बाएं हाथ से क्यों लिखते हैं कुछ लोग? वैज्ञानिक सोच और अलग-अलग मान्यताएं | Why Some People Write With Left Hand?

बाएं हाथ से क्यों लिखते हैं कुछ लोग? | Why Some People Write With Left Hand?

आज के इस लेख में हम जानेंगे कि बाएं हाथ से क्यों लिखते हैं कुछ लोग? साथ ही बाएं एवं दाएं से लिखने के पीछे के वैज्ञानिक कारण और अलग-अलग मान्यताओं के बारे में भी जानेंगे। (Baen Hath se kyon likhte hain kuchh log)

तो आइये जानते हैं……..

बाएं हाथ से क्यों लिखते हैं कुछ लोग (Why Some People Write With Left Hand)?

आप इस एक बात से बार-बार जरूर रूबरू हुए होंगे कि कुछ लोग लिखने के लिए अपने बाएं हाथ का इस्तेमाल करते हैं, जबकि कुछ लोग दाएं हाथ का। लेकिन क्या आपने कभी ऐसा सोचा है कि बाएं हाथ से लोग लिखते क्यों हैं? बाएं हाथ का इस्तेमाल करने वाले लोगों को लेकर हमारे समाज में आज भी कई अलग-अलग तरह की धारणाएं प्रचलित हैं। समाज के कई हिस्सों में तो इसके इस्तेमाल को अच्छा नहीं मानते और इसे खराब आदत के तौर पर देखा जाता है।

जबकि कई लोग इन्हें स्पेशल मानते हैं। उनका मानना है कि इनमें कई तरह की खूबियां पाई जाती हैं। कई अलग-अलग रिसर्च ने यह भी सजेस्ट किया है कि लेफ्ट हैंड से लिखने वाले लोगों का आइक्यू लेवल राइट हैंड से लिखने वाले लोगों की तुलना में कहीं ज्यादा होता है। कई रिसर्च तो यह भी कहती हैं कि कौन लेफ्टी बनेगा और कौन राइटी, यह जन्म से पहले ही तय हो जाता है। मगर असल सवाल यह है कि यह तय कैसे होता है????

बाएं हाथ का इस्तेमाल करने वाले लोगों के पीछे की असलियत क्या है……तमाम धारणाओं से हटकर ये समझने की कोशिश करेंगे कि इस बारे में साइंस का क्या कहना है? मगर इससे पहले यह जान लेते हैं कि दुनिया भर में ऐसे लोगों की तादाद क्या है और वो किस स्थिति में रहे हैं।

बाएं हाथ का इस्तेमाल करने वालों की स्थिति

असल में दुनिया भर में इसका प्रतिशत निकाला जाए, तो मोटेतौर पर 10 से 12% लोग लिखने के लिए बाएं हाथ का इस्तेमाल करते हैं, जबकि 80 से 90% लोग दाएं हाथ का इस्तेमाल करते हैं। महिलाओं की तुलना में पुरुष ज्यादा लेफ्ट हेंडर्स होते हैं। ऐसे पुरुषों की संख्या महिलाओं से 23% तक अधिक होती है।

एक रिसर्च की माने तो मोटेतौर पर 40% लोग अपने बाएं कान का, 30% लोग बायीं आँख का और 20% लोग बाएं पैर का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं। मगर जब बात हाथ की आती है, तो सिर्फ 10 से 12% लोग ही बाएं हाथ का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं। इससे तो यही बात साफतौर पर जाहिर होती है कि हमें जिस तरह से काम करने में आसानी होती है, वैसे ही हम शरीर के अंगों का इस्तेमाल करते हैं।

बाएं हाथ से लिखने वालों के लिए फायदे और नुकसान

एक स्टडी में यह बात सामने आई कि राइटी की तुलना में लेफ्टी लोग बेहतरीन तरीके से मल्टीटास्किंग काम करते हैं। आज की स्थिति को देखते हुए बात करें, तो दुनियाभर के करीब 40% टेनिस खिलाड़ी लेफ्टी हैं। लेफ्ट हैंडर्स बॉक्सिंग और टेनिस के अच्छे खिलाड़ी माने जाते हैं। इसी वजह से राफेल नडाल को बाएं हाथ से टेनिस खेलने की कला सीखनी पड़ी, ताकि खेल के दौरान वो इसका फायदा उठा सकें।

सिर्फ राफेल नडाल ही नहीं दुनिया भर में ऐसे कई सफल लोग हैं, जो लेफ्टी हैं। इनमें अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, मदर टेरेसा, रतन टाटा, अमिताभ बच्चन, लक्ष्मी मित्तल, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अभिनेता रजनीकांत और सचिन तेंदुलकर जैसे नाम भी शामिल हैं। सचिन तेंदुलकर खेलने के लिए दाएं हाथ का और लिखने के लिए बाएं हाथ का इस्तेमाल करते हैं।

ऐसा माना गया है कि बाएं हाथ से लिखने वाले लोगों का आईक्यू लेवल दाएं हाथ से लिखने वालों की तुलना में ज्यादा होता है। बाएं हाथ वालों का आइक्यू लेवल दाएं हाथ वालों की तुलना में 140 से ज्यादा होता है, जो कि सामान्य से अधिक माना जाता है।

बाएं हाथ से लिखने वाले लोग ज्यादा सेंसिटिव होते हैं, ये तेजी से बदलने वाली ध्वनि को आसानी से सुनने में सक्षम माने जाते हैं। हालांकि, इनके जीवन में सबकुछ अच्छा ही नहीं होता, इनको रोजमर्रा के कामों में परेशानी का सामना भी करना पड़ता है। जैसे कि कैंची चलाना इनके लिए मुश्किल होता है। इसी तरह कंप्यूटर के साथ भी है। कंप्यूटर का माउस राइट साइड में होता है, इसलिए इसको बार-बार लेफ्ट साइड करना पड़ता है। कंप्यूटर के कीबोर्ड पर लिखते समय भी इन्हें परेशानी होती है, क्योंकि उसके बटन्स के डिजाइन राइट हैंड वालों को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं।

इन लोगों को गिटार बजाने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। कई लोग ऐसे भी होते हैं, जो अपने दोनों हाथों से लिखने या अन्य कई काम दोनों हाथों से करने में सक्षम होते हैं। ऐसे लोगों को Cross Wired कहा जाता है।

मगर असल सवाल अब यह है कि ऐसी क्या चीज है, जिसकी वजह से कोई बाएं हाथ से लिखता है। चलिए जानते हैं आखिर इसके पीछे क्या वजह है?

बाएं हाथ से लिखने को लेकर वैज्ञानिक कारण

दरअसल, कुछ रिसर्च इसे आदिमानव से जोड़ती हैं। आदिमानव के रिश्तेदार रहे निएंडरथल मानव के दांतो से इसका इशारा मिलता है। निएंडरथल ने अपने हाथों का बखूबी इस्तेमाल करना सीख लिया था। रिसर्च करने वालों ने पाया कि निएंडरथल मानव भी अपने दाएं हाथ का इस्तेमाल ज्यादा करते थे। आदिमानव में भी दाएं और बाएं हाथ का इस्तेमाल करने का अनुपात 10 में से 01 था, यही आज के भी इंसानों में देखने को मिलता है।

जबकि कुछ रिसर्च इसे दिमाग से जोड़ती हैं। उनका मानना है कि यह दिमाग के कारण होता है। असल में दिमाग का आधा भाग शरीर के दूसरे आधे भाग को कंट्रोल करता है। दिमाग का बायां भाग शरीर के दाएं भाग के कामों को कंट्रोल करता है, वहीं दिमाग का दायां भाग शरीर के बाएं भाग के कामों को कंट्रोल करता है। चूँकि अधिकतर लोगों में दिमाग का बायां आधा भाग अधिक प्रभावी होता है, इसलिए शरीर का दायां आधा भाग अधिक कुशल होता है।

मगर लेफ्ट हैंडर्स लोगों में दिमाग का विकास इसके विपरीत हुआ होता है। इनमें दिमाग का दायां आधा भाग अधिक प्रभावी होता है, इसलिए शरीर का बायां भाग अधिक कुशलता से कार्य करता है। दायां भाग अधिक प्रभावी होने के कारण ही ये लोग अधिक क्रिएटिव पाए गए हैं। चूँकि सायकोलॉजी में ऐसा माना जाता है कि जिस व्यक्ति का लेफ्ट ब्रेन ज्यादा एक्टिव होगा, वो एनालिटिकल, लॉजिकल और फैक्ट ओरिएंटेड होते हैं। वहीं राइट ब्रेन पर्सन कॉफी क्रिएटिव और आर्टिस्टिक सोच रखते हैं।

साइन्टिट्स की रिसर्च ये भी कहती है कि हम किस हाथ से लिखते हैं, यह पूरी तरह हमारे जीन पर निर्भर करता है। हर जीन में म्यूटेशन होता है और अगर ज्यादा म्यूटेशन किसी एक तरफ के हाथ की ओर हो, तो व्यक्ति उसी हाथ से लिखना और काम करना शुरू कर देगा।

जो लोग बाएं हाथ से लिखते हैं उनमें जीन म्यूटेशन बायीं ओर की तरफ ज्यादा होता है। इसी रिसर्च में वैज्ञानिकों ने मां के गर्भ में पल रहे शिशु का टेस्ट करने के लिए अल्ट्रासाउंड किया। अल्ट्रासाउंड के नतीजों से पता चला कि 10 में से 9 बच्चे दायां अंगूठा चूस रहे हैं, वहीं एक बच्चा बाएं हाथ का अंगूठा चूस रहा है। जब इसका निरीक्षण किया गया कि इनमें से कौन सा बच्चा बाद में दाएं हाथ से लिखता है और कौन सा बच्चा बाएं हाथ से, तो आगे चलकर अल्ट्रासाउंड वाला ही नतीजा पाया गया।

बाएं हाथ से लिखने को लेकर मान्यताएं

कुछ जानकार बाएं हाथ से लिखने के लिए अनुवांशिक गुणों को भी जिम्मेदार ठहराते हैं। इस संबंध में जानकारों का कहना है कि किसी के मां-बाप बाएं हाथ से लिखने के आदी हैं, तो हो सकता है कि उनसे पैदा हुई संतान भी लिखने के लिए बाएं हाथ का इस्तेमाल करें।

अब यहां पर एक सवाल और बचता है कि बाएं हाथ का इस्तेमाल करने में महिलाओं की तुलना में पुरुषों की संख्या ज्यादा क्यों है?

महिलाओं की तुलना में पुरुष बाएं हाथ का इस्तेमाल ज्यादा क्यों करते हैं?

दरअसल, इसके लिए पुरुषों में पाए जाने वाले टेस्टोस्टेरोन हार्मोन को इसका कारण बताया गया। एक रिसर्च बताती है कि पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की मात्रा ज्यादा होने की वजह से ऐसा ज्यादा होता है। कुछ रिसर्च के अनुसार ज्यादातर पुरुषों में बाएं हाथ की नसें सीधे हार्ट से जुड़ी होती हैं। यह भी पुरुषों में लेफ्ट हैंडर्स ज्यादा पाए जाने के लिए जिम्मेदार माना जाता है। पुरुषों में बाएं हाथ की नसें सीधे हार्ट से जुड़ी होने के कारण, जब पुरुषों में हार्ट अटैक होता है, तो उस दौरान सबसे पहले उनके बाएं हाथ में दर्द होने के साथ-साथ बायां हिस्सा ही सबसे पहले सुन्न पड़ता है।

निष्कर्ष:

इस तरह से तमाम अलग-अलग रिसर्च अलग-अलग चीजों को इसके लिए जिम्मेदार मानती हैं। कुछ तो एक से अधिक चीजों को भी इसके लिए जिम्मेदार मानते हैं। लेकिन सच है कि आज भी इस पर रिसर्च जारी है। रिसर्चर्स आज भी यह पता लगाने की कोशिश में है कि हमारे DNA का कौन सा हिस्सा इस बात के लिए उकसाता है कि हम दाएं या बाएं हाथ का इस्तेमाल ज्यादा करें। मगर आज भी पुख्ता जवाब किसी के पास नहीं है।

सवाल ये भी है कि जो लोग अपने बाएं हाथ का इस्तेमाल करते हैं, क्या इसका असर उनके जीवन में भी देखने को मिलता है? इस विषय पर भी लंबी बहस चली आ रही है।

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