एक ऐसा खिलाड़ी, जिसके मैच के लिए रुक गया था 2 दिन तक के लिए गृह युद्ध !!!!!

आज के इस लेख में हम ब्राजील के महान फुटबॉलर और फुटबॉल के भगवान कहे जाने वाले पेले – Pele से जुड़े एक ऐसे किस्से के बारे में जानेंगे, जिसकी वजह से गृह युद्ध को रोक दिया गया था।

तो आइए जानते हैं…….

चर्चा में क्यों ?

हाल ही में ब्राज़ील के महान फुटबॉलर और फुटबॉल के भगवान कहे जाने वाले पेले का 82 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। इंस्टाग्राम पर उनकी बेटी केली नेसिमेंटो ने उनके निधन की पुष्टि की। पेले कोलन कैंसर से जूझ रहे थे और 2021 से उनका कोलन कैंसर का इलाज चल रहा था और अब उनकी बॉडी ने कीमोथेरेपी ट्रीटमेंट का जवाब देना भी बंद कर दिया था। अन्य कई बीमारियों के कारण उन्हें हाल ही में अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां पता चला कि उन्हें रेस्पिरेटरी इनफेक्शन भी है।

तो आइए उनसे जुड़े हुए उस मामले के बारे में जान लेते हैं, जिसकी वजह से गृह युद्ध रुक गया था

1969 का है मामला

दरअसल,पेले ने अपने कैरियर का अधिकांश समय सैंटोस एफसी फुटबॉल क्लब में बिताया। 1960 के दशक में पेले की वजह से सैंटोस एफसी फुटबॉल क्लब दुनिया की सबसे मशहूर फुटबॉल क्लब में से एक थी। यह टीम पूरे विश्व में पहचानी जाती थी और दुनिया के हर कोने में फ्रेंडली मैचों में हिस्सा लेती थी। एक ऐसा ही मैच 4 फरवरी 1969 को नाइजीरिया के एक युद्धग्रस्त क्षेत्र में खेला गया था। इस मैच में सैंटोस का सामना बेनिन सिटी के एक क्लब से हुआ था। सैंटोस की टीम 26 जनवरी 1969 को नाइजीरिया पहुंची थी, तब वहां मामला गंभीर था।

नाइजीरिया में चल रहा था गृह युद्ध

नाइजीरिया और बायाफ्रा के बीच लड़ाई चलने की वजह से नाइजीरिया में गृह युद्ध जैसी स्थिति निर्मित थी। हालांकि, यह गृह युद्ध जुलाई 1967 से चल रहा था और जनवरी 1970 तक चला। इसी दौरान 4 फरवरी 1969 को नाइजीरिया में एक फ्रेंडली मैच खेला जाना था। इस लड़ाई में हजारों लोगों की जान गई थी, वहीं लाखों लोग बेघर हो गए थे। ऐसा कहा जाता है कि पेले के वहां पहुंचते ही नाइजीरिया और बायफ्रा के बीच लड़ाई 48 घंटे से ज्यादा समय के लिए रुक गई थी।

इतिहासकार ग्यूहरमें गॉरचे ने बताया था कि ब्राजील के खिलाड़ी और अधिकारी मैच से पहले टीम की सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित थे। ऐसे में नाइजीरिया में युद्ध को रोकने का फैसला लिया गया था। इसके बाद मैच खेला जा सका। सैंटोस ने उस मैच में बेनिन सिटी के क्लब को 2-1 से हराया था।

पेले के शब्दों में – In Pele’s words

हालांकि, इस घटना को लेकर अलग-अलग बातें भी कही गई। 1977 में पेले की पहली आत्मकथा में इस घटना का कोई जिक्र नहीं किया गया था। 30 साल बाद आई उनकी एक और आत्मकथा में इस घटना का जिक्र था। पेले ने इस किताब के जरिए बताया था कि खिलाड़ियों को देश के बड़े अधिकारियों की ओर से निर्देश जारी किया गया था और इस निर्देश में कहा गया था कि यह गृह युद्ध एक फ्रेंडली मैच के लिए रोका जा सकता है।

पेले ने बताया कि मुझे नहीं पता कि इस पूरी घटना में कितनी सच्चाई है, लेकिन नाइजीरिया ने यह जरूर सुनिश्चित किया कि जब तक हम वहां मौजूद रहेंगे, तब तक कोई घुसपैठ या विवाद नहीं होगा। पेले के साथी पिक्सी लीजेंड लीमा ने एक इंटरव्यू में बताया था कि एक युद्ध को रोकना हमारे पक्ष में अपना वर्चस्व दिखाने के लिए एक और बिंदु था। हम आसानी से घूम सकते थे और कह सकते थे कि युद्ध हमारे चारों ओर है, हम उस संकट में क्यों पड़ें? लेकिन हमने ऐसा नहीं किया, हम मैच खेलना चाहते थे।

टाइम मैगजीन का वाक्या

यह कहानी 2005 में टाइम मैगजीन तक पहुंची। प्रसिद्ध मैगजीन के एक लेख में दावा किया गया था कि नाइजीरिया और बायफ्रा के बीच चल रहे युद्ध को रोकने के लिए राजनयिकों और दूतों ने 2 साल तक कोशिश की, फिर भी युद्ध नहीं रोक सके, वहीं 1969 में ब्राजील के स्टार फुटबॉलर पेले के पहुँचते ही युद्ध रुक गया था। हालांकि, कई ऐसे लेख भी सामने आए, जिन्होंने इस घटना पर सवालिया निशान खड़े किए।

पेले की टीम के साथी गिलमार और कॉटिन्हो के अनुसार- युद्ध विराम मुश्किल से मैच तक चला। जैसे ही मैच खत्म हुआ, गोलियों की आवाज सुनी जा सकती थी।

उम्मीद करता हूँ कि आप सभी को ये बात जरूर समझ में आई होगी कि पेले के प्रति लोगों के दिल में कितना प्यार और सम्मान रहा होगा। यहां तक कि आज भी लोग पेले को बहुत सम्मान देते हैं और देते रहेंगे।

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