9/11, आतंकी हमलें का मास्टरमाइंड था अल-जवाहिरी, इसके अलावा भी कई अन्य हमलों को दिया था अंजाम

9/11 Attack In USA | अल-जवाहिरी था जिम्मेदार

आज के इस लेख में हम अल कायदा द्वारा किए गए आतंकी हमलें 9/11 और उसका मास्टरमाइंड अल-जवाहिरी के बारें में जानेंगे। इसके अलावा भी उसे कई अन्य आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता है, उनके बारे में भी जानेंगे।

तो आइये जानते है…..

अमेरिका में 9/11 के आतंकी हमले के पीछे था अल-जवाहिरी का दिमाग

वैसे तो ओसामा बिन लादेन को 9/11 आतंकी हमले का मास्टरमाइंड के तौर पर जाना जाता है, क्योंकि 11 सितम्बर 2001 में जब आतंकी हमला किया गया उस समय अल कायदा का यही मुख्य लीडर था। लेकिन अमेरिका की खूफिया एजेंसी CIA और FBI अधिकारियों का कहना है कि ये अल जवाहिरी का दिमाग था, जिसे बिन लादेन का दिमाग (प्रमुख सलाहकार) कहा जाता था। अल जवाहिरी ही सभी हमलों की जिम्मेदारी और निगरानी को अंजाम देता था।

अल-जवाहिरी

2004 में एक हार्ड डिस्क से साबित हुआ था कि 9/11 हमलों से पहले जवाहिरी अलकायदा की सभी प्रक्रियाओं के केंद्र में था, वह बिन लादेन और शीर्ष कमांडरों के बीच सूचना का आदान प्रदान करता था। जवाहिरी ईराक और पाकिस्तान के अलकायदा लीडर्स के साथ गहरा रिश्ता बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका में था।

किस प्रकार से किया गया था 9/11 का आतंकी हमला

इस हमलें के लिए अलकायदा के आतंकियों द्वारा 11 सितम्बर 2001 को चार कामर्शियल प्लेन हाईजैक किए गए। इस हमले में 19 आतंकवादी शामिल थे। हाईजैक किए प्लेन में से दो प्लेन वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के नॉर्थ और साउथ टावर से टकरा दिए गए। वहीं, तीसरे प्लेन से पेंटागन में हमला किया था और चौथे प्लेन को क्रैश कर दिया गया था। इस हमले में 93 देशों के 2977 लोग मारे गए थे। हमला आतंकी संगठन अलकायदा ने किया था।

9/11 हमले में मारे गए थे 2977 लोग

इस आतंकी हमलें को 4 देशों के 19 आतंकियों ने अंजाम दिया था। आतंकियों में 15 सऊदी अरब के 2 UAE के और 1-1 मिस्र और लेबनान के शामिल थे। इस हमले में 93 देशों के लोगों की जान गयी थी। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में हुए हमलें में 2753 लोगों की जान गयी थी। वहीं, पेंटागन में हुए हमले में 184 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। जिस प्लेन को क्रैश किया गया था, उसमें सवार 40 लोगों की भी जान चली गयी थी।

अल-जवाहिरी के अन्य आतंकी कारनामें

  • 1993 में सोमालिया में अमेरिकी सैनिकों की हत्या करवाने में जवाहिरी का ही दिमाग माना जाता है। 04 अक्टूबर 1993 का दिन था, अमेरिकी रेंजर्स और सोमालिया में अल कायदा से जुड़े मिलिशिया के बीच जबरदस्त युद्ध छिड़ा था। इस बीच मिलिशिया लीडर जनरल आईदीद के लड़ाकों ने राजधानी मोगादिशु में दो अमेरिकी हेलीकॉप्टर गिरा डाले, इसमें 18 अमेरिकी सैनिक मारे गए थे।
  • 07 अगस्त 1998 को नैरोबी, केन्या और तंजानिया के दार ए सलाम में अमेरिकी दूतावासों के सामने एक साथ धमाके कराने के पीछे भी जवाहिरी का ही दिमाग था। इस हमले में 224 लोग मारे गए थे, जिसमें 12 अमेरिकी शामिल थे।
  • वर्ष 2000 में अदन के यमन बंदरगाह पर अलकायदा से जुड़े आतंकियों ने लदी नाव से अमेरिकी युद्धपोत USS कोल पर आतंकी हमला किया, इसमें 17 अमेरिकी नौसैनिक मारे गए थे।
  • 2005 में लंदन में हुए बम धमाकों के पीछे भी जवाहिरी का हाथ माना जाता है, इसमें 56 लोगों ने जान गंवाई थी। जवाहिरी ब्रिटेन को इस्लाम का सबसे बड़ा दुश्मन बताता था।

कैसे लिया अमेरिका ने 9/11 आतंकी हमले का बदला ?

अमेरिका में हुए सबसे बड़े आतंकी हमले 9/11 का मास्टर माइंड अल-जवाहिरी को माना जाता है, जिसमें करीब 2977 लोग मारे गए थे। उस समय भले ही अल कायदा का प्रमुख ओसामा बिन लादेन था, लेकिन समस्त आतंकवादी घटनाओं का जिम्मेदार या मास्टरमाइंड इसी को माना जाता है। मतलब ऐसा कहे की ओसामा बिन लादेन का निजी डॉक्टर होने के साथ-साथ प्रमुख सलाहकार भी यही था।

तो इसे मारने के लिए अमेरिकी खूफिया एजेंसी CIA पिछले 6 महीने से अल जवाहिरी की ट्रैकिंग कर रही थी। इस ट्रैकिंग के दौरान पता चला की यह रोज सुबह बालकनी में टहलता है। जैसे ही कंफर्म हुआ सुबह ड्रोन द्वारा इस पर हमला कर दिया गया और इस हमले में वह मारा गया। अमेरिका की छवि बनी रहे इसके लिए यह सफलता उसके लिए बहुत जरुरी थी।

सोचिए जो काम अमेरिका अफगानिस्तान में 20 साल रहकर नहीं कर पाया, वह काम वह अफगानिस्तान से जाने के बाद कर दिखाया। बदला तो लेना ही था। हालांकि, 9/11 आतंकी हमले के दौरान अल कायदा का प्रमुख ओसामा बिन लादेन था और अमेरिका ने 2011 में ही उसे पाकिस्तान में मार गिराया था, लेकिन 9/11 आतंकी हमले का मास्टर माइंड अल जवाहिरी को माना जा रहा था, इसलिए अमेरिका इसे भी मारने की फिराक में बहुत लंबे समय से था और आखिरकार उसने मारकर बदला ले लिया।

अमेरिका ने कैसे पता लगाया अल-जवाहिरी का

जनवरी 2022 से ही अमेरिकी खूफिया एजेंसियां अल जवाहिरी और उसके परिवार को ट्रैक कर रहीं थी। फरवरी 2022 में परिवार का काबुल में होने का पता चला, फिर बारीकी से नजर रखी जाने लगी। मार्च से मई के बीच अल जवाहिरी के भी होने की पुख्ता जानकारी मिली और फिर उसकी दिनचर्या पर नजर रखी जाने लगी।

25 जुलाई 2022 को अमेरिका खूफिया एजेंसियों ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को जवाहिरी की जानकारी दी और बताया की हमलें को कैसे अंजाम दिया जाएगा। 01 अगस्त 2022 को काबुल के शेरपुर इलाके के इस बेहद सीक्रेट घर पर ड्रोन के जरिए मिसाइल दागी गयी और अंततः अल जवाहिरी को मार गिराया गया।

यह भी पढ़े:

अल-जवाहिरी एक सर्जन डॉक्टर से कैसे बना आतंकी संगठन अल कायदा का मुख्य लीडर ? जानिए विस्तार से……..

सम्बंधित लेख

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

लोकप्रिय