आज के इस लेख में हम T Plus One (T+1) ट्रेडिंग सेटेलमेंट सिस्टम के बारे में जानेंगे कि यह क्या होता है? साथ ही ट्रेडिंग सेटेलमेंट सिस्टम के इतिहास के बारे में भी जानेंगे।
तो आइए जानते हैं……..
चर्चा में क्यों?
बाजार नियामक सेबी ने T+1 यानी कि (ट्रेड+1 दिन) व्यापार एक दिन में सेटलमेंट साइकल पेश किया है, जिससे शेयर बाजार 27 जनवरी को पूरी तरह से एक छोटे से ट्रांसफर साइकल में शिफ्ट हो जाएगा।
भारत में अभी तक T+2 सेटेलमेंट सिस्टम था
- 2003 से पहले भारत में T+3 सेटेलमेंट सिस्टम था। यानी कि शेयरों और पैसे ट्रांसफर में 3 दिन लग जाते थे।
- 2003 से अभी तक (26 जनवरी 2023 तक) भारत में पैसे और शेयर ट्रांसफर होने में 2 दिन लगते थे, लेकिन अब इसको भी बदलकर T+1 सेटेलमेंट सिस्टम लागू किया गया है। यानी कि अब पैसे और शेयर ट्रांसफर होने में 1 दिन का समय लगेगा।
T+1, T+2 और T+3 सेटेलमेंट सिस्टम समझिए
सेटेलमेंट सिस्टम का मतलब बायर अकाउंट में शेयरों का ऑफिशियल ट्रांसफर और सेलर अकाउंट में बेचे गए शेयरों के कैश ट्रांसफर से हैं। भारतीय स्टॉक एक्सचेंज 26 जनवरी 2023 तक T+2 सेटेलमेंट सिस्टम को फॉलो करता आ रहा था। इसका मतलब है कि आर्डर के पूरा होने (एग्जीक्यूट) के बाद फंड और सिक्योरिटी आपके अकाउंट में 2 दिन में आ जाएंगे। मान लीजिए कि आपने गुरुवार को शेयर बेचे हैं, तो T+2 के अनुसार 2 बिजनेस डेज में इन शेयरों के पैसे आपके अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएंगे। वहीं अगर आपने शेयर खरीदे हैं, तो खरीदे हुए शेयर 2 दिन में आपके डीमैट अकाउंट में क्रेडिट हो जाएंगे।
T+1 (T Plus One) से 24 घंटे में शेयर और पैसे ट्रांसफर होंगे
अप्रैल 2003 में सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) की ओर से T+2 सेटेलमेंट सिस्टम को शुरू करने से पहले भारत में T+3 सेटेलमेंट सिस्टम था। इसका मतलब है कि शेयरों और पैसे को खाते में जमा होने में 3 दिन लग जाते थे। अब T+1 सिस्टम के लागू होने के साथ 24 घंटे के भीतर शेयर और पैसे आपके अकाउंट में क्रेडिट हो जाएंगे।
इस नियम के लागू होने के बाद सेलर्स और बायर्स के खाते में कारोबार के समाप्त होने के 24 घंटे के भीतर पैसा प्राप्त करने की अनुमति मिलेगी। आसान शब्दों में कहें तो, अगर आप अपने पोर्टफोलियो में शामिल शेयर को बेचते हैं, तो 24 घंटे के भीतर इसका पैसा आपके खाते में क्रेडिट हो जाएगा। कंपनियां 27 जनवरी को T+1 सिस्टम पर स्विच कर जाएंगी।
सेटलमेंट की टाइमलाइन
- 1996- डीमैट अकाउंट से ट्रेडिंग शुरू हुई।
- 15 जनवरी 1998- T+5 सेटेलमेंट सिस्टम से डीमैट में ट्रेडिंग हुई।
- 2002- अप्रैल महीने से T+3 सेटलमेंट साइकल शुरू हुई।
- 2003- अप्रैल महीने से T+2 सेटलमेंट साइकल शुरू हुई।
- अभी हाल ही में जनवरी 2023 से T+1 सेटेलमेंट सिस्टम की शुरुआत हुई।
भारत की 200 सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनियां, अब सेटेलमेंट के T+1 साइकल पर शिफ्ट कर रही हैं। 27 जनवरी से रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL), टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) और अडानी इंटरप्राइजेज T+1 के आधार पर ट्रेड को सेटल करेंगी। इस पूरे बदलाव में करीब 1 साल का वक्त लगा है। इसकी शुरुआत फरवरी 2022 से हुई थी, तब सबसे कम मार्केट कैप वाली सौ कंपनियों पर यह लागू किया गया था। इसके बाद से हर महीने के आखिरी शुक्रवार को अगले 500 स्टॉक्स का बैच T+1 सेटलमेंट में जुड़ते हुए 27 जनवरी को सभी लार्ज कैप और ब्लू चिप स्टॉक्स T+1 सेटलमेंट में जुड़ जाएंगे।
निवेशकों को होगा फायदा
अगर इसके फायदों की बात की जाए, तो T+1 सेटलमेंट का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह निवेशकों को बेहतर लिक्विडिटी प्रदान करता है। इसके अलावा निवेशक जल्दी अपने ट्रेड को भुनाने में सफल होंगे। जैसे- अगर कोई निवेशक आज किसी शेयर को बेचता है, तो कल पैसे उसके डीमैट अकाउंट में दिखने लगेंगे। जितनी जल्दी पैसे डीमैट अकाउंट में दिखेंगे, उतनी ही जल्दी निवेशक उन्हें विथड्रॉ कर पाएगा। इसके बाद वह रीइन्वेस्ट कर सकता है या फिर अपना कोई अन्य निजी कार्य कर सकता है।
कहां-कहां लागू है T+1 व्यवस्था
बात करें दुनिया में फॉलो किए जाने वाले सेटलमेंट साइकल की, तो चीन के बाद भारत ही दूसरा सबसे बड़ा मार्केट है, जहां पर T+1 सेटलमेंट साइकल को लागू किया गया है। वहीं यूएस, यूरोप और जापान में जैसे विकसित देशों में अभी भी T+2 सेटलमेंट साइकल ही चलती है।
यह भी पढ़े:
anvixa maroc est un service de haute qualité conçu pour l’hébergement de sites web au Maroc https://anvixa.ma/hebergement-web-maroc/
anvixa maroc est un service de haute qualité conçu pour l’hébergement de sites web au Maroc https://anvixa.ma/hebergement-web-maroc/