पेले का जीवन परिचय, उनकी प्रतिभा और उनकी उपलब्धियों के प्रति लोगों का प्यार और सम्मान और उनसे जुड़े कुछ रोचक किस्से

आज के इस लेख में हम फ़ुटबाल के जादूगर Pele – पेले के जीवन परिचय, उनकी उपलब्धियों, उनकी प्रतिभा, उनके प्रति लोगों के मन में सम्मान और उनसे जुड़े कुछ रोचक किस्सों के बारे में जानेंगे।

तो आइए जानते हैं……

विषय सूची

चर्चा में क्यों ?

हाल ही में ब्राज़ील के महान फुटबॉलर और फुटबॉल के भगवान कहे जाने वाले पेले का 82 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। इंस्टाग्राम पर उनकी बेटी केली नेसिमेंटो ने उनके निधन की पुष्टि की। पेले कोलन कैंसर से जूझ रहे थे और 2021 से उनका कोलन कैंसर का इलाज चल रहा था और अब उनकी बॉडी ने कीमोथेरेपी ट्रीटमेंट का जवाब देना भी बंद कर दिया था। अन्य कई बीमारियों के कारण उन्हें हाल ही में अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां पता चला कि उन्हें रेस्पिरेटरी इनफेक्शन भी है।

पेले का जीवन परिचय

दिग्गज फ़ुटबाल खिलाड़ी पेले का जन्म 23 अक्टूबर 1940 को दक्षिण अमेरिकी देश ब्राजील के मिनास गेराइस में हुआ। इनके पिता का नाम डोनडिन्हो तथा माता का नाम सेलेस्टी अरांटेस था। पेले अपने मां-बाप की दो संतानों में सबसे बड़े थे। पेले का पूरा नाम एडसन अरांतेस डो नैसिमेंटो (Edson Arantes do Nascimento) है और निकनेम डिको था, लेकिन स्थानीय फुटबॉल क्लब के एक गोलकीपर और पेले के पसंदीदा फुटबॉल खिलाड़ी ‘वास्को डा गामा बिले’ के बाद से इनके दोस्तों ने गलत उच्चारण करते हुए इन्हें “पेले” कहना शुरू कर दिया। तभी से इन्हें पेले कहा जाने लगा। 

पिता डोनडिन्हो भी क्लब लेवल फुटबॉल खिलाड़ी थे। दरअसल, बचपन में डिको यानी कि पेले को कई मुकाबलों में गोलकीपर की भूमिका भी निभानी होती थी, जब वह शानदार बचाव करते थे, तो उन्हें फैंस दूसरा बिले कहते थे। देखते-देखते यह बिले कब पेले में बदल गया, पता ही नहीं चला।

पेले ने वेटर के रूप में भी काम किया – एफसी सैंटोस के लिए खेलते थे पेले

साओ पाउलो में बड़े होने के दौरान पेले ने गरीबी के दिन भी देखे। हालांकि, उनके पिता ने वह सबकुछ सिखाया, जो एक फुटबॉलर को सीखना चाहिए। पेले फुटबॉल नहीं खरीद सकते थे, इसलिए वे कई बार कागज से भरे मोजे से खेलते थे। यही नहीं उन्होंने स्थानीय चाय की दुकानों में वेटर के रूप में भी काम किया। पेले ने अपनी युवावस्था में इंडोर लीग में खेला और अंततः 15 साल की उम्र में वह सैंटोस एफसी द्वारा साइन कर लिए गए। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

पेले की प्रतिभा और उनकी उपलब्धियां

16 साल की उम्र में ही पेले ने ब्राजील लीग में टॉप स्कोरर बनकर तहलका मचा दिया था। इसके बाद जल्द ही उन्हें ब्राजील की नेशनल टीम से खेलने का मौका मिला। ब्राजील के राष्ट्रपति ने पेले को एक राष्ट्रीय धरोहर घोषित कर दिया था, ताकि मैनचेस्टर यूनाइटेड जैसे विदेशी क्लब के लिए वह हस्ताक्षर ना कर पाएं।

पेले का पहला अंतरराष्ट्रीय मैच 7 जुलाई 1957 को माराकाना में अर्जेंटीना के खिलाफ था, जहां ब्राजील को 1-2 से हार का सामना करना पड़ा था। उस मैच में उन्होंने 16 साल और 9 महीने की उम्र में ब्राजील के लिए अपना पहला गोल किया। इसके साथ ही पेले अपने देश के लिए सबसे कम उम्र के गोल करने वाले खिलाड़ी बन गए। इसके बाद फीफा वर्ल्ड कप 1958 की बारी आई, जहां उन्होंने कमाल कर दिया।

महज 17 साल की उम्र में जिता दिया था वर्ल्ड कप

1958 के वर्ल्ड कप में ब्राजील पहली बार चैंपियन बना। ब्राजील के चैम्पियन बनने में 17 साल के पेले की अहम भूमिका रही। पेले ने सेमीफाइनल मुकाबले में फ्रांस के खिलाफ 5-2 से शानदार जीत में हैट्रिक बनाई। उसके बाद स्वीडन के खिलाफ फाइनल मुकाबले में भी दो गोल दाग दिए। पेले ने 1958 के वर्ल्ड कप में कुल छह गोल दागे थे, जिसके लिए उन्हें यंग प्लेयर का अवार्ड मिला था। पेले ने इसके बाद 1962 और 1970 में भी ब्राज़ील के लिए विश्व कप जीता। अब तक उनसे ज्यादा वर्ल्ड कप किसी ने भी नहीं जीता है।

पेले ने तीन बार फीफा वर्ल्ड कप जीता

एक पेशेवर फुटबॉलर के रूप में पेले ने कुल तीन बार फीफा विश्व कप- 1958, 1962 और 1970 जीता, जो अभी भी एक व्यक्तिगत फुटबॉलर के लिए एक रिकॉर्ड है। फीफा द्वारा उन्हें द ग्रेटेस्ट का शीर्षक भी मिला

पेले के नाम हजार से ज्यादा गोल

पेले ने प्रोफेशनल करियर में कुल 1363 मैच खेलकर 1279 गोल दागे। इस दौरान ब्राजील के लिए उन्होंने 92 मैचों में 77 गोल किए। 19 नवंबर 1969 को जब उन्होंने अपना 1000वां गोल दागा, तो हजारों लोग उनसे मिलने के लिए मैदान में घुस गए थे, तब खेल को काफी देर तक रोकना पड़ गया था। उनके 1000वें गोल की याद में सैंटोस शहर में 19 नवंबर को पेले डे मनाया जाता है। पेले 1995 से 1998 तक ब्राजील के खेल मंत्री भी रह चुके हैं। पेले को साल 1999 में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी ने सदी का बेस्ट एथलीट चुना था।

1000 गोल का सेलिब्रेशन

अब पेले से जुडी एक ऐसी घटना के बारे में जानते हैं, जब पेले के सम्मान में 2 दिन तक के लिए रोक दिया गया था गृह युद्ध। तो आइए उनसे जुड़े हुए उस मामले के बारे में जान लेते हैं, जिसकी वजह से गृह युद्ध रुक गया था

1969 का है मामला

दरअसल,पेले ने अपने कैरियर का अधिकांश समय सैंटोस एफसी फुटबॉल क्लब में बिताया। 1960 के दशक में पेले की वजह से सैंटोस एफसी फुटबॉल क्लब दुनिया की सबसे मशहूर फुटबॉल क्लब में से एक थी। यह टीम पूरे विश्व में पहचानी जाती थी और दुनिया के हर कोने में फ्रेंडली मैचों में हिस्सा लेती थी। एक ऐसा ही मैच 4 फरवरी 1969 को नाइजीरिया के एक युद्धग्रस्त क्षेत्र में खेला गया था। इस मैच में सैंटोस का सामना बेनिन सिटी के एक क्लब से हुआ था। सैंटोस की टीम 26 जनवरी 1969 को नाइजीरिया पहुंची थी, तब वहां मामला गंभीर था।

पेले -  नाइजीरिया गृह युद्ध
नाइजीरिया गृह युद्ध

नाइजीरिया में चल रहा था गृह युद्ध

नाइजीरिया और बायाफ्रा के बीच लड़ाई चलने की वजह से नाइजीरिया में गृह युद्ध जैसी स्थिति निर्मित थी। हालांकि, यह गृह युद्ध जुलाई 1967 से चल रहा था और जनवरी 1970 तक चला। इसी दौरान 4 फरवरी 1969 को नाइजीरिया में एक फ्रेंडली मैच खेला जाना था। इस लड़ाई में हजारों लोगों की जान गई थी, वहीं लाखों लोग बेघर हो गए थे। ऐसा कहा जाता है कि पेले के वहां पहुंचते ही नाइजीरिया और बायफ्रा के बीच लड़ाई 48 घंटे से ज्यादा समय के लिए रुक गई थी।

इतिहासकार ग्यूहरमें गॉरचे ने बताया था कि ब्राजील के खिलाड़ी और अधिकारी मैच से पहले टीम की सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित थे। ऐसे में नाइजीरिया में युद्ध को रोकने का फैसला लिया गया था। इसके बाद मैच खेला जा सका। सैंटोस ने उस मैच में बेनिन सिटी के क्लब को 2-1 से हराया था।

पेले के शब्दों में – In Pele’s words

हालांकि, इस घटना को लेकर अलग-अलग बातें भी कही गई। 1977 में पेले की पहली आत्मकथा में इस घटना का कोई जिक्र नहीं किया गया था। 30 साल बाद आई उनकी एक और आत्मकथा में इस घटना का जिक्र था। पेले ने इस किताब के जरिए बताया था कि खिलाड़ियों को देश के बड़े अधिकारियों की ओर से निर्देश जारी किया गया था और इस निर्देश में कहा गया था कि यह गृह युद्ध एक फ्रेंडली मैच के लिए रोका जा सकता है।

पेले ने बताया कि मुझे नहीं पता कि इस पूरी घटना में कितनी सच्चाई है, लेकिन नाइजीरिया ने यह जरूर सुनिश्चित किया कि जब तक हम वहां मौजूद रहेंगे, तब तक कोई घुसपैठ या विवाद नहीं होगा। पेले के साथी पिक्सी लीजेंड लीमा ने एक इंटरव्यू में बताया था कि एक युद्ध को रोकना हमारे पक्ष में अपना वर्चस्व दिखाने के लिए एक और बिंदु था। हम आसानी से घूम सकते थे और कह सकते थे कि युद्ध हमारे चारों ओर है, हम उस संकट में क्यों पड़ें? लेकिन हमने ऐसा नहीं किया, हम मैच खेलना चाहते थे।

टाइम मैगजीन का वाक्या

यह कहानी 2005 में टाइम मैगजीन तक पहुंची। प्रसिद्ध मैगजीन के एक लेख में दावा किया गया था कि नाइजीरिया और बायफ्रा के बीच चल रहे युद्ध को रोकने के लिए राजनयिकों और दूतों ने 2 साल तक कोशिश की, फिर भी युद्ध नहीं रोक सके, वहीं 1969 में ब्राजील के स्टार फुटबॉलर पेले के पहुँचते ही युद्ध रुक गया था। हालांकि, कई ऐसे लेख भी सामने आए, जिन्होंने इस घटना पर सवालिया निशान खड़े किए।

पेले की टीम के साथी गिलमार और कॉटिन्हो के अनुसार- युद्ध विराम मुश्किल से मैच तक चला। जैसे ही मैच खत्म हुआ, गोलियों की आवाज सुनी जा सकती थी।

उम्मीद करता हूँ कि आप सभी को ये बात जरूर समझ में आई होगी कि पेले के प्रति लोगों के दिल में कितना प्यार और सम्मान रहा होगा। यहां तक कि आज भी लोग उनको बहुत सम्मान देते हैं और देते रहेंगे।

पेले ने की तीन शादियां

पेले अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर भी सुर्खियों में रहे और उन्होंने तीन शादियां की। उनकी पहली शादी रोजमेरी डोस रईस चोल्बी के साथ 1966 में हुई और इससे उन्हें दो बेटियां भी हुई, लेकिन 1982 में तलाक हो गया। 1981 से 1986 तक वे मारिया द ग्राका Xuxa मेनेघल के साथ रिलेशनशिप में रहे। जब पेले ने मेनेघल साथ डेटिंग शुरू की, तो मेनेघल सिर्फ 17 साल की थीं।

इसके बाद पेले ने 1995 में मनोवैज्ञानिक अस्सिरिया लेमोस सेइक्सास के साथ शादी की। सेइक्सास और पेले के जुड़वा बच्चे हुए। साल 2008 में दोनों ने अलग होने का निर्णय लिया। इसके बाद 2016 में पेले ने मर्सिया ओकी से तीसरी शादी की।

पेले की भारत से जुड़ी यादें – पेले का भारत आगमन

फुटबॉल के भगवान कहे जाने वाले पेले की भारत से भी जुड़ी कुछ यादें हैं। पेले जब पहली बार भारत आए थे, तो कोलकाता शहर की सड़कें जाम हो गई थी और प्रशंसक एक झलक पाने के लिए बेताब थे। 25 सितंबर 1977 का वह दिन था, जब पेले भारत की प्रसिद्ध टीम मोहन बागान के साथ एक फ्रेंडशिप मैच खेलने आए थे। उनके दीवानों ने कोलकाता शहर की सड़कें जाम कर दी थी। उस समय टेलीविजन, अखबार और मैगजीन उनकी खबरों से पट गया था।

एक झलक पाने के लिए लोग उतावले थे

इंडिया में फ़ुटबाल खेलते हुए पेले

पेले की एक झलक पाने के लिए लोग उतावले हुए जा रहे थे। ब्राजील को 3 विश्वकप खिताब जिताने वाले फुटबॉलर पेले संन्यास लेने से पहले भारत दौरे पर आए थे। उस समय उनका सामना उस समय की प्रसिद्ध फुटबॉल टीम मोहन बागान टीम से हुआ था। मोहन बागान की उस टीम में पीके बनर्जी और कप्तान के रूप में सुब्रतो भट्टाचार्य जैसे बेहतरीन खिलाड़ी शामिल थे। ऐतिहासिक और गौरवान्वित करने वाली बात यह रही कि उस फ्रेंडशिप मैच में मोहन बागान की टीम ने पेले के कॉस्मॉस क्लब के विजय रथ को 2-2 से ड्रा खेलकर रोक दिया था।

मैदान के अंदर और बाहर लोगों का लोगों का जमावड़ा था

25 सितंबर 1977 का वह ऐतिहासिक क्षण जब पेले मैदान के अंदर प्रवेश कर रहे थे, तो उनके प्रशंसक स्टेडियम के अंदर पेले-पेले चिल्ला रहे थे। मैदान के बाहर भी लोगों का जमावड़ा था। सड़कों पर गाड़ियां चीटियों की तरह रेंग-रेंग कर चल रही थीं। फुटबॉल इतिहासकार नोवी कपाड़िया ने अपनी किताब ‘बेयरफुट टू बूट्स’ में कुछ ऐतिहासिक पलों का जिक्र किया है। उन्होंने किताब में जिक्र किया कि ब्राजील के दिग्गज फुटबॉलर पेले हवाई अड्डा से जब बाहर निकले, तो लाखों की संख्या में लोग उनको बधाई देने के लिए खड़े हुए थे।

भारत में पेले की अन्य यात्राएं – Pele’s other travels in India

अपनी यात्रा के दौरान पेले ने आगरा जाकर ताजमहल भी देखा। दूसरी बार पेले 1980 में न्यूयॉर्क कॉस्मॉस टीम के सदस्य के रूप में भारत आए। उस दौरान कोलकाता की साल्ट लेक स्टेडियम में एक लाख से अधिक की संख्या में लोगों की भीड़ के सामने भारतीय क्लब टीम के साथ एक प्रदर्शनी मैच भी खेला।

पेले का स्वागत करती हुई ममता बनर्जी

80 और 90 के दशक में पेले ने भारत के कई अन्य दौरे भी किए, इस दौरान उन्होंने फुटबॉल प्रदर्शनी मैचों में हिस्सा लेने सहित भारत में फुटबॉल को बढ़ावा देने के प्रयासों का भी समर्थन किया। 2011 में पेले ‘इंडियन सुपर लीग’ के उद्घाटन समारोह में भाग लेने के लिए भारत आए थे। इस दौरान उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल से भी मुलाकात की। इसके अलावा अपनी यात्रा के दिल्ली और मुंबई सहित भारत के कई अन्य शहरों का भी दौरा किया।

पेले से मिलीं ममता बनर्जी

2016 में पेले को ‘हीरो इंडियन सुपर लीग’ के फाइनल मुकाबले में अतिथि के रूप में भारत आमंत्रित किया गया था और इस यात्रा के दौरान उन्होंने कई भारतीय फुटबॉल खिलाड़ियों और अपने प्रशंसकों से मुलाकात की। 2018 में पेले ने भारत में ‘हीरो सुपर कप’ में अतिथि के रूप में फिर से भारत का दौरा किया। यह उनका आखिरी भारत दौरा था।

Pele Quotes

पेले द्वारा अपने तजुर्बे और अनुभव से कही गई कुछ मोटिवेशनल पंक्तियां, जिनका अनुसरण करते हुए हर कोई सफलता को पा सकता है।

Everything is Practice

महान कवि वृन्द जी का एक दोहा, आप सभी ने जरूर सुना होगा।

करत-करत अभ्यास के, जड़मति होत सुजान।
रसरी आवत जात तें, सिल पर परत निसान।।

यह दोहा पेले जी की इन लाइनों की व्याख्या करता है। यानी कि निरंतर अभ्यास ही सब कुछ है और अभ्यास से ही सब कुछ हासिल किया जा सकता है। अभ्यास के अलावा कुछ भी नहीं। जिस प्रकार किसी पत्थर पर रस्सी के बार-बार खिंचाव से, उसमें चिन्ह बन जाता है। उसी प्रकार से निरंतर अभ्यास करते रहने से मंदबुद्धि भी अपने आप को श्रेष्ठ बना सकते हैं।

If You Are First You Are First. If You Are Second You Are Nothing.

अगर आप पहले हैं, तो आप पहले हैं। यदि आप दूसरे हैं, तो आप कुछ भी नहीं हैं। यानी कि हमेशा आगे बने रहने में ही जीत है।

Success is no accident. It is hard work, perseverance, learning, studying, sacrifice and most of all, love of what you are doing or learning to do.

सफलता कोई दुर्घटना नहीं है। यह कड़ी मेहनत, दृढ़ता, सीखना, पढ़ना, त्याग करना और सबसे बढ़कर, आप जो कर रहे हैं या करना सीख रहे हैं, उससे प्यार करना है।

The more difficult the victory, the greater the happiness in winning.

जीत जितनी कठिन होती है, जीत में उतनी ही खुशी होती है।

पेले की प्रतिभा और उनका सम्मान

पेले के बारे में एक खास बात को सुनकर गर्व से सीना चौड़ा हो जाता है। वो बात ये है कि जब ये महज 16 साल के थे, तभी ब्राजील सरकार ने इन्हें राष्ट्रीय धरोहर घोषित कर दिया था, ताकि दुनिया का कोई और देश इन्हें अपने साथ न जोड़ ले। अब आप सोच सकते है कि बंदे में कितना टैलेंट रहा होगा, जिसको लेकर सरकार खुद डरी हुई थी कि ये बंदा हाथ से छूटना नहीं चाहिए।

अब आप सोच रहे होंगे कि एक 16 साल के लड़के में ऐसा क्या देख लिया था ब्राजील सरकार ने कि उसे उस लड़के को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करना पड़ा, तो एक लोकोक्ति आप सभी ने कभी न कभी जरूर सुनी होगी। वो लोकोक्ति है- पूत के पाँव पालने में दिख जाते हैं। अर्थात- किसी व्यक्ति के भविष्य का अनुमान उसके वर्तमान लक्षणों से लगाया जा सकता है। यानी कि ब्राजील सरकार को इनकी 16 साल की उम्र में ही दिख गया था कि बंदा आगे चलकर बहुत नाम कमाएगा और देश का नाम रोशन करेगा।

  • पेले की मृत्यु के बाद ब्राजील सरकार ने तीन दिन का राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया था।
  • अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (All India Football Federation) ने सात दिन का शोक रखा।
  • NASA ने ब्राजील के झंडे की याद में ब्राजील के झंडे से मिलता जुलता सर्पिल आकाशगंगा छवि के साथ पेले को विशेष श्रद्धांजलि दी।
सर्पिल आकाशगंगा

पेले की मृत्यु के बाद विश्वभर के देशों ने भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की, इसमें हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल रहे। यहां तक कि यूनाइटेड नेशंस ने दुःख व्यक्त किया, वहीं अमेरिका जैसे देश के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन ने उनके साथ खिचाई हुई तस्वीर साझा करते हुए लिखा कि मै अपने आपको बहुत गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ कि मुझे पेले जैसे महान शख्स के साथ फोटो खिचवाने का मौका मिला

सुपर शॉट

इस तस्वीर को देखिए जो पेले द्वारा मैदान से ऊपर उठते हुए पूरी बॉडी को घुमाकर शॉट लगाया जा रहा है। इसे अब तक का सबसे बेस्ट शॉट माना गया है। कहा जाता है कि इस शॉट के बाद पेले बेहोश हो गए थे। बेहोशी के दौरान उन्हें ये नहीं पता चला कि उनके द्वारा लगाया गया, यह शॉट गोल हो गया है।

जर्सी नंबर 10

पेले की जर्सी का नंबर 10 था। 10 नंबर की जर्सी से आप सभी को कुछ याद आ रहा होगा। क्रिकेट के भगवान माने जाने वाले भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर की जर्सी का नंबर भी 10 ही था।

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4 COMMENTS

  1. बहुत बढ़िया पोस्ट है pele के सम्पूर्ण जीवन के जानकारी मिली

  2. Hello,

    Happy New Year ,

    I am the Auditing Director in the Bank of Ghana which is the Apex Bank of Ghana; I direct the auditing of accounting and financial data of various departments within the Bank of Ghana. During the Bank independent examination of financial information, I found out about this dormant account containing a contract balance fund $8.9 Million Dollars, The funds $8.9 Million dollars belongs to Late American Contractor Late Timothy Truax , he executed LNG pipeline contract for Ghana Petroleum commission , i will Tell you how the funds will be transferred to your bank account legitimately immediately i receive your response indicating your readiness to receive the funds and i want 50% of the funds after it is transferred to your bank account nominated by you.
    Reply to private email address : [email protected]

    Warm Regards
    James Osei

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