संविधान और राजव्यवस्था | राज्य और उसके तत्व

आज के इस लेख में हम संविधान (Constitution) और राजव्यवस्था (Polity) के सामान्य परिचय के बारे में जानेंगे, जो कि सभी के लिए जानना आवश्यक होता है।

तो आइए जानते हैं…….

संविधान (Constitution)

नियमों, कानून एवं परंपराओं का संकलन, जो किसी देश के शासन को चलाने के लिए किया जाता है, उसे संविधान कहते हैं।

  • संविधान शब्द की उत्पत्ति लेटिन भाषा के शब्द Constiture (शासन करने वाला सिद्धांत) से हुई है।

संविधान = सम् + विधान = नियम/कानून

राजव्यवस्था (Polity)

किसी देश को सुव्यवस्थित तरीके से चलाने के लिए, उस देश की सरकार द्वारा संविधान (नियम/कानून) लागू करने के लिए जो व्यवस्था की जाती है, उसे राजव्यवस्था कहते हैं।

राज्य (State)

आधुनिक विचारक फिलिमोर के अनुसार राज्य एक मनुष्यों का वह समुदाय है, जो एक निश्चित भू-भाग पर स्थायी रूप से बसा हुआ हो और जो एक सुव्यवस्थित सरकार द्वारा उस भू-भाग की सीमा के अंतर्गत व्यक्तियों तथा पदार्थों पर पूरा नियंत्रण तथा प्रभुत्व रखता हो और जिसे विश्व के किसी भी अन्य राज्य से संधि या युद्ध करने अथवा अन्य किसी प्रकार से अंतरराष्ट्रीय संबंध स्थापित करने का अधिकार प्राप्त हो।

राज्य के तत्व (Elements of The State)

  1. जनसंख्या (Population)
  2. भू-भाग (Territory)
  3. सरकार (Government)
  4. संप्रभुता (Sovereignty)

जनसंख्या (Population)

  • यह किसी राज्य होने के लिए सर्वप्रथम तथा आवश्यक तत्व होता है। राज्य मनुष्यों का ही संगठन है।
  • प्लेटो ने अपनी पुस्तक Republic में बताया कि एक आदर्श राज्य में 5,040 नागरिक ही होने चाहिए।
  • अरस्तू के अनुसार राज्य की जनसंख्या 10,000 होनी चाहिए। (कृपया आप सभी जनसंख्या के आंकड़ों पर ध्यान ना दें, यह केवल पुस्तकों से लिया हुआ संकलन है।)

भू-भाग (Territory)

एक निश्चित भू-भाग राज्य होने के लिए दूसरा आवश्यक तत्व है। राज्य के क्षेत्र के संबंध में विद्वानों में मतभेद है। प्लेटो, अरस्तू, रूसो, डी. टाकविल आदि छोटे राज्यों के पक्षधर हैं। परंतु वर्तमान में राज्य का क्षेत्र कम होना हानिकारक समझा जाता है, क्योंकि कम क्षेत्र वाले राज्य आर्थिक और जैविक दृष्टि से आत्मनिर्भर नहीं हो सकते।

सरकार (Government)

सरकार, राज्य का संघठनात्मक तत्व है। यह राज्य का अभिन्न अंग है, जो राज्य द्वारा निर्धारित लक्ष्य तथा नीतियों को क्रियान्वित करता है।

संप्रभुता (Sovereignty)

गैटिल के अनुसार- ” संप्रभुता ही राज्य का वह लक्षण है, जो उसे अन्य समुदायों से अलग करता है। इसका आशय है कि राज्य अपने क्षेत्र में स्थित सभी व्यक्तियों तथा समुदायों को आज्ञा प्रदान कर सके, इन आज्ञाओं का पालन करा सके तथा बाहरी नियंत्रण से पूरी तरह मुक्त हो। अर्थात दूसरे राज्यों के साथ अपनी इच्छानुसार संबंध स्थापित कर सके।

  • क्या भारत संघ की इकाइयां राज्य हैं?

भारत संघ के इकाई राज्यों, जैसे- उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, बिहार …… आदि में एक राज्य होने के लिए तीन प्रमुख तत्व तो उपस्थित हैं, लेकिन चौथे तत्व संप्रभुता का अभाव है। इस वजह से इन्हें राज्य नहीं कहा जा सकता है। (यहां पर राज्य का आशय एक देश से है।)

  • क्या संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO – United Nations Organisation) एक राज्य है?

UNO एक अंतरराष्ट्रीय राज्यों का स्वैच्छिक संघ है। संयुक्त राष्ट्र संघ के पास ना तो अपनी जनसंख्या है और ना ही संप्रभुता, इस वजह से इसे राज्य नहीं कहा जा सकता।

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