आज के इस लेख में हम जानेंगे की 11 सितम्बर 2001 में अमेरिका पर आतंकी संगठन अल कायदा द्वारा जो आतंकी हमला किया गया था, जिसे 9/11 आतंकी हमला के नाम से जाना जाता है, जिसमें 2977 लोग मारे गए थे, उसका अमेरिका ने किस प्रकार से बदला लिया?
तो आइये जानते है……
11 सितम्बर 2001 में अमेरिका पर जब आतंकी संगठन अल कायदा द्वारा हमला किया गया था, तो उस समय अल कायदा का मुख्य लीडर ओसामा बिन लादेन था, तो यहीं माना जा रहा था कि इसका मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन ही है। जाहिर सी बात है हर कोई यही सोचेगा की जो मुख्य लीडर है उसी के देखरेख में सब हो रहा है और उस संगठन द्वारा जो भी गतिविधियां की जा रहीं हैं उन सब का जिम्मेदार भी वही है।
इस प्रकार से अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन को अपना दुश्मन और आतंकी हमलें का जिम्मेदार मानते हुए तलाश जारी कर दी, लेकिन लेकिन अमेरिका की खूफिया एजेंसी CIA और FBI के अधिकारियों ने 9/11 की आतंकी घटना की सघन जांच पड़ताल के बाद ये जानकारी निकाली की 9/11 में जो हमला हुआ, उसका मास्टरमाइंड अल जवाहिरी है।
2004 में एक हार्ड डिस्क से साबित हुआ था कि 9/11 हमलों से पहले जवाहिरी अलकायदा की सभी प्रक्रियाओं के केंद्र में था, वह बिन लादेन और शीर्ष कमांडरों के बीच सूचना का आदान प्रदान करता था। जवाहिरी ईराक और पाकिस्तान के अलकायदा लीडर्स के साथ गहरा रिश्ता बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका में था।
अल जवाहिरी को बिन लादेन का दिमाग (प्रमुख सलाहकार) कहा जाता था। अल जवाहिरी ही सभी हमलों की जिम्मेदारी और निगरानी को अंजाम देता था। मतलब लीडर तो ओसामा बिन लादेन था लेकिन वह सारे निर्णय अल जवाहिरी की सलाह पर ही लेता था।
इस प्रकार से अमेरिका के लिए दो टारगेट प्वाइंट हो गए, एक तो ओसामा बिन लादेन और दूसरा अल जवाहिरी। अब आइये ये जानते है कि अमेरिका ने इनसे किस प्रकार से बदला लिया?
कैसे लिया अमेरिका ने 9/11 आतंकी हमले का बदला ?
ओसामा बिन लादेन को तो 02 मई 2011 में अमेरिकी नेवी सील के कमांडोज ने पाकिस्तान के एबटाबाद में घुसकर मार दिया था और शव को एक बैग में पैक कर साथ में लेकर चले गए थे, बाद में उसकी लाश को समुद्र में बहा दिया गया था। बचा था अल-जवाहिरी, तो आइये अब उसके खात्मे की कहानी के बारे में जान लेते है।
अमेरिका में हुए सबसे बड़े आतंकी हमले 9/11 का मास्टर माइंड अल-जवाहिरी को माना जाता है, जिसमें करीब 2977 लोग मारे गए थे। उस समय भले ही अल कायदा का प्रमुख ओसामा बिन लादेन था, लेकिन समस्त आतंकवादी घटनाओं का जिम्मेदार या मास्टरमाइंड अल-जवाहिरी को माना जाता है। मतलब ऐसा कहे की ओसामा बिन लादेन का निजी डॉक्टर होने के साथ-साथ प्रमुख सलाहकार भी जवाहिरी ही था।
तो अल-जवाहिरी को मारने के लिए अमेरिकी खूफिया एजेंसी CIA पिछले 6 महीने यानी जनवरी 2022 से उसकी ट्रैकिंग कर रही थी। इस ट्रैकिंग के दौरान पता चला की वह रोज सुबह बालकनी में टहलता है। जैसे ही कंफर्म हुआ सुबह रीपर ड्रोन MQ-9 द्वारा दो R9X मिसाइलें उस पर छोड़ी गयी और इस हमले में वह मारा गया। अमेरिका की छवि बनी रहे इसके लिए यह सफलता उसके लिए बहुत जरुरी थी।
सोचिए जो काम अमेरिका, अफगानिस्तान में 20 साल रहकर नहीं कर पाया, वह काम वह अफगानिस्तान से जाने के बाद कर दिखाया। बदला तो लेना ही था। हालांकि, 9/11 आतंकी हमले के दौरान अल कायदा का प्रमुख ओसामा बिन लादेन था और अमेरिका ने 2011 में ही उसे पाकिस्तान में मार गिराया था, लेकिन 9/11 आतंकी हमले का मास्टर माइंड अल जवाहिरी को माना जा रहा था, इसलिए अमेरिका इसे भी मारने की फिराक में बहुत लंबे समय से था और आखिरकार, भले ही देर से, लेकिन उसने मारकर बदला ले लिया।
अमेरिका ने कैसे पता लगाया अल-जवाहिरी के ठिकाने का
जनवरी 2022 से ही अमेरिकी खूफिया एजेंसियां अल जवाहिरी और उसके परिवार को ट्रैक कर रहीं थी। फरवरी 2022 में परिवार का काबुल में होने का पता चला, फिर बारीकी से नजर रखी जाने लगी। मार्च से मई के बीच अल जवाहिरी के भी होने की पुख्ता जानकारी मिली और फिर उसकी दिनचर्या पर नजर रखी जाने लगी।
25 जुलाई 2022 को अमेरिका खूफिया एजेंसियों ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को जवाहिरी की जानकारी दी और बताया की हमलें को कैसे अंजाम दिया जाएगा। 01 अगस्त 2022 को काबुल के शेरपुर इलाके के इस बेहद सीक्रेट घर पर ड्रोन के जरिए मिसाइल दागी गयी और अंततः अल जवाहिरी को मार गिराया गया।
अमेरिका में 9/11 के आतंकी हमले के पीछे था अल-जवाहिरी का दिमाग
वैसे तो ओसामा बिन लादेन को 9/11 आतंकी हमले का मास्टरमाइंड के तौर पर जाना जाता है, क्योंकि 11 सितम्बर 2001 में जब आतंकी हमला किया गया उस समय अल कायदा का यही मुख्य लीडर था। लेकिन अमेरिका की खूफिया एजेंसी CIA और FBI अधिकारियों का कहना है कि ये अल जवाहिरी का दिमाग था, जिसे बिन लादेन का दिमाग (प्रमुख सलाहकार) कहा जाता था। अल जवाहिरी ही सभी हमलों की जिम्मेदारी और निगरानी को अंजाम देता था।
2004 में एक हार्ड डिस्क से साबित हुआ था कि 9/11 हमलों से पहले जवाहिरी अलकायदा की सभी प्रक्रियाओं के केंद्र में था, वह बिन लादेन और शीर्ष कमांडरों के बीच सूचना का आदान प्रदान करता था। जवाहिरी ईराक और पाकिस्तान के अलकायदा लीडर्स के साथ गहरा रिश्ता बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका में था।
किस प्रकार से किया गया था 9/11 का आतंकी हमला ?
इस हमलें के लिए अलकायदा के आतंकियों द्वारा 11 सितम्बर 2001 को चार कामर्शियल प्लेन हाईजैक किए गए। इस हमले में 19 आतंकवादी शामिल थे। हाईजैक किए प्लेन में से दो प्लेन वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के नॉर्थ और साउथ टावर से टकरा दिए गए। वहीं, तीसरे प्लेन से पेंटागन में हमला किया था और चौथे प्लेन को क्रैश कर दिया गया था। इस हमले में 93 देशों के 2977 लोग मारे गए थे। हमला आतंकी संगठन अलकायदा ने किया था।
9/11 हमले में मारे गए थे 2977 लोग
इस आतंकी हमलें को 4 देशों के 19 आतंकियों ने अंजाम दिया था। आतंकियों में 15 सऊदी अरब के 2 UAE के और 1-1 मिस्र और लेबनान के शामिल थे। इस हमले में 93 देशों के लोगों की जान गयी थी। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में हुए हमलें में 2753 लोगों की जान गयी थी। वहीं, पेंटागन में हुए हमले में 184 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। जिस प्लेन को क्रैश किया गया था, उसमें सवार 40 लोगों की भी जान चली गयी थी।
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