क्या होता है ट्रेडिंग में Stop Loss – Stop Loss Order ? स्टॉप लॉस को समझें सरल शब्दों में

आज के इस लेख में हम शेयर मार्केट से संबंधित ‘स्टॉप लॉस – Stop Loss’ कीवर्ड के बारे में जानेंगे कि स्टॉप लॉस क्या होता है और ट्रेडिंग में इसकी क्या भूमिका होती है।

तो आइए जानते हैं…….

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के दौरान बहुत सी सावधानियां रखनी होतीं हैं। उन्हीं सावधानियों में से एक सावधानी है Stop Loss. अच्छा निवेशक उन्हें माना जाता है, जो शेयर मार्केट में ट्रेडिंग शुरू करने से पहले बहुत सी ऐसी जानकारियों और सावधानियों से अवगत हो जाते हैं, जिसकी वजह से उन्हें घाटा न हो और ज्यादा से ज्यादा मुनाफा हो। ट्रेडिंग के दौरान ज्यादा घाटे से बचने के लिए निवेशक Stop Loss सर्विस का इस्तेमाल करते हैं। तो आइए, अब Stop Loss के बारे में जान लेते हैं।

स्टॉप लॉस – Stop Loss – स्टॉप लॉस क्या है – What Is Stop Loss ?

जैसे कि इसका नाम ही है Stop Loss, यानी कि लॉस को स्टॉप करना – घाटे को रोकना। स्टॉप लॉस एक निवेशक द्वारा अपने नुकसान को सीमित करने के लिए उपयोग की जाने वाली विधि है। यह निवेशक द्वारा एक ब्रोकर को एक निश्चित पूर्व निर्धारित मूल्य तक पहुँचते ही प्रतिभूतियों को बेच देने के आर्डर के रूप में काम करता है। स्टॉप लॉस का मतलब सौदा शुरू करने से पहले ऐसा प्राइस लेवल तय करना, जिसके नीचे आप रिस्क नहीं लेना चाहते हैं।

कुलमिलाकर Stop Loss एक ऐसा तरीका है, जो आपको ज्यादा घाटा होने से बचाता है। स्टॉप लॉस का उपयोग करके ये सुनिश्चित किया जा सकता है कि जब शेयर के भाव एक निश्चित राशि से नीचे जानें लगे, तो उसे बेच देना है। इसको आगे एक उदाहरण के माध्यम से समझेंगे।

स्टॉप लॉस के साथ करें ट्रेडिंग – Trade With Stop Loss

ट्रेडिंग के दौरान भाव में उतार-चढ़ाव को लगातार ट्रैक करना लगभग असंभव है। ट्रैक करने का आशय यह है कि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि शेयर के भाव कब घट जाएंगे और कब बढ़ जाएंगे। चूकने पर भारी नुकसान भी हो सकता है और बंपर मुनाफा भी। इसलिए रिस्क मैनेज करने के लिए जरुरी है कि आप स्टॉप लॉस का इस्तेमाल करें और बाजार की विपरीत परिस्थितियों में अपने प्रॉफिट को सुरक्षित करें।

उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि रमेश प्रति शेयर एक हजार रूपए की दर से XYZ मोबाइल कंपनी में 50 शेयर खरीदता है। शीघ्र ही शेयर की कीमत प्रति शेयर 960 रूपए तक गिर जाती है। रमेश अपने नुकसान को सीमित करना चाहता है, तो वह 950 रूपए में एक स्टॉप लॉस आर्डर रख देता है। इसका मतलब ये हुआ कि अगर कीमत 950 रूपए से और भी कम होती जाती है, तो उसके ब्रोकर आगे होने वाले और नुकसान को रोकने के लिए शेयर बेच देंगे।

अगर मान लीजिए कि रमेश Stop Loss आर्डर का इस्तेमाल नहीं करता, तो उसे कितना भी घाटा हो सकता था?? हो सकता था कि शेयर के भाव गिरकर 700 रुपए हो जाते या कि 500 रुपए हो जाते!!! होनें को तो कुछ भी हो सकता है। इस प्रकार से स्टॉप लॉस आर्डर का इस्तेमाल करने से ज्यादा घाटा होने से बचा जा सकता है। इसकी एक खास बात यह है कि मुनाफा चाहे जितना भी हो उससे कोई दिक्कत नहीं है, यह केवल उन परिस्थितियों में काम करता है जब शेयर के भाव नीचे गिर रहें हो।

उम्मीद करता हूँ कि ‘Stop Loss – स्टॉप लॉस’ के बारे में दी गई जानकारी, आप सभी को समझ में आई होगी।

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