डर्टी बॉम्ब (Dirty Bomb) क्या होता है ? जानें इसके नुकसान व प्रभाव

Dirty Bomb | What Is Dirty Bomb? Dangers and Damage from Dirty Bomb

आज के इस लेख में हम डर्टी बॉम्ब (Dirty Bomb) के बारे में जानेंगे कि Dirty Bomb क्या होता है, साथ ही इसके प्रभाव क्षेत्र और इससे खतरे व नुकसान के बारे में भी जानेंगे।

तो आइए जानते हैं……

चर्चा में क्यों ?

चर्चा में इसलिए है, क्योंकि अभी हाल ही में रूस और यूक्रेन युद्ध के चलते रूस ने संयुक्त राष्ट्र (United Nation) में इस बात का जिक्र किया है कि यूक्रेन उस पर डर्टी बॉम्ब का इस्तेमाल कर रहा है, इसलिए आगे रूस भी इसका जवाब देते हुए उस पर कड़ी और प्रतिक्रियात्मक कार्यवाही कर सकता है।

डर्टी बॉम्ब क्या है (What Is A Dirty Bomb) ?

एक गंदा बम या Dirty Bomb, डायनामाइट और रेडियोधर्मी पाउडर या छर्रों जैसे विस्फोटक पदार्थो का मिश्रण होता है। इसे रेडियोलॉजिकल डिस्पर्सल डिवाइस (RDD) के रूप में भी जाना जाता है।

एक डर्टी बम परमाणु विस्फोट तो नहीं कर सकता, लेकिन जब बम फटता है तो विस्फोट के साथ रेडियोधर्मी सामग्री या तत्वों को आसपास के क्षेत्र में ले जाता है। परमाणु बम में प्रयुक्त अत्यधिक गुणवत्ता वाले रेडियोधर्मी सामग्री की आवश्यकता गंदे बम में नहीं होती है।

दूसरे शब्दों में डर्टी बॉम्ब बनाने में डायरेक्ट रेडियो एक्टिव कंटेंट का प्रयोग नहीं किया जाता, इसकी जगह रेडियो एक्टिव वेस्ट यानी विकिरण फैलाने वाले कचरे का इस्तेमाल किया जाता है। दूसरी बात इसका इस्तेमाल डायनामाइट के साथ किया जाता है।

रेडियोधर्मी सामग्री का उपयोग अस्पतालों, परमाणु ऊर्जा स्टेशनों, इसके अलावा अनुसंधान प्रयोगशालाओं में किया जाता है। डर्टी बॉम्ब की लागत बहुत कम होती है और यह बहु जल्दी बन जाता है। इसके अलावा इसे कहीं भी बहुत आसानी से ले जाया जा सकता है। इसका कोई प्रैक्टिकल अनुभव नहीं है कि यह कितना नुकसान पहुंचा सकता है।

डर्टी बॉम्ब क्या एक परमाणु बॉम्ब है (Is Dirty Bomb an Atomic Bomb) ?

डर्टी बॉम्ब परमाणु बॉम्ब नहीं होता है, लेकिन जानकारों और विशेषज्ञों का मानना है कि यह परमाणु बॉम्ब से कम भी नहीं होता है, क्योंकि इसको बनाने में जिन पदार्थो का उपयोग किया जाता है वो रेडियोएक्टिव ही होते है। न्यूक्लिअर बॉम्ब बनाने के लिए बड़ी टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाता है, लेकिन डर्टी बॉम्ब बनाने के लिए किसी भी बड़ी टेक्नोलॉजी की आवश्यकता नहीं होती है।

यह तो मार्केट में उपलब्ध रेडियो विकिरण उत्सर्जित करने वाले पदार्थो से बनाया जाता है। यानी कि यह ऐसा बॉम्ब है जिसे यूरेनियम से नहीं बनाया जाता है। माना जाता है कि परमाणु बॉम्ब उन्हें कहा जाता है जो यूरेनियम- 235 या फिर हाइड्रोजन गैस से बनाए जाते हैं, क्योंकि इनकी विभीषिका (Horror) बहुत ज्यादा होती है।

यूरेनियम या हाइड्रोजन गैस के अलावा बॉम्ब बनाने में जब किसी दूसरे रेडियो एक्टिव पदार्थ का उपयोग कर लिया जाए तो उसे डर्टी बॉम्ब कहा जाता है।

परमाणु बॉम्ब से मीलों दूर तक तबाही होती है और चंद मिनटों में ही लाखों लोग मारे जा सकते हैं, लेकिन डर्टी बॉम्ब लोगों को मारने के मामले में इतना खतरनाक नहीं होता है। परमाणु बॉम्ब में यूरेनियम और प्लूटोनियम का प्योर मिश्रण होता है जबकि डर्टी बॉम्ब में एटमिक वेस्ट होता है, जिसे RDD-Radiological dispersal devices के रूप में जाना जाता है।

रेडियोएक्टिव पदार्थ (radioactive material)

रेडियोएक्टिव पदार्थ वो होते है जो फटते है तो अपने में से विकिरणें उत्सर्जित करते है। विकिरणें तीन प्रकार की होती है- अल्फा, बीटा और गामा, जो कि न्यूक्लिअर रेडिएशन के रूप में बाहर आतीं हैं। ये रेडिएशन जहाँ तक भी पहुँचती हैं, वहां तक नुकसान पहुंचाती हैं।

dirty bomb बनाने के लिए यूरेनियम का नहीं कोबाल्ट का उपयोग किया जाता है। कोबाल्ट, जिसका उपयोग हॉस्पिटल के अंदर कैंसर की थेरेपी में किया जाता है।

डर्टी बॉम्ब का प्रभाव (Dirty Bomb Effect)

फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिएस्ट के अनुसार यदि 9g कोबाल्ट-60 और 5kg टीएनटी (TNT) से बने डर्टी बॉम्ब को 60 वर्ग किलोमीटर के किसी शहर में फोड़ दिया जाए तो वह शहर कई दशकों तक रहने लायक नहीं रहेगा। तो इस बात से आप डर्टी बॉम्ब के प्रभाव का अंदाजा लगा सकते है कि यह परमाणु बॉम्ब से कम नहीं हैं।

डर्टी बॉम्ब से खतरा और नुकसान (Dangers and Damage from Dirty Bomb)

एक गंदे बम से मुख्य खतरा विकिरण से नहीं होता है, बल्कि विस्फोट से होता है, जिससे गंभीर चोटें आती हैं और संपत्ति का नुकसान होता है। विस्फोट से उत्पन्न हुई विकिरण इतनी ज्यादा होंगी कि आसपास रह रहे लोगों को तुरंत ही बीमारी की चपेट में ढ़केल देंगी।

रेडियोएक्टिव तत्वों की वजह से गंभीर बीमारियां जैसे कैंसर आदि का खतरा रहता है। इस वजह से इस बम का प्रयोग या इसकी धमकी एक आबादी में दहशत पैदा कर सकती है। जहां कहीं भी इस बम का टेस्ट होता है, वहां से लोगों को पहले ही हटा दिया जाता है और फिर उस जगह को हमेशा के लिए छोड़ दिया जाता है।

क्या पहले डर्टी बम का इस्तेमाल किया गया है (Has Dirty Bombs Been Used Before)?

हालाँकि, 1996 में प्रयास किए गए हैं। चेचन्या के विद्रोहियों ने मॉस्को के इस्माइलोवो पार्क में डायनामाइट और सीज़ियम-137 युक्त बम लगाया, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उसकी जानकारी निकालकर उसे निष्क्रिय कर दिया। सीज़ियम को कैंसर उपचार उपकरण से निकाला गया था।

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