आज के इस लेख में हम, चर्चा में रहे भारत के एक द्वीप समूह लक्षद्वीप (Lakshadweep) में मोदी जी की यात्रा मालदीव के लिए चुनौती और लक्षद्वीप से जुड़े हुए विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित प्रश्नों और अन्य महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में जानेंगे।
तो आइए जानते हैं….,…
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कई सारी योजनाओं का उद्घाटन करने के लिए दो दिवसीय, 2-3 जनवरी के दौरान लक्षद्वीप की यात्रा की। इन योजनाओं में सबसे प्रमुख योजना लक्षद्वीप के लोगों को हाईटेक इंटरनेट उपलब्ध कराना था। मोदी जी आखिरी बार जब 2020 में लक्षद्वीप गए थे, तब कह के आए थे कि महज 1000 दिनों में यहां की नेट स्पीड 100 गुना बढ़ जाएगी। मुख्य रूप से इसी योजना का उद्घाटन करने के लिए मोदी जी लक्षद्वीप गए थे।
लक्षद्वीप (Lakshadweep)
मलयालम और संस्कृत में लक्षद्वीप का मतलब कई सैकड़ो-हजारों द्वीपों से है। भारत का यह केंद्र शासित प्रदेश 36 द्वीपों से मिलकर बना है, जिसकी राजधानी कवरत्ती है। इन 36 द्वीपों में से केवल 10 द्वीपों में ही लोग रहते हैं। यहां की आबादी लगभग 60,000 है। इनमें ज्यादातर द्वीप सुंदर दिखने वाले कोरल एटोल से बने हैं। यह क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत की सबसे छोटी यूनियन टेरिटरी है, जिसका क्षेत्रफल महज 32 वर्ग किलोमीटर है। यह द्वीप समूह केरल के कोच्चि शहर से 200 से 400 किलोमीटर की दूरी में फैला है।
यहां की ज्यादातर आबादी में मालाबार से आए हुए प्रवासी लोग हैं। यहां की आबादी में मुसलमानों की आबादी 96% से भी ज्यादा है और ज्यादातर लोग मलयालम या माही भाषा बोलते हैं। इसके प्रमुख द्वीपों में अमीनी, अगत्ती, कवरत्ती, चेरियम, सुहेली और मिनिकॉय शामिल हैं। 9 डिग्री चैनल इसके सबसे दक्षिणी द्वीप मिनिकॉय को बाकी द्वीप समूह से अलग करता है, जबकि 8 डिग्री चैनल मिनिकॉय को मालदीव से अलग करता है।
मालदीव के भारत विरोध को मोदी जी की चुनौती
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी लक्षद्वीप कई सारी योजनाओं का उद्घाटन करने के लिए गए थे, लेकिन मोदी जी की इस यात्रा का उद्देश्य मालदीव और चीन को कूटनीतिक रूप से काउंटर करना भी था, यानी की लक्षद्वीप में बैठे-बैठे मालदीव को चेटमेट करना था कि सम्हल जाओ, दूसरों के झांसे में आकर हमसे पंगा मत लो ….
ऐसा क्यों? तो ऐसा इसलिए की, हाल ही में मालदीव के राष्ट्रपति बने मोहम्मद मुइज्जू ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि वे राष्ट्रपति बनते ही मालदीव से भारतीय सैनिकों को बाहर कर देंगे और ऐसा वह चीन के प्रभाव में आकर कह रहे थे।
असल में चीन, मालदीव में भारत के प्रभाव को कम करना चाहता है। भारत के पड़ोसी देशों में भारत के प्रभाव को कम करते हुए अपने प्रभाव को स्थापित करने के पीछे चीन ‘String Of Pearls’ के माध्यम से काफी लंबे समय से लगा हुआ है। हालांकि, ‘Necklace of Diamond’ के माध्यम से भारत भी जवाबी कार्यवाही में पीछे नहीं है।
बता दे कि मालदीव की आय और उसकी अर्थव्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने का मुख्य स्रोत उसका पर्यटन है और इस पर्यटन में भारतीयों का बहुत बड़ा योगदान है। लाखों की संख्या में प्रतिवर्ष भारतीय मालदीव घूमने जाते हैं। हाल-फिलहाल की बात की जाए तो पर्यटक के रूप में मालदीव पहुंचने में सर्वाधिक संख्या भारतीयों की है।
तो लक्षद्वीप जाकर मोदी जी ने उसकी प्राकृतिक सुंदरता का एक ब्रांड एंबेसडर की तरह प्रचार किया। वहां के अलग-अलग खूबसूरत व्यू पर अपनी फोटो खिंचवाई और सोशल मीडिया पर संप्रेषित की। इसके साथ ही लक्षद्वीप की प्राकृतिक सुंदरता, मुख्य रूप से वहां के कोरल्स की कई सारी फोटो सोशल मीडिया में जबकर वायरल हुई। लक्षद्वीप में मोदी जी की फोटो सोशल मीडिया में आते ही लक्षद्वीप ट्रेंड करने लगा।
मालदीव का बिना नाम लिए हुए मोदी जी ने कहा कि अन्य समुद्री तट के अभीभूत लोग एक बार लक्षद्वीप आकर तो देखें, लक्षद्वीप का पूरा कायाकल्प बदल चुका है और आने वाले दिनों में और भी कई सारी सुविधाएं विकसित कर दी जाएगी। यानी की मोदी जी ने लोगों से आवाहन किया कि लक्षद्वीप प्राकृतिक सुंदरता में किसी से कम नहीं है।
ऐसे में आप समझ सकते हैं की सबसे ज्यादा मिर्ची किसको लगी होगी। जाहिर सी बात है मालदीव को। आप समझ सकते हैं कि जिस देश की GDP में 28% और कुल विदेशी मुद्रा भण्डार में 60% योगदान पर्यटन का हो, तो मोदी जी के इस प्रकार के प्रचार का उसके पर्यटन में कितना प्रभाव पड़ेगा और उस देश की हालत क्या हो सकती है?
मोहम्मद मुइज्जू ने तोड़ी परंपरा
मालदीव का इतिहास रहा है कि वहां का जो भी राष्ट्रपति बनता है, उसकी पहली यात्रा भारत में होती है, लेकिन मोहम्मद मुइज्जू ने इस परंपरा को तोड़ते हुए अपनी पहली यात्रा तुर्की में की और दूसरी यात्रा चीन की करने के लिए तैयार हैं। इस प्रकार की क्रियाकलापों से तो यही स्पष्ट होता है कि मालदीव पर चीन, तुर्की और पाकिस्तान का प्रभाव बढ़ रहा है। इसी वजह से प्रधानमंत्री मोदी जी ने मालदीव को आईना दिखाने का काम किया है।
मालदीव यह भूल जाता है कि उसका सबसे निकट और सहयोगी देश भारत है। बात रही की मालदीव में भारतीय सैनिक क्या कर रहे हैं, तो बता दें कि मालदीव की सुरक्षा के लिहाज से कई सैन्य उपकरणों को मालदीव में रखा गया है। उन उपकरणों रखरखाव और मेंटेनेंस के लिए कुछ भारतीय सैनिकों को मालदीव में रखा गया है।
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FAQ:
प्रश्न: लक्षद्वीप कितने द्वीपों से मिलकर बना हुआ है?
उत्तर: 36
प्रश्न: लक्षद्वीप की राजधानी?
उत्तर: कवरत्ती
प्रश्न: क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का सबसे छोटा केंद्र शासित प्रदेश कौन सा है?
उत्तर: लक्षद्वीप
प्रश्न: लक्षद्वीप के कितने द्वीपों में लोग रहते हैं?
उत्तर: 10
प्रश्न: लक्षद्वीप में सर्वाधिक जनसंख्या किसकी है?
उत्तर: मुस्लिमों की (96% से भी ज्यादा)
प्रश्न: लक्षद्वीप के लोग कौन सी भाषा बोलते हैं?
उत्तर: ज्यादातर लोग मलयालम या माही भाषा बोलते हैं।
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