आज के इस लेख में हम ‘जाकिर नाइक – Zakir Naik’ के बारे में जानेंगे कि जाकिर अब्दुल करीम नाइक कौन है और यह विवादों में क्यों बना रहता है और यह भारत छोड़ के क्यों भाग गया ?
तो आइए जानते हैं…….
चर्चा में क्यों ?
फीफा फ़ुटबाल वर्ल्ड कप का पहली बार आयोजन मुस्लिम देश कतर में हुआ। इस आयोजन के दौरान आतंकी संगठन अल-कायदा ने मुसलमानों को चेतावनी देते हुए कहा कि वो फीफा वर्ल्ड कप से दूर रहें, क्योंकि फीफा एक बहुत ही ओपन गेम है और इस खेल के दौरान खिलाड़ी खासतौर से यूरोपीय खिलाड़ी बियर या एल्कोहल का इस्तेमाल करते हैं, जीत की ख़ुशी में टीशर्ट उतारकर भरे मैदान में खुशियां मनाते है, इसके अलावा इस आयोजन में LGBT Communities के लोग भी शामिल होंगे आदि। इन सबसे मुस्लिमों की संस्कृति का हनन होता है।
इसी बीच मुसलमानों के धार्मिक गुरु जाकिर नाइक को कतर ने अल-कायदा की धमकी से खराब हुई इमेज को सुधारने के लिए इस्लामिक उपदेश देने के लिए बुलाया और वह पहुंचा भी।
जाकिर नाइक – Zakir Naik
जाकिर नाइक एक भारतीय इस्लामिक धर्मोपदेशक (Preacher) हैं। जाकिर का जन्म 18 अक्टूबर 1965 को अब्दुल करीम नाइक और रोशन नाइक के यहां बॉम्बे (मुंबई) में हुआ। उन्होंने किशनचंद चेलाराम कॉलेज में पढ़ाई की और टोपीवाला नेशनल मेडिकल कॉलेज एंड बीवाईएल नायर चैरिटेबल हॉस्पिटल और बाद में मुंबई विश्वविद्यालय में चिकित्सा का अध्ययन किया, जहां उन्होंने बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड सर्जरी (एमबीबीएस) की डिग्री प्राप्त की।
जाकिर नाइक इस्लामिक धर्मोपदेशक होने के साथ-साथ एक प्रसिद्ध गैर अरबी विद्वान और वक्ता भी हैं, जो इस्लाम की जानकारी के साथ और दूसरे धर्म जैसे- हिन्दू, सिख, यहूदी, ईसाइयत, इत्यादि की भी जानकारी रखते हैं। वे इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन और दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक चैनल नेटवर्क में से एक पीस टीवी नेटवर्क के संस्थापक और अध्यक्ष हैं। पीस टीवी का अनेक देशों में प्रसारण होता है।
गूगल पर इन्हे बहुत सर्च किया जाता है। 2016 को छोड़ दें, यानी कि जिस साल इनके NGO पर प्रतिबंध लगाया गया, उसके अलावा इनका गूगल पर एवरेज सर्च 50% से ज्यादा है।
भारत में मनी लॉन्ड्रिंग और जहरीले भाषण देने के आरोपी जाकिर नाइक अपनी गिरफ्तारी की डर की वजह से भारत छोड़ मलेशिया में जा छुपे हैं। इसलिए भारत सरकार इंटरपोल के जरिए रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवाना चाहता है, ताकि इन्हें कहीं से भी गिरफ्तार किया जा सके, लेकिन अभी तक ये संभव नहीं हो पाया है।
जाकिर नाइक के NGO को क्यों बैन किया गया ?
जुलाई 2016 में बांग्लादेश देश की राजधानी ढांका में 5 आतंकियों ने एक हमले को अंजाम दिया, जिसमें 29 लोग मार गए थे। इस घटना की जांच में जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, उनमें से एक ने बताया कि वो जाकिर नाइक के भाषणों से प्रभावित है। इसके बाद मुंबई पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने मामलें की जांच की। शुरूआती जांच के बाद जाकिर नाइक के NGO पर UAPA के तहत बैन लगा दिया गया। गिरफ्तारी की डर से नाइक 2016 में ही भारत छोड़ मलेशिया में जा छुपा।
भारतीय गृह मंत्रालय ने सबसे पहले 17 नवंबर 2016 को जाकिर नाइक के NGO – इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर 5 साल का बैन लगाया था, जो कि 17 नवंबर 2021 को फिर से बढ़ा दिया गया। बैन ख़त्म होने वाले दिन ही सरकार ने बैन की अवधि 05 साल बढ़ा दी, यानी अब 2026 तक इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर बैन लगा रहेगा।
NGO पर बैन क्यों बढ़ाया गया ?
- सरकार ने बैन बढ़ाने के पीछे कहा कि इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन ऐसी गतिविधियों में शामिल है, जो देश की सुरक्षा के लिए खतरा है।
- इससे देश की शांति, साम्प्रादायिक सद्भाव और धर्मनिरपेक्षता पर खतरा है।
- साथ ही गृह मंत्रालय ने कहा कि नाइक के बयान आपत्तिजनक और विध्वंसक हैं और उनके जरिए वो धार्मिक समूहों के बीच नफरत को बढ़ावा दे रहा हैं।
- नाइक भारत और विदेशों में एक खास धर्म के युवाओं को आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रेरित कर रहें हैं।
लगातार विवादों में रहा है जाकिर नाइक
- खुद को इस्लाम धर्म का प्रचारक बताता है और उसने इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) की स्थापना की।
- भड़काऊ और विवादित भाषण की वजह से कनाडा और बांग्लादेश जैसे कई देशों ने बैन किया।
- 2016 में बांग्लादेश में विस्फोट के एक आतंकी ने जाकिर नाइक से प्रभावित होने की बात कही।
- भारत सरकार ने UAPA के तहत IRF को बैन कर दिया, इसके बाद जाकिर नाइक मलेशिया भाग गया।
- भारत ने नाइक के प्रत्यर्पण के लिए मलेशिया सरकार से बात की, लेकिन सहमति नहीं बन सकी।
- 2019 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नाइक की 16 करोड़ की संपत्ति जब्त की।
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