भारतीय बजट का इतिहास: भारत का बजट सबसे पहले कब और किसके द्वारा पेश किया गया?

आज के इस लेख में हम ‘भारतीय बजट – Indian Budget’ के इतिहास और उससे संबंधित जानकारियों के बारे में जानेंगे, साथ ही भारत के बजट से जुड़ी अब तक की अनोखी जानकारियों और उनमें किए गए परिवर्तनों के बारे में भी जानेंगे।

तो आइए जानते हैं……

चर्चा में क्यों?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी ने 1 फरवरी 2023 को केंद्रीय बजट पेश किया। 2024 में लोकसभा चुनाव से पहले यह मोदी सरकार का आखरी पूर्ण बजट है। इस Budget की खास बात यह भी है कि कई केंद्रीय बैंकों द्वारा लगातार दरों में बढ़ोतरी और दुनिया भर में हाई इन्फ्लेशन की पृष्ठभूमि के बीच यह केंद्रीय बजट तैयार किया जा रहा है।

बजट 2023-24

Budget 2023-24 का सत्र 31 जनवरी से शुरू हुआ। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी ने पहले दिन आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 पेश किया, इसके बाद 1 फरवरी को वित्त मंत्री द्वारा यूनियन बजट 2023-24 पेश किया गया। आम बजट 2023-24 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी का लगातार पांचवां बजट होगा। 2024 के आम चुनाव के पहले यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखरी पूर्ण बजट है।

भारतीय बजट का इतिहास – History of Indian Budget

1860:

7 अप्रैल 1860 को भारत का पहला Budget ब्रिटिश संसद में स्कॉटिश बिजनेसमैन जेम्स विल्सन ने पेश किया था। जेम्स विल्सन बजट दस्तावेजों को एक चमड़े के थैले (बूगेट) में ही लेकर संसद गए थे। दरअसल, बजट शब्द फ्रेंच शब्द बूगेट से निकला है, जिसका मतलब होता है चमड़े का थैला। बजट ब्रीफकेस का प्रचलन ब्रिटेन में शुरू हुआ। ब्रिटेन में एक ही बजट ब्रीफकेस को एक मंत्री दूसरे को सौंपता है, जबकि भारत में वित्त मंत्री अलग-अलग ब्रीफकेस का इस्तेमाल करते थे।

1947:

लियाकत अली खान पहले भारतीय थे, जिन्होंने भारत की अंतरिम सरकार का बजट पेश किया था। विभाजन के बाद लियाकत अली पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने। इस प्रकार से वो अविभाजित भारत का Budget पेश करने वाले आखिरी शख्स भी थे।

26 नवंबर 1947:

आजादी के बाद पहला बजट देश के पहले वित्त मंत्री आरके षणमुखम चेट्टी ने पेश किया था। यह बजट 15 अगस्त 1947 से 31 मार्च 1948 तक की अवधि के लिए था।

1950:

26 जनवरी 1950 को गणतंत्र की स्थापना के बाद देश का पहला बजट 28 फरवरी 1950 को वित्त मंत्री जॉन मथाई ने पेश किया था।

1955:

पहली बार बजट डाक्यूमेंट्स हिंदी में भी छपे। पहले यह सिर्फ अंग्रेजी में छपते थे।

1965:

आर्थिक सर्वेक्षण यानी कि इकोनॉमिक सर्वे बजट से 1 दिन पहले आया। पहली बार आर्थिक सर्वेक्षण Budget से 1 दिन पहले पेश किया गया। इससे पहले आर्थिक सर्वेक्षण बजट के साथ ही पेश किया जाता था। आर्थिक सर्वेक्षण पेश करने की शुरुआत 1950 में हुई थी।

2001: पहली बार बजट सुबह 11:00 बजे पेश हुआ

पहले यह शाम 5:00 बजे पेश होता था। अंग्रेजों ने इसकी शुरुआत इसलिए की थी, ताकि ब्रिटेन की संसद में बैठे सांसद रेडियो पर इसे सुन सकें, क्योंकि भारत में जब शाम के 5:00 बजते हैं, तो ब्रिटेन में सुबह के 11:30 बजते हैं।

2016: पत्रकारों के लिए नहीं छपा बजट

ऐसा पहली बार हुआ, जब बजट की हार्ड कॉपी पत्रकारों को नहीं दी गई। इससे पहले हर बार वित्त मंत्री का बजट भाषण पूरा होने के बाद पत्रकारों को बजट की हार्ड कॉपी दी जाती थी। उस वक्त के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसे पर्यावरण को बचाने के लिए उठाया गया कदम बताया था।

2017: 1 फरवरी को बजट पेश किया गया

पहली बार बजट 1 फरवरी को पेश किया गया। इससे पहले चुनावी साल को छोड़कर आम बजट फरवरी के लास्ट वर्किंग डे को पेश होता था। चुनावी साल में अंतरिम बजट फरवरी के लास्ट वर्किंग डे को पेश होता था और नई सरकार के गठन के बाद आम बजट पेश होता था।

2017: 92 साल के इतिहास में पहली बार रेल बजट नहीं पेश किया गया

1924 में पहली बार रेल बजट पेश किया गया था। 1947 में देश की आजादी के बाद पहली बार रेल मंत्री जॉन मथाई ने रेल बजट पेश किया। 1994 में पहली बार रेल बजट का प्रसारण टीवी पर किया गया। 92 साल बाद 2017 में पहली बार रेल बजट आम बजट का हिस्सा हो गया।

2018: पहली बार देश में बना कोई सामान ना तो सस्ता हुआ और ना ही महंगा

1 जुलाई 2017 को देश में जीएसटी लागू हुआ। तब से देश में बने सामानों की कीमत जीएसटी काउंसिल तय करती है। सरकार के पास बजट के लिए एक्साइज और कस्टम ड्यूटी बची है। अब विदेश से आने वाली चीजों की कस्टम ड्यूटी घटने-बढ़ने पर उस चीज के दाम घटते-बढ़ते हैं।

2019: 159 साल में पहली बार बजट नहीं, बहीखाता पेश किया गया

जुलाई 2019 में निर्मला सीतारमण बजट ब्रीफकेस लेकर सदन नहीं पहुंची। उनके हाथ में ब्रीफकेस की जगह लाल रंग का फोल्डर था। इसे बजट की जगह बहीखाता कहा गया। 159 साल में पहली बार ऐसा हुआ जब बजट ब्रीफकेस का इस्तेमाल नहीं हुआ।

भारतीय बजट से जुड़ी कुछ अनोखी बातें

  • Budget आमतौर पर वित्त मंत्री पेश करता है, लेकिन जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने आम बजट पेश किया।
  • निर्मला सीतारमण पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री हैं, जिन्होंने 2020 में 2 घंटे 40 मिनट लंबे बजट भाषण का रिकॉर्ड बनाया। दूसरा नंबर दो घंटे 10 मिनट भाषण देने वाले अरुण जेटली जी का है।
  • 2000 तक अंग्रेजी परंपरा के हिसाब से Budget शाम 5:00 बजे पेश किया जाता था। यह परंपरा सर बेसिल ब्लैकेट ने 1924 में शुरू की थी।
  • 2001 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में पहली बार सुबह 11:00 बजे बजट पेश हुआ, तब वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा थे।

डिजिटल इंडिया का डिजिटल बजट

  • वर्ष 2020 में देश का पहला पेपरलेस बजट मेड इन इंडिया टैबलेट में पढ़ा गया।
  • 161 साल में पहली बार कागजों में नहीं छपा देश का बजट।
  • 14 डॉक्यूमेंट वाले Budget के लिए मोबाइल ऐप भी लांच हुआ।
  • 2015 में पेपर लेस बजट बात करने वाला देश का पहला राज्य हिमाचल प्रदेश बना।
  • ₹150000000 बचाए थे हिमाचल प्रदेश ने 2015 में डिजिटल Budget से।

एनुअल फाइनेंशियल स्टेटमेंट

यूनियन बजट को एनुअल फाइनेंशियल स्टेटमेंट भी कहा जाता है। फाइनेंसियल स्टेटमेंट में सरकार के हर मंत्रालय के लिए आवंटित अमाउंट का उल्लेख होता है। यह समझ लेना जरूरी है कि यूनियन फाइनेंशियल स्टेटमेंट में अगले वित्त वर्ष के खर्च के लिए आवंटन होता है।

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