का काम सैन्य आदेश जारी करने के बजाय तीनों सेनाओं से जुड़े मामलों में सरकार को निष्पक्ष सलाह देना है।
  • आर्मी, नेवी या एयरफोर्स को सैन्य कमांड देने का काम कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की सलाह पर उनके प्रमुख ही करते हैं, न कि चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ।
  • तीनों सेनाओं के प्रमुखों की तरह ही चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ भी एक चार स्टार जनरल होता है।
  • चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ की सैलरी, भत्ते और योग्यताएं भी तीनों सेना प्रमुखों के बराबर ही होती है।

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