आज के इस लेख में हम बुलाने के लिए प्रयोग किए जाने वाले दो शब्दों आमंत्रण और निमंत्रण – Aamantran और Nimantran, जिसे अंग्रेजी में ‘Invitation’ कहा जाता है, के बीच अंतर के बारे में जानेंगे।
तो आइए जानते हैं…..
अपनी हिंदी भाषा में कुछ शब्द समानार्थी या समरूपी लगते हैं या हमें ऐसा लगता है कि दोनों का मतलब एक ही है, लेकिन उनके अर्थ में भिन्नता होती है। ऐसे कई शब्द हैं, जिनका इस्तेमाल हम अक्सर करते हैं, किन्तु गलत शब्दों का चुनाव करने के कारण वाक्य के मायने या उसका मतलब बदल जाता है या कई बार उनके मायने होते ही नहीं हैं। तो आइए ऐसे ही शब्दों में से दो शब्द आमंत्रण और निमंत्रण के बीच अंतर को समझते हैं।
आमंत्रण और निमंत्रण
दोनों शब्द समान लगते हैं और इनका अर्थ भी ‘बुलाना’ होता है, परंतु इन दोनों के बीच एक बारीक-सा अंतर है, जो इन्हें एक-दूसरे से भिन्न बनाता है। कहते हैं न की हिंदी में हर शब्द का अपना अलग-अलग मतलब होता है। गौर कीजिएगा बुलाने के लिए अंग्रेजी में एक ही शब्द है Invitation, वहीं हिंदी में बुलाने के लिए दो शब्द हैं आमंत्रण और निमंत्रण।
इन दोनों शब्दों का अलग-अलग जगह प्रयोग किया जाता है, तो आइए जानते हैं कि बुलाने के लिए कब आमंत्रण शब्द का प्रयोग किया जाता है और कब निमंत्रण शब्द का।
आमंत्रण – Aamantran
आमंत्रण शब्द का इस्तेमाल तब किया जाता है, जब सामने वाले व्यक्ति का आना उसकी इच्छा पर निर्भर करता है। यानी इसमें किसी प्रकार का बंधन नहीं है। मिसाल के तौर पर सामाजिक कार्यक्रम या सामूहिक कार्यक्रम, जैसे जागरण या बैठक का आयोजन। आमंत्रण में औपचारिकता का भाव होता है।
आमंत्रण देने वाले के लिए आमंत्रित व्यक्ति से किसी प्रकार का कोई पूर्व संबंध और परिचित होना जरूरी नहीं होता है। मतलब कि अंजान इंसान को भी आप किसी कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए आमंत्रित कर सकते हैं।
निमंत्रण – Nimantran
निमंत्रण शब्द का प्रयोग तब किया जाता है, जब सामने वाले व्यक्ति का आना अनिवार्य हो। मिसाल के तौर पर विवाह, भोज आदि। यह भावनात्मक होता है और अनौपचारिक भी। इसमें समय निर्धारित होता है, यानी कि दिए गए समय पर अतिथि के आने की अपेक्षा की जाती है।
निमंत्रण भेजने वाले का निमंत्रित व्यक्ति से किसी न किसी प्रकार का संबंध जरूर होता है। निमंत्रण का संबंध एक ऐसे समारोह से होता है, जिसमें खासतौर पर भोजन या नाश्ते की व्यवस्था होती है।
आमंत्रण और निमंत्रण में अंतर
- आमंत्रण और निमंत्रण दोनों ही शब्दों का प्रयोग किसी को बुलाने के लिए किया जाता है।
- अंग्रेजी में दोनों ही शब्दों की जगह इनविटेशन (Invitation) शब्द का प्रयोग किया जाता है।
- आमंत्रण किसी विषय विशेष पर किसी विशेष व्यक्ति/व्यक्तियों का बुलावा होता है। जैसे मान लीजिए की हमारे गाँव में किसी खेल के मैदान का उद्घाटन करना हो, तो हम अपने जिले के कलेक्टर साहब को आमंत्रित करें की कृपा करके आइए और हमारे खेल के मैदान का उद्घाटन कीजिए।
- निमंत्रण किसी अवसर विशेष पर व्यक्तियों का बुलावा होता है, जो हमसें कही-न-कही से सम्बंधित होते हैं।
- आमंत्रण में लक्ष्य निर्धारित होता है और लक्ष्य प्राप्त होते ही आमंत्रण समाप्त हो जाता है।
- निमंत्रण में लक्ष्य के साथ लोकाचार भी होता है। जैसे मान लीजिए कोई शादी का कार्यक्रम है।
- मंच पर वक्ता या कलाकार को आमंत्रित किया जाता है।
- सांस्कृतिक या किसी मनोरंजन के कार्यक्रम में श्रोता को आमंत्रित किया जाता है।
- मीटिंग, सेमिनार, समाज सेवा के कार्य, कला एवं सांस्कृतिक आयोजनों में भाग लेने के लिए लोगों को आमंत्रित किया जाता है।
- आमंत्रित हर व्यक्ति के पास एक लक्ष्य होता है। वह या तो वक्ता होता है या फिर श्रोता।
- आमंत्रण से व्यक्ति की प्रतिष्ठा जुड़ी हुई होती है।
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