आज के इस लेख में हम चर्चा में रहे डंकी रूट (Donkey Route), डंकी रूट में आने वाले जोखिम और उससे संबंधित अन्य तथ्यों के बारे में विस्तार से जानेंगे।
तो आइए जानते हैं…….
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारतीय नागरिकों को UAE के दुबई एयरपोर्ट से सेंट्रल अमेरिकन कंट्री निकारागुआ लेकर जा रहे एक सिविलियन एयरक्राफ्ट को फ्रांस में रोक लिया गया। हालांकि, इस एयरक्राफ्ट को रोके जाने की वजह मानव तस्करी की आशंका को माना जा रहा। इसके अलावा हाल ही में राजकुमार हिरानी द्वारा निर्देशित फिल्म डंकी रिलीज हुई है, जिसमें शाहरुख खान मुख्य भूमिका में हैं। इस फिल्म में डंकी रूट को प्रदर्शित किया गया है।
डंकी फिल्म में पंजाब के एक छोटे से गांव लालतू से चार दोस्तों द्वारा बिना टिकट और वीजा के मुश्किल परिस्थितियों में डंकी रूट से विदेश जाने की कहानी दिखाई गई है।
डंकी रूट क्या है (What is Donkey route)?
“डंकी रूट” एक देश से दूसरे देश में प्रवेश करने का अवैध और खतरनाक मार्ग है, जिसका उपयोग बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन जैसे देशों तक पहुंचने के लिए करते हैं। डंकी एक पंजाबी शब्द है, जिसका अर्थ है ‘एक स्थान से दूसरे स्थान पर छलांग लगाना।’ बिना पासपोर्ट और वीजा के कई देशों में अवैध रास्तों के माध्यम से प्रवेश करते हुए और रुक-रुक कर निश्चित स्थान तक पहुंचना छलांग लगाने जैसा ही तो है।
डंकी रूट का उपयोग लोग क्यों करते हैं ?
सामान्य रूप से अमेरिका जैसे देशों में जाने के लिए वीजा उपलब्ध नहीं होता है। अमेरिका का वीजा प्राप्त करने के लिए कोई ना कोई उचित कारण होना आवश्यक है। इस प्रकार की स्थिति में जब आम लोग अमेरिका का वीजा प्राप्त करने की स्थिति में नहीं होते हैं, तब वे डंकी रूट का उपयोग करते हैं। अब आपके मन में ये सवाल आ रहा होगा कि आखिर लोग अमेरिका क्यों जाना चाहते हैं?
तो इसका जवाब यह है कि ज्यादा पैसा कमाने और वहां की सुविधाजनक व चकाचौध वाली जिंदगी जीने की मंशा रखने वाले लोग अमेरिका जाने की इच्छा रखते हैं और जब नियम का अनुसरण करते हुए वह अमेरिका नहीं जा पाते, तब वे डंकी रूट का इस्तेमाल करते हैं।
भारत में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात के लोगों में डंकी रूट ज्यादा प्रचलित है, लेकिन अब इसका विस्तार अन्य राज्यों के लोगों में भी हो चुका है।
डंकी रूट में आने वाले जोखिम
डंकी रूट का इस्तेमाल करने पर कई सारे जोखिमों का सामना करना पड़ता है। जाहिर सी बात है, अवैध काम करने में जोखिम तो होगा ही और जब यह जोखिम राष्ट्रीय से लेकर अंतरराष्ट्रीय, प्रकृति से लेकर मानव, हर परिस्थिति शामिल हो जाए, तब आप समझ सकते हैं कि कितना बड़ा जोखिम हो सकता है।
- किसी देश में अवैध तरीके से घुसने और पकड़े जाने के साथ जेल जाने से लेकर निर्वासन का खतरा।
- इस रूट में जंगलों, नदियों और समुद्रों से होकर गुजरना पड़ता है, इसलिए जान जाने का खतरा।
- बिना भोजन के कई दिनों तक गुजारा करना।
- कई देशों के सुरक्षा अधिकारियों से बचकर रहना।
- जंगली जानवर, आपराधिक गिरोह, डकैत और बलात्कारियों से सामना होने का खतरा।
- स्वच्छ पानी न मिलने से स्वास्थ्य खराब होने का खतरा।
- इन समस्त परिस्थितियों का सामना करते हुए अपने आप को मोटिवेट रखने का जिम्मा।
- डंकी रूट की सलाह देने और मार्ग बताने लिए मोटी रकम लेने वाले एजेंट भी खतरे के समय मदद के लिए नहीं मिलते हैं।
डंकी रूट के प्रमुख चरण
डंकी रूट कई चरणों में पूर्ण होता है। हम, आपको भारत से अमेरिका अवैध रूप से पहुंचने के डंकी रूट के बारे में बताते हैं।
- भारत से अमेरिका पहुंचने के डंकी रूट का सबसे पहला पड़ाव किसी लैटिन अमेरिकी देश इक्वाडोर, ग्वाटेमाला, बोलीविया, गुयाना, निकारागुआ…… आदि तक पहुंचना होता है। इन सेंट्रल अमेरिकी देशों में भारतीय नागरिकों के लिए वीजा ऑन अराइवल की सुविधा उपलब्ध होती है। ब्राजील और वेनेजुएला समेत कुछ अन्य प्रमुख देश भी आसानी से वीजा प्रदान कर देते हैं।
- ग्वाटेमाला इस रूट का एक बड़ा और प्रमुख केंद्र है। ग्वाटेमाला से मेक्सिको में प्रवेश करने और उसके बाद अमेरिकी सीमा की ओर यात्रा जारी रखने के लिए लोगों को यहां नए तस्करों के हवाले कर दिया जाता है।
- मेक्सिको से अमेरिकी सीमा की यात्रा के दौरान लुका-छिपी का खेल शुरू होता है, क्योंकि इस यात्रा के दौरान कड़ी सुरक्षा से बचकर निकलना पड़ता है।
- मेक्सिको से अमेरिकी सीमा तक पहुंचने के लिए खतरनाक इलाकों और कठोर परिस्थितियों से गुजरना पड़ता है। इस यात्रा में जो भी सफल हो गया, वह अमेरिका में शरण या अन्य प्रकार की कानूनी स्थिति के लिए आवेदन कर सकता है।
डंकी रूट के माध्यम से अमेरिका पहुंचने के बाद
अमेरिका में घुसने के बाद लोग जानबूझकर अपने आप को पुलिस के हवाले कर देते हैं। इसके बाद उन्हें जेल में डाल दिया जाता है। ऐसी जेलों को कैंप कहा जाता है। इन लोगों को छुड़ाने के लिए वकील हायर किए जाते हैं। इसका खर्च एजेंट या संबंधित व्यक्ति का कोई रिश्तेदार उठाता है, जो कि पहले से ही प्लान में शामिल रहता है। वकील अपने दलीलों से कोर्ट को भरोसा दिलाता है कि इससे हमें कोई नुकसान नहीं है, इसे अमेरिका में रहने दिया जाए। इसके बाद डंकी को जेल से रिहा किया जाता है।
परिचित का इंतजाम एजेंट करते हैं
जेल में डंकी से पूछा जाता है कि क्या अमेरिका में उसका कोई परिचित रहता है। यदि वह हां कहता है, तो उस परिचित से संपर्क किया जाता है और डंकी को रिहा करने के बदले इमिग्रेशन बांड भरने के लिए कहा जाता है। यह एक तरह की जमानत है, जिसके बदले डंकी को कई शर्तों के साथ रिफ्यूजी कैंप से रिहा किया जाता है। इस परिचित का इंतजाम एजेंट करते हैं, लेकिन इसके बदले अलग से पैसा लेते हैं।
बांड की राशि इंडिया से डंकी के परिजन एजेंट के माध्यम से देते हैं। यह राशि 2 से 3 करोड़ हो सकती है। बांड कितना लगेगा यह इमिग्रेशन मामलों की अदालत पर डिपेंड करता है। डंकी को कमाने-खाने की अनुमति के साथ जेल से रिहा कर दिया जाता है। इस दौरान डंकी पर अवैध रूप से सीमा पार करने का केस चलता है, जिसमें उसे हर सुनवाई में मौजूद होना जरूरी होता है। यह जरूरी नहीं है कि हर डंकी को इमिग्रेशन बांड का मौका मिले। कई लोगों को रिफ्यूजी कैंप में रखने के बाद इंडिया डिपोर्ट (निर्वासित) भी कर दिया जाता है।
रिहाई के बाद
डंकी अमेरिका पर बोझ न बने, इसलिए उसे कमाने और खाने की अनुमति दी जाती है। यह अनुमति बढ़ती रहती है। 8 से 10 साल में ग्रीन कार्ड दे दिया जाता है। ग्रीन कार्ड मिलने का मतलब है कि डंकी अब अमेरिका में परमानेंट रह सकता है और उसे काम करने का अधिकार है। इसके 10-15 साल बाद उसे अमेरिका की नागरिकता मिल जाती है। जिस तरह से भारत में अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए हर 5 से 7 साल के बीच स्कीम निकाली जाती है, ठीक वैसे ही अमेरिका में अवैध लोगों को नागरिकता देने के लिए स्कीम निकाली जाती है। इस स्कीम में कुछ फीस भरने के बाद डंकी अमेरिका का नागरिक बन जाता है।
डंकी रूट से संबंधित कुछ आंकड़े
- अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा (USCBP – United States Customs and Border Protection) के अनुसार भारतीय नागरिक अमेरिका के दक्षिण-पश्चिम सीमा से प्रवेश करने वाले अवैध प्रवासियों की पांचवीं सबसे बड़ी जनसंख्या है। यूएससीबीपी के आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023, यानी की 1 साल के दौरान 96, 917 भारतीयों को अवैध रूप से अमेरिका में सीमा पार करते हुए पकड़ा गया।
- इनमें से 41,770 को मेक्सिको सीमा पर और 30,010 को कनाडा सीमा पर पकड़ा गया। यूएससीबीपी का हवाला देते हुए टाइम्स आफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी 2019 और मार्च 2023 के बीच अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने के प्रयास में 1,49,000 भारतीयों को हिरासत में लिया गया। इनमें अधिकतर लोग पंजाब और गुजरात से थे। प्यू रिसर्च सेंटर की एक हालिया अध्ययन के अनुसार अमेरिका में 7,25,000 से अधिक भारतीय अवैध रूप से रह रहे हैं और यह आंकड़ा प्रतिवर्ष बढ़ता ही जा रहा है।
डंकी रुट का खर्चा
अमेरिका और यूरोप के देशों के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ते हैं। मान लीजिये, अगर कोई डंकी रूट से अमेरिका जाना चाहे, तो एक व्यक्ति का चार्ज करीब 40 लाख से 70 लाख तक का होता है। जितना आप पैसा खर्च करेंगे, उसके हिसाब से आपको सुविधा मिलेगी। लेकिन पैसा देने के बावजूद भी खतरा हमेशा बना रहता है। मान लीजिए कि अवैध तरीके से सीमा पार करते समय अगर कोई किसी मुसीबत में फंस जाए, तो एजेंट उसे छोड़कर भाग निकलते हैं। मतलब साफ है कि पैसा देने के बावजूद भी इस बात की गारंटी नहीं है कि डंकी रूट के माध्यम से आप नियत स्थान तक पहुंच जाएंगे।
डंकी रूट से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण मामले
5 दिसंबर 2023 को राजस्थान के जयपुर में राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना प्रमुख सुखदेव सिंह गोगामेडी की हत्या के मास्टरमाइंड रोहित गोदारा ने भी भारत से भागने और अमेरिका पहुंचने के लिए डंकी रुट का इस्तेमाल किया था। रिपोर्ट के अनुसार रोहित गोदारा ने अमेरिका में उतरने से पहले एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए डंकी रुट का इस्तेमाल किया था।
ऐसा ही एक मामला जुलाई 2023 में भी सामने आया था, जब एक 26 वर्षीय गैंगस्टर दीपक पहल उर्फ बॉक्सर ने 23 अगस्त 2022 को उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी के एक बिल्डर की हत्या के बाद भारत से भगाने के लिए डंकी रूट का इस्तेमाल किया था। हालांकि, विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों ने एक अभियान चलाकर बॉक्सर को मेक्सिको के एक हवाई अड्डे से गिरफ्तार कर लिया था।
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FAQ:
प्रश्न: डंकी रुट का इस्तेमाल करते हुए अधिकांशतः भारतीय किस देश में जाने की कोशिश करते हैं?
उत्तर: अमेरिका (इसके अलावा कनाडा और ब्रिटेन जाने की भी कोशिश करते हैं।)
प्रश्न: डंकी फिल्म का निर्देशन किसके द्वारा किया गया?
उत्तर: राजकुमार हिरानी
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