आज के इस लेख में हम एक समान भावों के लिए प्रयोग किए जाने वाले शब्द, शंका-आशंका और संभावना में अंतर के बारे में जानेंगे, साथ ही ये भी जानेंगे की इनका प्रयोग कहां करना चाहिए।
तो आइए जानते हैं…….
शंका-आशंका और संभावना में अंतर
अपनी हिंदी भाषा में कुछ शब्द समानार्थी या समरूपी लगते हैं या हमें ऐसा लगता है कि इनका मतलब एक ही है, लेकिन उनके अर्थ में भिन्नता होती है। ऐसे कई शब्द हैं जिनका इस्तेमाल हम अक्सर करते हैं, किन्तु गलत शब्दों का चुनाव करने के कारण वाक्य के मायने या उनका मतलब बदल जाता है या कई बार उनके मायने होते ही नहीं। तो आइए ऐसे ही शब्दों में से तीन शब्द शंका-आशंका और संभावना में अंतर को समझते हैं।
शंका, आशंका और संभावना जैसे शब्दों का इस्तेमाल एक-समान भावों के लिए किया जाता है, जबकि इन शब्दों के मायने और स्थितियां अलग-अलग हैं। तो आइए क्रमशः तीनों शब्दों के बारे में जान लेते हैं, उसके बाद शंका-आशंका और संभावना में अंतर अपने आप स्पष्ट हो जाएगा।
शंका
शंका शब्द का इस्तेमाल वर्तमान के लिए किया जाता है। उदाहरण के तौर पर ‘आप ये जो बोल रहे हैं, मुझे आपकी इस बात पर शंका है।’ वर्तमान में आपत्ति, संदेह या कुछ गड़बड़ की भावना हो तो वहां पर शंका शब्द का प्रयोग किया जाएगा। शंका एक स्त्रीलिंग शब्द है, इसके स्थान पर संशय शब्द का भी प्रयोग किया जाता है।
सरल उदाहरण के माध्यम से इसको ऐसे भी समझ सकते हैं, जैसे मान लीजिए आप अपने दोस्त अभिषेक के साथ घूमने निकले हैं और ऐसी ही बातों-बातों में आपका दोस्त अभिषेक बोल दे कि पता है तुम्हे? कल न मैं अपनी सायकल 60 किमी/घंटा की रफ़्तार से चलाया, तो ये सुनते ही आप तुरंत बोल पड़े की मैं ये बात नहीं मान सकता, मुझे तेरी इस बात में शंका है। तू मेरे सामने चलाकर दिखा तभी मैं मानूंगा।
आशंका
भविष्य के लिए कुछ अमंगल की भावना पैदा होती है, तो वहां शंका के बजाय आशंका का प्रयोग किया जाएगा। उदाहरण के तौर पर पड़ोसी देशों के मनमुटाव को लेकर युद्ध की आशंका हो रही है। आशंका एक पुल्लिंग शब्द है। क्या है कि यह नकारात्मकता का भाव देता है, इसलिए यह संदेह, भय, शक से भी संबंध रखता है।
इसको ऐसे भी उदाहरण के माध्यम से समझा जा सकता है कि मुझे आशंका है कि रूस और यूक्रेन के बीच अभी और लंबे समय तक युद्ध चलने वाला है और यदि रूस ने आने वाले समय में परमाणु बंब का इस्तेमाल किया तो भारी जनहानि हो सकती है।
संभावना
आशंका और संभावना दोनों का ही प्रयोग भविष्य के लिए किया जाता है। फर्क केवल इतना है कि आशंका का प्रयोग नकारात्मकता के लिए किया जाता है, जबकि संभावना का प्रयोग सामान्य भाव के लिए किया जाता है। उदाहरण के तौर पर दोस्ती होने की संभावना है और झगड़ा होने की आशंका है। संभावना एक स्त्रीलिंग शब्द है, इससे हो सकने का भाव आता है।
जैसे इस प्रकार से संभावना व्यक्त करे की, हो सकता है कि तुम्हारा दोस्त विजय मुझसे मिले तो मेरी बातों को सुनकर प्रभावित हो जाए और मुझसे अच्छी दोस्ती हो जाए।
शंका-आशंका और संभावना में अंतर को याद रखना है तो सबसे पहले ये याद रखे की शंका का प्रयोग वर्तमान के लिए किया जाता है, वहीं आशंका और संभावना का प्रयोग भविष्य के लिए किया जाता है। इसके अलावा आशंका और संभावना में जो मूल अंतर है, वह यह है कि आशंका नकारात्मकता (negativity) का भाव देती है, जबकि संभावना सकारात्मकता (positivity) का भाव देती है।
उम्मीद करता हूँ कि आप सभी को शंका-आशंका और संभावना में अंतर समझ में आया होगा।
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