शेयर मार्केट क्रैश क्या होता है और यह किन कारणों की वजह से होता है? समझिए सरल शब्दों में

आज के इस लेख में हम शेयर मार्केट क्रैश के बारे में जानेंगे कि ‘शेयर मार्केट क्रैश – Share Market Crash’ क्या होता है और यह किन कारणों की वजह से होता है, साथ ही इस शब्द के महत्व और इससे होने वाले नुकसान व फायदों के बारे में भी जानेंगे।

तो आइए जानते हैं…..

शेयर मार्केट क्रैश – Share Market Crash

शेयर बाजार में जब शेयरों के भाव अचानक नीचे गिर जाएं या फिर ऐसा कहें कि एक ऐसा घटनाक्रम, जो समय अंतराल के हिसाब से बहुत ही तात्क्षणिक हो, जिसकी गणना करने के लिए बड़े-बड़े अर्थशास्त्रियों का दिमाग चकरा जाए और वो इसकी कल्पना न कर पाएं कि अरे ये कैसे हो गया। तो शेयर मार्केट में इस प्रकार की घटनाओं को शेयर मार्केट क्रैश कहा जाता है।

उदाहरण के तौर पर ऐसे समझिए कि आज रात 12 बजे आपके एक शेयर की वैल्यू 5000 है और सुबह जागने के बाद जैसे ही आपने अपने शेयर की वैल्यू चेक की, तो आपके एक शेयर की वैल्यू 3000 हो गयी, तो इस प्रकार की घटनाओं को शेयर मार्केट क्रैश कहा जाता है।

कहा जाता है कि यदि मार्केट में शेयर की वैल्यू 10 प्रतिशत या इससे ज्यादा गिर जाए, तो उसे शेयर मार्केट क्रैश की श्रेणी में डाल दिया जाता है।

किन कारणों की वजह से शेयर मार्केट क्रैश होता है – What causes stock market crash ?

शेयर मार्केट क्रैश होने के बहुत से कारण हैं और भी कई कारण हो सकते हैं। कुछ घटनाएं अप्रत्याशित (Unpredictable) होती है और उनकी वजह से अचानक शेयर मार्केट में उथल-पुथल हो जाती है। जैसे- आतंकवादी गतिविधियां – Terrorist Activities. तो आइए शेयर मार्केट क्रैश होने के कारणों के बारे में जान लेते हैं।

  1. आतंकी गतिविधियां
  2. युद्ध
  3. सरकार में बदलाव
  4. घोटाले
  5. प्राकृतिक आपदाएं
  6. Bull मार्केट की वजह से बुलबुला बनकर अचानक फूटना
  7. व्यापार युद्ध
  8. महामारी

आतंकी गतिविधियां – Terrorist Activities

आतंकी गतिविधि एक अप्रत्याशित घटना है। किसी को पता थोड़ी होता है कि कब आतंकवादी गतिविधियां हो जाएंगी। आतंकी गतिविधि होने से टूरिस्ट सेक्टर बुरी तरह से प्रभावित हो जाता है। पता नहीं कितने लोगों को इससे नुकसान हो जाता है।

अब आप सोचेंगे कि वो कैसे? तो सोचिए जरा, जो टूरिस्ट आएंगे, वो अपनी यात्रा में किसी न किसी वाहन का उपयोग जरूर करेंगे, कहीं न कहीं रुकेंगे जरूर, खाना भी खाएंगे और उस क्षेत्र से संबंधित तरह-तरह की चीजों की खरीददारी भी करेंगे। जब आतंकी गतिविधियां हो जाती हैं, तो टूरिस्ट आतंक वाली जगह जाने से परहेज करते हैं। इस वजह से शेयर मार्केट में अचानक गिरावट देखने को मिलती है।

युद्ध – War

किसी क्षेत्र विशेष में जब युद्ध की स्थिति निर्मित हो जाती है, तो वहां का मार्केट बुरी तरह से प्रभावित हो जाता है। रूस-यूक्रेन को देख लीजिए। युद्ध की स्थिति में होता क्या है कि लोगों का पूरा ध्यान युद्ध की तरफ केंद्रित हो जाता है और लोग खरीददारी करने से परहेज करने लगते हैं। परहेज करने का सबसे बड़ा युद्ध वाले इलाकों में सामान की आपूर्ति न हो पाने की वजह से महंगाई का बढ़ना। इस प्रकार से शेयर मार्केट क्रैश होने में युद्ध की अहम भूमिका होती है।

सरकार में बदलाव – Change In Government

जैसे कुछ लोगों को लगता है कि ये जो वर्तमान में सरकार चल रही है, यह फला कंपनी की समर्थक और फला कंपनी की विरोधी है और अगर ये सरकार बदल गई, तो आने वाली सरकार वर्तमान में सरकार द्वारा समर्थित कंपनी के खिलाफ जांच बैठा देगी और इससे हमें बहुत बड़ा घाटा हो सकता है। इस सोच के चलते लोग सरकार बदलने से पहले ही अपने शेयर बेचने की भगदड़ मचा देते हैं। इससे शेयर मार्केट में अचानक गिरावट देखने को मिलती है। आप सभी ने सुना ही होगा कि कुछ लोग मोदी सरकार को अंबानी-अडानी समर्थित सरकार कहते हैं।

घोटाले – Scams

अचानक कोई घोटाला सुनने को मिल जाए, तो लोग डर व घबरा जाते हैं और इस वजह से भगदड़ मच जाती है। लोगों को ऐसा लगने लगता है कि कहीं उनके साथ भी ऐसा न हो जाए। इस वजह से शेयर मार्केट में बिकवाली की बौछार हो जाती है। एक-दूसरे को देख-देखकर बहुत सारे लोग अपने शेयर बेचने लगते हैं और शेयर मार्केट पूरी तरह से चौपट हो जाता है। हर्षद मेहता स्कैम और सत्यम स्कैम के बारे में आप सभी ने जरूर सुना होगा।

प्राकृतिक आपदाएं – Natural Disasters

किसी भी देश में लगातार प्राकृतिक आपदाओं की वजह से भी शेयर मार्केट क्रैश हो जाता है। जैसे- पाकिस्तान में बाढ़ की वजह से बहुत ज्यादा तबाही हो गई थी। यहां तक कि भुखमरी की स्थिति निर्मित हो गई थी। सोचिए जरा, जब खाने के लिए पैसे नहीं हैं, तो शेयर मार्केट का क्या हाल हुआ होगा, यानी कि शेयर मार्केट क्रैश।

Bull मार्केट की वजह से बुलबुला बनकर अचानक फूटना – bubble bursts

इसको ऐसे समझें, जैसे मान लीजिए कि किसी कंपनी के शेयरों की वास्तविक कीमत कुछ और है और बाजार में बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया कुछ और जा रहा है। निवेशकों को क्या लगता है कि इस कंपनी के शेयर में जबरदस्त तेजी जारी है, ऐसी स्थिति में बहुत से निवेशक बहुत ज्यादा निवेश कर ज्यादा मुनाफा कमाने की कोशिश में लग जाते हैं। इस प्रकार से लगातार मार्केट ऊपर की ओर बढ़ता जाता है।

लगातार ओवरवैल्यूशन की वजह से शेयरों के भाव का एक बड़ा Bubble बन जाता है और जैसे ही सच्चाई सामने आती है कि कंपनी द्वारा शेयरों के जो भाव दिखाए जा रहे हैं, वास्तव में उनकी इतनी ज्यादा कीमत नहीं है। इस स्थिति में शेयरों के भाव का बना हुआ Bubble फूट जाता है और यही शेयर मार्केट क्रैश का कारण बनता है।

व्यापार युद्ध – Trade War

व्यापार युद्ध शेयर मार्केट क्रैश होने में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। इसको ऐसे समझें। जैसे- रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान अमेरिका और यूरोपियन यूनियन ने मिलकर रूस पर प्रतिबंध (Sanctions) लगा दिए। प्रतिबंध का मतलब ये हुआ कि रूस अब अमेरिका और यूरोपियन यूनियन में अपना सामान नहीं बेच पाएगा। अब सोचिए, इस हालात में रूस की कंपनियां जो सामान अमेरिका और यूरोपियन यूनियन में बेचतीं थीं, उसके लिए उन्हें दूसरा मार्केट ढूढ़ना पड़ेगा।

मार्केट कब तक में मिलेगा और कितना सामान बेच पाएंगे, इसकी क्या गारंटी है? इस हालात में निवेशक अपना शेयर बेच-बेचकर दूसरी कंपनियों में निवेश करने की सोचते लगते हैं और हालात बन जाते हैं शेयर मार्केट क्रैश होने के।

महामारी – Disease Pandemic

अचानक कोई महामारी फैल जाए, तब भी शेयर मार्केट क्रैश हो जाता है। कोरोना से तो आप सभी परिचित ही होंगे। कोरोना में ये हालात थे कि लगातार 03-06 महीनों तक आदमी घरों के अंदर पैक था, केवल आवश्यक उपयोग की चीजें ही लेने घर से बाहर जा सकते थे, जिनमें- राशन, सब्जी और दवाइयां शामिल हैं।

अब सोचिए जरा, इन आवश्यक वस्तुओं के अलावा, जो इतना बड़ा मार्केट है, उनका क्या हुआ होगा? पता नहीं लॉकडाउन में कितनी कंपनियां और फैक्ट्रियां बंद हो गई। इस प्रकार के हालात में शेयर मार्केट क्रैश नहीं होगा तो और क्या होगा?

शेयर मार्केट क्रैश के प्रभाव – effects of stock market crash

शेयर मार्केट के 10% या इससे ज्यादा गिरने से शेयर मार्केट क्रैश की स्थिति निर्मित हो जाती है, जिससे शेयर मार्केट, बियर शेयर मार्केट में तब्दील हो जाता है।

  • शेयर मार्केट क्रैश से अर्थव्यवस्था में मंदी पैदा हो जाती है।
  • शेयर के भाव में ज्यादा गिरावट आने की वजह से निवेशकों की वेल्थ में भी बहुत ज्यादा गिरावट आती है।
  • शेयर मार्केट क्रैश से कई छोटी कंपनियों के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगता है, यानी कि कंपनियां बंद होने की स्थिति में पहुँच जाती हैं।
  • शेयर मार्केट क्रैश होने की वजह से निर्मित हुई मंदी की वजह से उत्पादकता में हुई गिरावट की वजह से कई लोगों के रोजगार चले जाते हैं।

शेयर मार्केट क्रैश होने की स्थिति में निवेशक क्या करें – What should investors do in case of stock market crash ?

जब शेयर मार्केट क्रैश होने की स्थिति निर्मित हो जाए, तब एक अच्छे व समझदार निवेशक को स्थिर व मजबूत रहना चाहिए। घबराहट की वजह से कम कीमत में अपनी संपत्ति बेचकर बाजार से बाहर निकलना ज्ञानपूर्ण बात नहीं है। थोड़ा सा धैर्य धारण कर इंतजार कीजिए, जल्द ही वो दिन आएगा, जब आपके शेयर की कीमत फिर से अच्छी हो जाएगी। ऐसा कई बार कई कंपनियों के साथ हुआ है।

शेयर मार्केट क्रैश का फायदा कैसे उठाए – How to take advantage of stock market crash ?

देखा जाए, तो शेयर मार्केट क्रैश जहां एक तरफ कुछ निवेशकों को घाटा पहुंचाता है, वहीँ दूसरी तरफ कुछ निवेशकों के लिए अवसर भी लाता है, जिसका स्मार्ट इन्वेस्टर फायदा भी उठाते हैं। इस समय पेनिक होने की बजाय, अगर कुछ समझदारी दिखाई जाए, तो इससे सुनहरा अवसर नहीं हो सकता। स्टॉक मार्केट क्रैश में लगभग सभी शेयर्स के दामों में भारी गिरावट आ जाती है, जिससे कि वो काफी सस्ते हो जाते हैं।

लेकिन अधिकतर निवेशक एक बड़ी गलती करते हैं। जब शेयर के दाम लगातार बढ़ रहें होते हैं, तो वे अधिक दाम देकर भी शेयर की कीमत बढ़ने की आस में शेयर खरीद लेते हैं, जबकि जब वही शेयर काफी सस्ते में मिल रहे होते हैं, तो वह खरीदने से कतराते हैं।

मान लीजिए कि वर्तमान में SBI के एक शेयर की कीमत 400 रूपए है। शेयर मार्केट क्रैश होने की वजह से शेयर की कीमत 200 हो जाए। अब आप ही बताइए, आप इसे 400 में खरीदना पसंद करेंगे कि 200 में। शेयर मार्केट क्रैश में निसंदेह एक Buying Opportunity होती है। इसका मतलब यह नहीं कि आप कुछ भी खरीद लो। हमेशा वही शेयर खरीदे, जिनको आपने एनालिसिस किया हुआ है और जिनके बिजनेस मॉडल को आप समझते हैं।

अगर आप गिरावट के मार्केट में शेयर खरीद रहे हो, तो शेयर को लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के हिसाब से ही खरीदें। इसमें आप ऐसे पैसे से ही स्टॉक खरीदें, जिनकी आपको निकट भविष्य में आवश्यकता नहीं है। बिना सोचे समझे खरीदे गए शेयर आपको नुकसान भी पहुंचा सकते हैं। इसलिए हमेशा सोच-समझकर Quantity के पीछे न भागकर, Quality शेयर को थोड़ा-थोड़ा खरीदते रहें।

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