आज के इस लेख में हम कालाहारी मरुस्थल (Kalahari Marusthal) के बारे में जानेंगे, जोकि अफ्रीका महाद्वीप का दूसरा सबसे बड़ा मरुस्थल है।
तो आइए जानते हैं…….
कालाहारी मरुस्थल (Kalahari Marusthal)
कालाहारी मरुस्थल 9 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ सहारा मरुस्थल के बाद अफ्रीका महाद्वीप का दूसरा सबसे बड़ा मरुस्थल है। यह एक उपोष्ण कटिबंधीय गर्म मरुस्थल है, क्योंकि यह दक्षिणी गोलार्द्ध में 25 डिग्री अक्षांश के आस-पास फैला है। अफ्रीका महाद्वीप के दक्षिणी हिस्से के पश्चिमी तट पर वर्षा आमतौर पर कम होती है, इसके साथ ही यहां पर तट के पास दक्षिण अटलांटिक महासागर में बेंगुला की ठंडी जलधारा बहती है। बेंगुला करेंट की वजह से यहां तटीय इलाके में वायुदाब बढ़ जाता है, जिससे बारिश और कम होती है। लिहाजा इस हिस्से में कालाहारी जैसे गर्म और शुष्क मरुस्थल का निर्माण हुआ है।
इसके कुछ हिस्सों में साल में लगभग तीन महीने वर्षा होती है, जिसकी वजह से यहाँ पशु-पशुओं की आबादी भी देखने को मिलती है। यहाँ सालाना 8-19 सेमी तक वर्षा होती है। यहां रहने वाली जनजातियों को बुशमैन कहा जाता है। यह मरुस्थल विशेष रूप से अपने बालुओं, घासों और वनस्पतियों की विविधता के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ का वन्यजीव जीवन भी आकर्षण का केंद्र है, जिसमें शेर, चीते, हिरण, गिरगिट, लकड़बग्घा और भी विभिन्न प्रजातियों के पक्षी तथा अनेक प्रकार के सरीसृप पाए जाते हैं। कालाहारी मरुस्थल की खासियत उसके प्राकृतिक सौंदर्य में है।
कालाहारी मरुस्थल का फैलाव (Expanse of the Kalahari Desert)
कालाहारी मरुस्थल का फैलाव मुख्य तौर पर दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया और बोत्सवाना में है। कालाहारी अपने दक्षिण पश्चिम और पश्चिम में नामिब मरुस्थल से लगा है। हालांकि, तापमान के मामले में नामिब मरुस्थल, सहारा मरुस्थल के मुकाबले कुछ सहज रहता है, क्योंकि यहां समुद्र का असर देखा जा सकता है।
कालाहारी मरुस्थल का भौगोलिक परिदृश्य
- इस रेगिस्तान में दो बड़े नमक के मैदान हैं।
- इसके उत्तर-पश्चिम में ओकावंगों नदी डेल्टा बनाती है, जो वन्यजीव से भरपूर है।
- इस रेगिस्तान में पाई जाने वाली रेत के रंग में भिन्नता है, यानी कि अलग-अलग स्थानों में अलग-अलग रंग की रेत पाई जाती है। कहीं-कहीं पर लाल रंग की, तो कहीं पर स्लेटी रंग की पाई जाती है।
- इस रेगिस्तान में मौजूद अधिकतर रेत बहुत महीन है।
- कुछ लोग इसे रेगिस्तान नहीं मानते, क्योंकि यहाँ पर अन्य रेगिस्तानों की अपेक्षा वर्षा का स्तर काफ़ी अच्छा है।
- जाड़े के दिनों में यहाँ का तापमान जमाव बिन्दु से नीचे चला जाता है।
- इस रेगिस्तान में जीव-जंतुओं और वनस्पतियों की विभिन्न प्रजातियाँ उपलब्ध हैं।
- कालाहारी रेगिस्तान में 400 से अधिक वनस्पतियाँ पाई जाती हैं।
- यह रेगिस्तान अपने खनिजों के लिए विश्व प्रसिद्द है, इसमें बहुमूल्य हीरा, निकल, यूरेनियम……. आदि के पर्याप्त भण्डार मौजूद हैं। इसी वजह से इस रेगिस्तान के अधिकांश क्षेत्र को जीवाश्म-रेगिस्तान माना जाता है।
- यह उत्तर में जांबेजी तथा दक्षिण में ऑरेंज नदी के बीच स्थित है।
- अन्य रेगिस्तानों की तरह इस रेगिस्तान में भी रेत के टीले व बजरी के समतल क्षेत्र हैं। खास बात यह है कि यहाँ के टीले लगभग स्थिर रहते हैं।
- रेगिस्तान का दक्षिण-पश्चिमी भाग अति शुष्क है।
- ग्रीष्म ऋतु में यहाँ का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से 40 डिग्री सेल्सियस के मध्य रहता है। वहीं शीतकाल में यहाँ का तापमान जमाव बिंदु (Freezing Point) से भी नीचे चला जाता है।
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FAQ:
प्रश्न 1. कालाहारी मरुस्थल किस महाद्वीप में स्थित है?
उत्तर: अफ्रीका महाद्वीप में
प्रश्न 2. कालाहारी मरुस्थल कहां है?
उत्तर: अफ्रीका महाद्वीप में
प्रश्न 3. कालाहारी मरुस्थल किस देश में स्थित है?
उत्तर: कालाहारी मरुस्थल, अफ्रीका महाद्वीप के 3 देशों दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया और बोत्सवाना में स्थित है
प्रश्न 4. कालाहारी मरुस्थल का विस्तार?
उत्तर: कालाहारी मरुस्थल, अफ्रीका महादेव के 3 देशों दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया और बोत्सवाना में विस्तृत है
प्रश्न 5. कालाहारी मरुस्थल में कौन सी जनजाति निवास करती है?
उत्तर: बुशमैन जनजाति
प्रश्न 6. कालाहारी मरुस्थल की जलवायु कैसी है?
उत्तर: यह एक उपोष्ण कटिबंधीय गर्म मरुस्थल है
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