हाइपरसोनिक मिसाइल क्या होती है और कितने प्रकार की होती है? विश्व के देशों के पास हाइपरसोनिक मिसाइल की स्थिति

Hypersonic Missile: आज के इस लेख में हम हाइपरसोनिक मिसाइल के बारे में जानेंगे कि हाइपरसोनिक मिसाइल क्या होती है, कितने प्रकार की होती हैं और यह विश्व के कितने देशों के पास है? (Hypersonic Missile India, India Hypersonic Missile, Hypersonic Missile Speed)

तो आइए जानते हैं…..

चर्चा में क्यों?

हाल ही में अमेरिका ने हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया, जो कि असफल रहा। चर्चा का विषय इसलिए भी बना, क्योंकि दिसंबर 2022 में अमेरिका ने जो हाइपरसोनिक का परीक्षण किया था, वह सफल रहा था। इस परीक्षण के बाद अमेरिका को जोरदार झटका लगा है। हो सकता है कि अमेरिका अब हाइपरसोनिक मिसाइलों का परीक्षण कुछ दिनों के लिए टाल दे, क्योंकि अमेरिका 2011 से हाइपरसोनिक मिसाइलों का लगातार परीक्षण कर रहा है और संतोषजनक परिणाम नहीं मिले हैं, वहीं दूसरी तरफ रूस और चीन हाइपरसोनिक मिसाइलों के कई सफल परीक्षण कर चुके हैं।

प्रमुख बिंदु

  • रूस ने यूक्रेन में हाइपरसोनिक मिसाइल दाग कर सफल परीक्षण करके दिखाया था।
  • कहा तो यह भी जा रहा है कि भारत ने अग्नि-5 का जो परीक्षण किया था, वह एक हाइपरसोनिक ग्लाइडर मिसाइल थी। हालांकि, भारत ने अभी तक इस बारे में कोई बात नहीं कही है।
  • भारत जो ब्रह्मोस-2 मिसाइल बना रहा है, उसकी गति हाइपरसोनिक मिसाइल जैसी ही होने वाली है।

गति और क्षमता के आधार पर मिसाइलों को 3 वर्गों में वर्गीकृत किया गया है – missiles are classified into 3 classes on the basis of speed and capability

मिसाइलों को गति के आधार पर वर्गीकृत करने के लिए ध्वनि की गति को संदर्भित किया गया है (हवा में ध्वनि की गति की तुलना में एक विमान की गति का वर्णन करने के लिए मैक का प्रयोग किया जाता है, जिसमें मैक-1 ध्वनि की गति के बराबर होता है, यानि 343 मीटर/ सेकंड)।

सबसोनिक मिसाइल (Subsonic Missile)

सबसोनिक मिसाइल की गति ध्वनि की गति से कम (मैप 0.9, करीब 1100 किलोमीटर प्रति घंटा) होती है। रडार के लिए इन्हें पकड़ना आसान होता है।

प्रमुख सबसोनिक मिसाइलें: फ्रांस की एक्सोसेट, अमेरिका की टॉमहॉक, भारत की निर्भय।

सुपरसोनिक मिसाइल (Supersonic Missile)

सुपरसोनिक मिसाइल की गति ध्वनि की गति से 2-3 गुना ज्यादा (मैक 2-3, करीब 2 से 3 हजार किलोमीटर प्रति घंटा) होती है। इन्हें रडार पर पकड़ना आसान नहीं होता है।

प्रमुख सुपरसोनिक मिसाइल: रूस के सहयोग से बनी भारत की ब्रह्मोस मिसाइल।

हाइपरसोनिक मिसाइल (Hypersonic Missile)

हाइपरसोनिक मिसाइल की गति ध्वनि की गति से 5 से 10 गुना ज्यादा (मैक 5-10, करीब 5 से 10 हजार किलोमीटर प्रति घंटा) होती है। इन्हें न तो कोई रडार पकड़ सकता है और ना ही कोई डिफेंस सिस्टम भेद सकता है।

प्रमुख हाइपरसोनिक मिसाइलें: रूस की किंझल, अवनगार्ड और 3M22 जिरकॉन मिसाइल।

हाइपरसोनिक मिसाइल दो तरह की होती हैं

हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल

हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए एक हाई स्पीड जेट इंजन का इस्तेमाल करती है, जिससे उसे ध्वनि से 5 गुना अधिक (मैक 5) गति हासिल करने में मदद मिलती है। यह एक नॉन-बैलिस्टिक मिसाइल होती है। यह बैलिस्टिक मिसाइलों से अलग तरीके से काम करती है, जो अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए ग्रेविटेशनल फोर्स का इस्तेमाल करती है।

हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल

हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल को एक रॉकेट से लांच किया जाता है। लांच होने के बाद ग्लाइड व्हीकल, रॉकेट से अलग हो जाता है और टारगेट की और कम से कम मैक 5 की गति से ग्लाइड करती हुई आगे बढ़ती है। इसको ऐसे समझ सकते हैं कि हम लोग बचपन में जो कागज से बनी प्लेन उड़ाते थे, तो वह लहराते हुए उड़ती थी। ठीक वैसे ही यह भी अपने टारगेट की ओर जाती है। नीचे इमेज में देख सकते हैं।

हाइपरसोनिक मिसाइलों की विशेषताएं

  • ये मिसाइलें 5 हजार से 12 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकती है।
  • तेज गति और कम ऊंचाई पर उड़ने की वजह से रडार इन्हें पकड़ नहीं पाते हैं।
  • इन मिसाइलों को दुनिया का कोई डिफेंस सिस्टम मार नहीं सकता है।
  • 480 किलोग्राम के परमाणु हथियार या ट्रेडिशनल हथियार ले जाने में सक्षम होती है।
  • हवा में रास्ता बदलने की क्षमता से लैस ये मिसाइलें किसी भी लक्ष्य को भेदने में सक्षम होती है।

हाइपरसोनिक मिसाइलों की रेस में रूस, अमेरिका और चीन से आगे

अमेरिका और चीन पिछले कई सालों से हाइपरसोनिक मिसाइलों की होड़ में लगे हुए हैं। हालांकि, इस रेस में रूस सबसे आगे है। यूक्रेन में रूस ने किंझल हाइपरसोनिक मिसाइल का इस्तेमाल कर दुनिया को हाइपरसोनिक मिसाइल का डेमो दे चुका है। इसके अलावा उसके पास 2019 से ही अवनगार्ड नामक एक और हाइपरसोनिक मिसाइल है। इसके अलावा रूस के पास 3M22 जिरकॉन नामक हाइपरसोनिक मिसाइल भी है।

रिपोर्ट के मुताबिक चीन D-17 हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने के करीब है। वह 2018 से ही लिंगयुन-1 नामक हाइपरसोनिक मिसाइल का टेस्ट कर चुका है। साथ ही DF-ZF हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने के करीब है। इसके अलावा स्टैरी-2 नामक मैक 6 स्पीड (करीब 7000 किलोमीटर प्रति घंटे) वाली हाइपरसोनिक मिसाइल का भी टेस्ट कर चुका है। अमेरिका के मुताबिक, पिछले 5 वर्षों में चीन सैकड़ों हाइपरसोनिक मिसाइलों का परीक्षण कर चुका है, जबकि अमेरिका ने ऐसे कुल 9 परीक्षण ही किए हैं।

FAQ:

प्रश्न 1. हाइपरसोनिक मिसाइल कितने प्रकार की होती है?

उत्तर: 2

प्रश्न 2. हाइपरसोनिक मिसाइलों की गति कितनी होती है?

उत्तर: 5 मैक से अधिक

प्रश्न 3. सर्वाधिक हाइपरसोनिक मिसाइलें किस देश के पास हैं?

उत्तर: रूस

प्रश्न 4. S-400 किस देश का एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम है?

उत्तर: रूस

बेहतर जानकारी और निरंतर अपडेट रहने के लिए हमारे साथ टेलीग्राम में जरूर जुड़े

Join Telegram

यह भी पढ़ें?

कोच्चि जल मेट्रो परियोजना – Kochi Water Metro Project | देश की पहली वाटर मेट्रो ट्रेनई-वेस्ट यानी कि ई-कचरा क्या है? | ई-वेस्ट प्रबंधन नियम 2022
पृथ्वी-2 बैलेस्टिक मिसाइल | पृथ्वी मिसाइलों की खासियतक्या होता है लिथियम? लिथियम की कीमत सुन उड़ जाएंगे होश!!! ऐसे ही नहीं लिथियम को सफेद सोना कहा जाता है
सम्बंधित लेख

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

लोकप्रिय