किन कारणों की वजह से शेयर मार्केट क्रैश होता है ? जानिए यहां……

आज के इस लेख में हम शेयर मार्केट क्रैश – Share Market Crash होने के कारणों के बारे में जानेंगे कि शेयर मार्केट किन कारणों की वजह से क्रैश होता है

तो आइए जानते हैं……

किन कारणों की वजह से शेयर मार्केट क्रैश होता है – What causes Share market crash ?

शेयर मार्केट क्रैश होने के बहुत से कारण हैं और भी कई कारण हो सकते हैं। कुछ घटनाएं अप्रत्याशित (Unpredictable) होती है और उनकी वजह से अचानक शेयर मार्केट में उथल-पुथल हो जाती है। जैसे- आतंकवादी गतिविधियां – Terrorist Activities. तो आइए शेयर मार्केट क्रैश होने के कारणों के बारे में जान लेते हैं।

  1. आतंकी गतिविधियां
  2. युद्ध
  3. सरकार में बदलाव
  4. घोटाले
  5. प्राकृतिक आपदाएं
  6. Bull मार्केट की वजह से बुलबुला बनकर अचानक फूटना
  7. व्यापार युद्ध
  8. महामारी

आतंकी गतिविधियां – Terrorist Activities

आतंकी गतिविधि एक अप्रत्याशित घटना है। किसी को पता थोड़ी होता है कि कब आतंकवादी गतिविधियां हो जाएंगी। आतंकी गतिविधि होने से टूरिस्ट सेक्टर बुरी तरह से प्रभावित हो जाता है। पता नहीं कितने लोगों को इससे नुकसान हो जाता है।

अब आप सोचेंगे कि वो कैसे? तो सोचिए जरा, जो टूरिस्ट आएंगे, वो अपनी यात्रा में किसी न किसी वाहन का उपयोग जरूर करेंगे, कहीं न कहीं रुकेंगे जरूर, खाना भी खाएंगे और उस क्षेत्र से संबंधित तरह-तरह की चीजों की खरीददारी भी करेंगे। जब आतंकी गतिविधियां हो जाती हैं, तो टूरिस्ट आतंक वाली जगह जाने से परहेज करते हैं। इस वजह से शेयर मार्केट में अचानक गिरावट देखने को मिलती है।

युद्ध – War

किसी क्षेत्र विशेष में जब युद्ध की स्थिति निर्मित हो जाती है, तो वहां का मार्केट बुरी तरह से प्रभावित हो जाता है। रूस-यूक्रेन को देख लीजिए। युद्ध की स्थिति में होता क्या है कि लोगों का पूरा ध्यान युद्ध की तरफ केंद्रित हो जाता है और लोग खरीददारी करने से परहेज करने लगते हैं। परहेज करने का सबसे बड़ा युद्ध वाले इलाकों में सामान की आपूर्ति न हो पाने की वजह से महंगाई का बढ़ना। इस प्रकार से शेयर मार्केट क्रैश होने में युद्ध की अहम भूमिका होती है।

सरकार में बदलाव – Change In Government

जैसे कुछ लोगों को लगता है कि ये जो वर्तमान में सरकार चल रही है, यह फला कंपनी की समर्थक और फला कंपनी की विरोधी है और अगर ये सरकार बदल गई, तो आने वाली सरकार वर्तमान में सरकार द्वारा समर्थित कंपनी के खिलाफ जांच बैठा देगी और इससे हमें बहुत बड़ा घाटा हो सकता है। इस सोच के चलते लोग सरकार बदलने से पहले ही अपने शेयर बेचने की भगदड़ मचा देते हैं। इससे शेयर मार्केट में अचानक गिरावट देखने को मिलती है। आप सभी ने सुना ही होगा कि कुछ लोग मोदी सरकार को अंबानी-अडानी समर्थित सरकार कहते हैं।

घोटाले – Scams

अचानक कोई घोटाला सुनने को मिल जाए, तो लोग डर व घबरा जाते हैं और इस वजह से भगदड़ मच जाती है। लोगों को ऐसा लगने लगता है कि कहीं उनके साथ भी ऐसा न हो जाए। इस वजह से शेयर मार्केट में बिकवाली की बौछार हो जाती है। एक-दूसरे को देख-देखकर बहुत सारे लोग अपने शेयर बेचने लगते हैं और शेयर मार्केट पूरी तरह से चौपट हो जाता है। हर्षद मेहता स्कैम और सत्यम स्कैम के बारे में आप सभी ने जरूर सुना होगा।

प्राकृतिक आपदाएं – Natural Disasters

किसी भी देश में लगातार प्राकृतिक आपदाओं की वजह से भी शेयर मार्केट क्रैश हो जाता है। जैसे- पाकिस्तान में बाढ़ की वजह से बहुत ज्यादा तबाही हो गई थी। यहां तक कि भुखमरी की स्थिति निर्मित हो गई थी। सोचिए जरा, जब खाने के लिए पैसे नहीं हैं, तो शेयर मार्केट का क्या हाल हुआ होगा, यानी कि शेयर मार्केट क्रैश।

Bull मार्केट की वजह से बुलबुला बनकर अचानक फूटना – bubble bursts

इसको ऐसे समझें, जैसे मान लीजिए कि किसी कंपनी के शेयरों की वास्तविक कीमत कुछ और है और बाजार में बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया कुछ और जा रहा है। निवेशकों को क्या लगता है कि इस कंपनी के शेयर में जबरदस्त तेजी जारी है, ऐसी स्थिति में बहुत से निवेशक बहुत ज्यादा निवेश कर ज्यादा मुनाफा कमाने की कोशिश में लग जाते हैं। इस प्रकार से लगातार मार्केट ऊपर की ओर बढ़ता जाता है।

लगातार ओवरवैल्यूशन की वजह से शेयरों के भाव का एक बड़ा Bubble बन जाता है और जैसे ही सच्चाई सामने आती है कि कंपनी द्वारा शेयरों के जो भाव दिखाए जा रहे हैं, वास्तव में उनकी इतनी ज्यादा कीमत नहीं है। इस स्थिति में शेयरों के भाव का बना हुआ Bubble फूट जाता है और यही शेयर मार्केट क्रैश का कारण बनता है।

व्यापार युद्ध – Trade War

व्यापार युद्ध शेयर मार्केट क्रैश होने में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। इसको ऐसे समझें। जैसे- रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान अमेरिका और यूरोपियन यूनियन ने मिलकर रूस पर प्रतिबंध (Sanctions) लगा दिए। प्रतिबंध का मतलब ये हुआ कि रूस अब अमेरिका और यूरोपियन यूनियन में अपना सामान नहीं बेच पाएगा। अब सोचिए, इस हालात में रूस की कंपनियां जो सामान अमेरिका और यूरोपियन यूनियन में बेचतीं थीं, उसके लिए उन्हें दूसरा मार्केट ढूढ़ना पड़ेगा।

मार्केट कब तक में मिलेगा और कितना सामान बेच पाएंगे, इसकी क्या गारंटी है? इस हालात में निवेशक अपना शेयर बेच-बेचकर दूसरी कंपनियों में निवेश करने की सोचते लगते हैं और हालात बन जाते हैं शेयर मार्केट क्रैश होने के।

महामारी – Disease Pandemic

अचानक कोई महामारी फैल जाए, तब भी शेयर मार्केट क्रैश हो जाता है। कोरोना से तो आप सभी परिचित ही होंगे। कोरोना में ये हालात थे कि लगातार 03-06 महीनों तक आदमी घरों के अंदर पैक था, केवल आवश्यक उपयोग की चीजें ही लेने घर से बाहर जा सकते थे, जिनमें- राशन, सब्जी और दवाइयां शामिल हैं।

अब सोचिए जरा, इन आवश्यक वस्तुओं के अलावा, जो इतना बड़ा मार्केट है, उनका क्या हुआ होगा? पता नहीं लॉकडाउन में कितनी कंपनियां और फैक्ट्रियां बंद हो गई। इस प्रकार के हालात में शेयर मार्केट क्रैश नहीं होगा तो और क्या होगा?

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