आज के इस लेख में हम युवाओं के लोकप्रिय त्यौहार वैलेंटाइन डे – Valentine Day के बारे में जानेंगे कि यह क्यों मनाया जाता है? कब से मनाया जा रहा है और इसका इतिहास क्या है?
तो आइए जानते हैं……
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे मनाया जाता है। युवाओं में इस डे को लेकर एक अलग लेवल का उत्साह दिखता है और बेसब्री से लोग इसका इंतजार भी करते हैं। यहां तक कि साल दर साल यह और लोकप्रिय होता जा रहा है। जिस प्रकार से, जब हमारा कोई त्यौहार आने वाला होता है, तो उसकी तैयारी हम सभी कुछ दिन पहले से ही शुरू कर देते हैं, उसी प्रकार से इस डे को स्पेशल बनाने के लिए, माहौल एक हक हफ्ता पहले से ही बनना शुरू हो जाता है, जिसे वैलेंटाइन डे वीक के नाम से जाना जाता है।
तो आप सभी ये जरूर समझ गए होंगे कि यह किस लेवल का डे है। पर क्या आपने कभी यह जानने की कोशिश की कि वैलेंटाइन डे मनाया क्यों जाता है? कब इसकी शुरुआत हुई? इसके शुरू होने के क्या कारण थे? तो आइए आज इसी बात पर हम चर्चा करेंगे कि आखिर वैलेंटाइन डे क्यों मनाया जाता है? इसके पीछे का क्या कारण है? इसका इतिहास क्या है और इसकी शुरुआत कैसे हुई?
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वैलेंटाइन डे का इतिहास – History of Valentine’s Day
‘आरिया ऑफ जैकोबस डी वॉराजिन’ नाम की पुस्तक के अनुसार रोम नगर (वर्तमान में इटली की राजधानी) के एक पादरी थे संत वैलेंटाइन। वे बहुत ही खुशमिजाज किस्म के इंसान थे और यही कारण था कि वे दुनिया में प्यार को बढ़ावा देने में विश्वास रखते थे। उनके अनुसार प्रेम में ही जीवन होता है। वैसे भी हम सभी यह कहावत जरूर सुने होंगे कि जिस जीवन में प्रेम नहीं, वो जीवन किस काम का। यानी जीवन में प्रेम का होना बहुत ही आवश्यक है।
उस समय रोम नगर का राजा क्लाउडियस हुआ करता था। उसकी इच्छा एक शक्तिशाली शासक बनने की थी। इस वजह से वह अपनी सेना का विस्तार करना चाहता था, लेकिन रोम नगर के शादीशुदा पुरुष सेना में शामिल नहीं होना चाहते थे। तब क्लाउडियस को ये बात समझ में आई कि प्रेम-प्रसंग और विवाह जैसी माया में फंसे होने के कारण लोग सेना में शामिल नहीं होना चाहते हैं। इस वजह से क्लाउडियस का प्रेम-प्रसंग, विवाह जैसी चीजों से विश्वास उठ गया और वह इन सब बातों और इस प्रकार के लोगों से घृणा करने लगा।
क्लाउडियस का मानना था कि प्रेम और विवाह से पुरुषों की शक्ति और बुद्धि दोनों नष्ट होती है। प्रेम और विवाह में लिप्त व्यक्ति कोई भी कार्य अपनी पूर्ण क्षमता के साथ नहीं कर सकता है, उसका ध्यान भटक ही जाएगा। खासतौर से सैनिकों का।
एक तरफ संत वैलेंटाइन प्यार को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे थे, वहीं दूसरी तरफ वहां के राजा को यह पसंद नहीं था। वैलेंटाइन को प्रेम या प्यार के प्रति लोगों में बढ़ावा देना देख, राजा क्लाउडियस ने सैनिकों और अधिकारियों की शादी पर पाबंदी लगा दी।
राजा का यह आदेश वैलेंटाइन को बिल्कुल पसंद नहीं आया, इसलिए उन्होंने इस बात का विरोध किया। विरोध स्वरूप उन्होंने कई सैनिकों और अधिकारियों की शादियां कराई और लोगों को प्रेम और विवाह के प्रति प्रेरित किया। राजा को यह नागवार गुजरा और वह गुस्से में आग बबूला हो गया। गुस्से से बौखलाए क्लाउडियस ने वैलेंटाइन को कैद करने का आदेश दे दिया। तत्पश्चात उन्हें मौत की सजा सुनाई गई।
जब संत वैलेंटाइन जेल में कैद थे, तो उन्हें चाहने वाले बहुत सारे लोग उनसे मिलने आया करते थे। भेंट स्वरूप उन्हें गुलाब और गिफ्ट दिया करते थे। ऐसा कर वो सभी यह जताते थे कि आपकी ही तरह हम सभी भी प्रेम में विश्वास रखते हैं। 14 फरवरी 269 ईस्वी (AD) को संत वैलेंटाइन को फांसी पर चढ़ा दिया गया। यानी 14 फरवरी को संत वैलेंटाइन मृत्यु को प्राप्त हुए। उस दिन से हर साल 14 फरवरी को ‘प्यार के दिन’ यानी वैलेंटाइन डे के रूप में मनाया जाता है।
कहा जाता है कि अपनी मौत से पहले संत वैलेंटाइन ने जेलर की नेत्रहीन बेटी जैकोब को अपनी आंखें दान की थी और उन्होंने जैकोब को एक पत्र लिखा था, जिसमें आखरी में उन्होंने लिखा था ‘तुम्हारा वैलेंटाइन।’ तो प्यार के लिए बलिदान देने और पूरे विश्व में प्यार को बढ़ावा देने वाले पादरी संत वैलेंटाइन की कुछ इस प्रकार रही कहानी।
वैलेंटाइन डे कब से मनाया जा रहा है – Since when is Valentine Day being celebrated?
विश्व भर में प्रेम को बढ़ावा देने वाले और प्रेम को ही जीवन मानने वाले पादरी संत वैलेंटाइन को रोम के राजा क्लाउडियस द्वारा 14 फरवरी 269 ईस्वी को मृत्युदंड के रूप में फांसी की सजा दी गई, तब से उनकी मृत्यु दिवस को हर साल वैलेंटाइन डे के रूप में मनाया जा रहा है और आज के दौर में तो यह बहुत ही लोकप्रिय है।
वैलेंटाइन डे क्यों मनाया जाता है – Why is Valentine’s Day celebrated?
प्रेम के समर्थक और दुनिया भर में प्रेम को बढ़ावा देने के लिए जाने जाने वाले रोम के पादरी संत वैलेंटाइन को प्रेम प्रतीक मानते हुए और उनके उद्देश्यों को याद करने के स्वरूप, उनके मृत्यु दिवस के दिन हर साल वैलेंटाइन डे मनाया जाता है। रोम नगर का राजा क्लाउडियस अपना साम्राज्य और वर्चस्व बढ़ाने का इच्छुक था। इस वजह से वह सेना का विस्तार करना चाहता था। पर वहां के स्थानीय लोग जो शादीशुदा और परिवार वाले थे, वो सेना में शामिल नहीं होना चाहते थे।
तब क्लॉडियस को यह लगा था कि यह प्रेम-प्रसंग में फंसे होने की वजह से सेना में शामिल नहीं होना चाहते हैं। इस वजह से उसने सैनिकों और अधिकारियों की शादी पर पाबंदी लगा दी थी। उस दौरान प्रेम के समर्थक माने जाने वाले वहां के पादरी संत वैलेंटाइन, राजा के इस आदेश से बिल्कुल भी खुश नहीं हुए और उन्होंने इस बात का विरोध करना शुरू कर दिया। यहां तक कि विरोध स्वरूप उन्होंने कई सैनिकों की शादी करवाई। इस वजह से गुस्साए क्लाउडियस ने उन्हें जेल में कैद करवाया और उसके बाद फांसी की सजा दे दी।
तो जो वैलेंटाइन के समर्थक और उनके चाहने वाले थे, उन्होंने ठाना कि वैलेंटाइन की याद स्वरूप हर वर्ष उनको याद करते हुए और दुनिया भर में प्रेम के संदेश को फैलाने के लिए उनकी मृत्यु दिवस को वैलेंटाइन डे के रूप में मनाएंगे। इस वजह से वैलेंटाइन डे मनाया जाता है।
जिस प्रकार से वैलेंटाइन डे एक अनोखा त्यौहार है, ठीक वैसे ही इसके मनाए जाने का तरीका भी अनोखा है।
वैलेंटाइन डे वीक (valentine day week)
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