भारत का सबसे लंबा समुद्री पुल ‘अटल सेतु’ | अटल सेतु के बारे में वो सबकुछ, जो आप जानना चाहते हैं ?

"अटल बिहारी वाजपेई सेवरी - न्हावा शेवा अटल सेतु (Atal Setu Bridge)"

आज के इस लेख में हम भारत के सबसे बड़े समुद्री पुल “अटल बिहारी वाजपेई सेवरी – न्हावा शेवा अटल सेतु (Atal Setu Bridge)” और उससे जुड़े हुए विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित प्रश्नों और अन्य महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में जानेंगे।

तो आइए जानते हैं……

विषय सूची

भारत का सबसे लंबा समुद्री पुल ‘अटल सेतु’ (India’s longest sea bridge ‘Atal Setu’)

मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (MTHL) को अटल बिहारी वाजपेई सेवरी – न्हावा शेवा अटल सेतु नाम दिया गया है। यह अब बनकर तैयार हो गया है और उद्घाटन के पश्चात इसे आम लोगों के लिए खोल दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2016 में इस पुल का शिलान्यास किया था और अब उन्होंने ही 12 जनवरी 2024 को इसका उद्घाटन भी किया। अटल सेतु का निर्माण 17,840 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से किया गया है।

यह पुल मुंबई के सेवरी से शुरू होता है और यह एलीफेंट द्वीप के उत्तर में ठाणे क्रीक को पार करते हुए रायगढ़ जिले के उरण तहसील के न्हावा शेवा में समाप्त होगा। यह भारत का सबसे लंबा पुल होने के साथ-साथ भारत का सबसे लंबा समुद्री पुल भी है। यह पुल लगभग 21.8 किलोमीटर लंबा, 6 लेन वाला पुल है। इसकी लंबाई समुद्र के ऊपर लगभग 16.5 किलोमीटर है और यह पुल जमीन पर लगभग 5.5 किलोमीटर में फैला हुआ है।

यह पुल मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को सीधा संपर्क प्रदान करेगा, इसके साथ ही यह पल मुंबई से पुणे, गोवा और दक्षिण भारत की यात्रा के समय को भी कम करेगा। यह मुंबई बंदरगाह और जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा।

अटल सेतु से मुंबई में क्या बदलेगा?

  • मुंबई से पुणे, गोवा और दक्षिण भारत की यात्रा में लगने वाले समय में कमी आएगी।
  • मुंबई से नवी मुंबई का सफर 2 घंटे की बजाय महज 15 से 20 मिनट में होगा।
  • पुल से गुजरने वाले लोगों को हर यात्रा में ₹500 तक के ईंधन की बचत होगी। हालांकि, ज्यादा कीमत में टैक्स चुकाने होंगे।
  • मुंबई बंदरगाह और जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह के बीच बेहतर कनेक्टिविटी स्थापित करेगा।
  • मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बीच सीधा संपर्क स्थापित करेगा।

देश के सबसे लंबे समुद्री पुल के बारे में 10 बड़ी बातें…….

  • मुंबई और नवी मुंबई की दूरी सिर्फ 20 मिनट में हो सकेगी, जिसमें अभी तक 2 घंटे का वक्त लगता था। अटल सेतु से मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट और नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बीच सीधी कनेक्टिविटी स्थापित होगी। मुंबई से पुणे, गोवा और दक्षिण भारत की यात्रा का समय भी कम हो जाएगा।
  • अटल सेतु के निर्माण में करीब 1,77,903 मीट्रिक टन स्टील और 5,04,253 मीट्रिक टन सीमेंट का इस्तेमाल किया गया है।
  • इस पुल को लगभग 18,000 करोड रुपए की लागत से बनाया गया है।
  • उम्मीद है कि इसके शुरू होते ही प्रतिदिन लगभग 70,000 वहां चलेंगे और यह 100 वर्षों तक मजबूती के साथ चलता रहेगा।
  • वाहन चालकों को अटल सेतु पर अधिकतम 100 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से यात्रा करने की अनुमति होगी। समुद्री ब्रिज पर भारी वाहन, बाइक, ऑटो-रिक्शा और ट्रैक्टर की अनुमति नहीं होगी।
  • इस ब्रिज पर सुरक्षा के लिए 400 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। इसके साथ ही समुद्री जीवों के लिए एडवांस लाइटिंग की गई है। इस तरह की लाइटिंग का प्रकाश सिर्फ पुल पर पड़ता है, जिससे समुद्री जीवों को आर्टिफिशियल लाइट से दिक्कत नहीं होगी।
  • इस पुल को बनाने में कंक्रीट का जमकर इस्तेमाल हुआ है। कंस्ट्रक्शन साइट पर कंक्रीट पहुंचाने के लिए ट्रकों ने जितने चक्कर काटे हैं, उतना अगर सीधे चलें तो धरती से चांद तक पहुंच जाएंगे।
  • इस पुल में आयरन बार्स लगी है, जिसे हम आम भाषा में छड़ या सरिया कहते हैं। इन आयरन बार्स का यदि वजन करें तो इसमें 17 एफिल टावर बनकर तैयार हो जाएंगे।
  • और तो और इस पुल में पचाई हजार टन स्टील का इस्तेमाल हुआ है। यह इतना स्टील है, जिससे 180 से ज्यादा बोईंग 747 विमान बनाए जा सकते हैं।
  • मानसून के दौरान उच्च-वेग वाली हवाओं का सामना करने के लिए विशेष रूप से लाइटिंग पोल डिजाइन किए गए हैं। बिजली से होने वाली संभावित क्षति से बचने के लिए लाइटिंग प्रोटक्शन सिस्टम भी लगाया गया है।

अटल सेतु के निर्माण की कहानी

बात शुरू होती है 60 के दशक से। मुंबई से लगी खाड़ी और मुख्य भूमि के बीच एक पुल बनाने की सोची गई। सबसे पहले यह आइडिया 1963 में एक अमेरिकन कंसल्टेंसी फर्म ‘Wilbur Smith Associates’ ने सुझाया था। पर किन्हीं कारणों से इस पर आगे काम नहीं हो पाया। फिर आया 90 का दशक और सरकार की नजर फिर से इस पर पड़ी और इसके लिए 2006 में टेंडर्स निकाले गए।

अनिल अंबानी की रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने इसकी बोली लगाई और जीत भी गए। PPP यानी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर को यह ब्रिज 9 साल 11 महीने में बनाकर तैयार करना था। उस समय इसकी लागत 6,000 करोड़ थी। 2008 में अनिल अंबानी को कॉन्ट्रैक्ट तो मिला, लेकिन कुछ महीनो बाद अंबानी की कंपनी ने प्रोजेक्ट से हाथ खींच लिए। इसके बाद टेंडर पर टेंडर, बिडिंग पर बिडिंग हुई पर प्रोजेक्ट वहीं का वहीं रुका रह गया। फिर इसे बनाने वाली नोडल एजेंसी को बदल गया और अब जिम्मेदारी MMRDA – Mumbi Metropolitan Region Developement Authority के पास आई।

यहां से काम ने थोड़ी रफ्तार पकड़नी शुरू की। MMRDA ने इसके लिए जापान की एजेंसी Japan International Cooperation Agency (JICA) के साथ एक एग्रीमेंट किया। इस एग्रीमेंट के तहत JICA पूरे प्रोजेक्ट की लागत का 80% फंड करने पर सहमत हुई। इसके अलावा बाकी का खर्च केंद्र और राज्य को मिलकर उठाना था। पूरी डील और टेंडर की प्रक्रिया दिसंबर 2017 में पूरी हो गई थी और 2018 के शुरूआती दिनों में काम भी शुरू हो गया, जोकि जनवरी 2024 में बनकर तैयार हुआ। प्रोजेक्ट की कुल लागत 21,200 करोड़ आई, जिसमें 15,100 करोड़ JICA की तरफ से मिला हुआ लोन है। बाकी का खर्च केंद्र और राज्य मिलकर किए हैं।

अटल सेतु कितने समय में बनकर तैयार हुआ है?

पहली बार 1962 में मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र के लिए सड़क प्रणाली की योजना के नाम से मुंबई से लगी खाड़ी और मुख्य भूमि के बीच एक पुल बनाने का विचार सामने आया था। इसके 34 साल बाद 1994 में परियोजना की व्यवहार्यता रिपोर्ट शुरू हुई। वहीं 2006 में निविदाएं बुलाई गईं, लेकिन इसके 10 साल बाद 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पुल का शिलान्यास किया। आखिरकार परियोजना पर काम अप्रैल 2018 में शुरू हुआ, जो कि जनवरी 2024 में जाकर पूरा हुआ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा इसका उद्घाटन किया गया।

अटल सेतु से आम लोगों को क्या फायदा होगा ?

  • हजारों करोड़ की लागत से बना अटल सेतु मुंबई को नवी मुंबई से जोड़ेगा, जिससे परिवहन में आसानी होगी और लोगों का समय बचेगा।
  • देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के लिए यह समुद्री पुल नई जीवन रेखा बनेगा।
  • वहीं बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में यह भारत के विकास की नई इबारत है।
  • एक अनुमान के मुताबिक पुल से हर रोज करीब 70,000 लोग सफर करेंगे, जिससे पुराने मार्गों में ट्रैफिक घटेगा और यात्रा में सुगमता बढ़ेगी।
  • यहां 400 कैमरे लगे हैं, जो कि यात्रा को सुरक्षित करेंगे।
  • इसके अलावा ट्रैफिक के दबाव की जानकारी जुटाने के लिए एआई आधारित सेंसर लगाए गए हैं। इसका फायदा यह होगा घटना से पूर्व ही खराबी या अंदेशा का पता चल जाएगा।
  • अधिकारियों ने बताया कि इस पुल से गुजरने वाले लोगों को हर यात्रा में काम से कम ₹500 तक की ईंधन की बचत होगी। हालांकि, टैक्स की ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी।
  • इसके साथ ही यह मुंबई बंदरगाह है और जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह के बीच कनेक्टिविटी को सीधा स्थापित करेगा।

अटल सेतु पर वाहनों को लेकर नियम

मुंबई पुलिस ने जानकारी दी है कि समुद्री पुल पर चार पहिया वाहनों, जैसे- कार, टैक्सी, हल्के मोटर वाहन, मिनी बस और टू-एक्सल बस की गति सीमा 100 किलोमीटर प्रति घंटा होगी और पुल पर चढ़ने और उतरने पर गति 40 किलोमीटर प्रति घंटे तक सीमित रहेगी। हालांकि, मोटर बाइक, ऑटो-रिक्शा और ट्रैक्टर को इस पुल पर अनुमति नहीं होगी। इसके अलावा अधिकारियों ने यह भी बताया कि मुंबई की ओर जाने वाले ट्रकों, बसों और मल्टी-एक्सल भारी वाहनों को ईस्टर्न फ्रीवे पर प्रवेश नहीं मिलेगा।

अटल सेतु पर टोल चार्जेस

अटल सेतु के माध्यम से यात्रा करने वाले लोगों के लिए तय किए गए टोल टैक्स के मुताबिक, पैसेंजर कार की एक यात्रा के लिए 250 रुपये का टोल टैक्स वसूला जाएगा। वहीं, अगर आप वापस आएंगे तो 125 और यानी आपको कुल 375 रुपये टोल टैक्स चुकाना होगा। रोजाना यात्रा करने वालो के लिए प्रतिदिन और मासिक पास का भी विकल्प है।

कार से यात्रा करने वालों के लिए प्रतिदिन पास की कीमत 625 रुपये और मासिक पास की कीमत 12,500 रुपये होगी। इसी प्रकार से ऊपर इमेज के माध्यम से आप अन्य वाहनों के टोल टैक्स के बारे में भी जानकरी ले सकते हैं। लोगों को यह टोल टैक्स भारी-भरकम लग रहा है और मुद्दा भी सामने आ रहा है कि एक सामान व्यक्ति इतनी टैक्स की कीमतें कैसा चुका पाएगा। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि लागत निकल आने के बाद सरकार टोल टैक्स की कीमतों में कमी कर देंगे, क्योंकि सरकार ने जापान से इसके निर्माण के लिए भरी-भरकम कर्जा लिया हुआ है और समय से कर्जा चुकाना भी जरुरी है।

अतुल सेतु टोल टैक्स की कीमतों पर आप सभी का क्या कहना है ? आप अपनी रॉय कमेंट के माध्यम से शेयर कर सकते हैं।

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FAQ:

प्रश्न: भारत का सबसे लंबा समुद्री पुल कौन सा है?

उत्तर: अटल बिहारी वाजपेई सेवरी – न्हावा शेवा अटल सेतु। यह पुल लगभग 21.8 किलोमीटर लंबा, 6 लेन वाला पुल है। इसकी लंबाई समुद्र के ऊपर लगभग 16.5 किलोमीटर है और यह पुल जमीन पर लगभग 5.5 किलोमीटर में फैला हुआ है।

प्रश्न: भारत का सबसे लंबा पुल कौन सा है?

उत्तर: अटल बिहारी वाजपेई सेवरी – न्हावा शेवा अटल सेतु। यह पुल लगभग 21.8 किलोमीटर लंबा, 6 लेन वाला पुल है। इसकी लंबाई समुद्र के ऊपर लगभग 16.5 किलोमीटर है और यह पुल जमीन पर लगभग 5.5 किलोमीटर में फैला हुआ है।

प्रश्न:अटल सेतु पुल का शिलान्यास किसके द्वारा किया गया था?

उत्तर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा।

प्रश्न: अटल सेतु पुल का उद्घाटन किसके द्वारा किया गया?

उत्तर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा।

प्रश्न: अटल सेतु पुल की लंबाई कितनी है?

उत्तर: यह पुल लगभग 21.8 किलोमीटर लंबा, 6 लेन वाला पुल है। इसकी लंबाई समुद्र के ऊपर लगभग 16.5 किलोमीटर है और यह पुल जमीन पर लगभग 5.5 किलोमीटर में फैला हुआ है।

प्रश्न: अटल सेतु पुल कहां है?

उत्तर: महाराष्ट्र (मुंबई से नवी मुंबई)

प्रश्न: अटल सेतु पुल किन दो बंदरगाहों के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा?

उत्तर: यह मुंबई बंदरगाह और जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा।

प्रश्न: अटल सेतु पुल किन दो हवाई अड्डों के बीच सीधा संपर्क स्थापित करेगा?

उत्तर: यह पुल मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को सीधा संपर्क प्रदान करेगा, इसके साथ ही यह पल मुंबई से पुणे, गोवा और दक्षिण भारत की यात्रा के समय को भी कम करेगा। यह मुंबई बंदरगाह और जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा।

प्रश्न: अटल सेतु पुल के निर्माण से मुंबई से नवी मुंबई पहुंचने में कितने समय का अंतर आएगा?

उत्तर: मुंबई से नवी मुंबई का सफर 2 घंटे की बजाय महज 15 से 20 मिनट में होगा।

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