जानिए, चीन के जासूसी जहाज (Spy Ship) युआन वांग- 6 के बारे में, साथ ही जानिए, चीन ने कब-कब, भारत की जासूसी करने की कोशिश की?

आज के इस लेख में हम चीन के जासूसी जहाज युआन वांग- 6 (Yuan Wang- 6) के बारे में जानेंगे, साथ ही ये भी जानेंगे कि चीन ने कब-कब, भारत की जासूसी करने की कोशिश की है?

तो आइए जानते हैं…..

चर्चा में क्यों?

अभी हाल ही में, जैसे ही चीन को ये पता चला की भारत अपने बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 के सबमरीन से चलने वाले Version, K- 4 का INS अरिहंत परमाणु पनडुब्बी से परीक्षण करने वाला है, वैसे ही चीन ने अपने जासूसी जहाज (Spy Ship) युआन वांग- 6 को इसकी जासूसी करने के लिए हिन्द महासागर में भेज दिया।

इससे कुछ दिन पहले भी चीन ने अपने युआन वांग सीरीज के युआन वांग- 5 को श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह में भेजा था, जिस पर भारत ने आपत्ति दर्ज कराई थी। पिछले 8 साल में, ये 5वीं बार चीनी शिप था भारत की जासूसी की फिराक में।

चीन इन जासूसी जहाजों को भेजने के पीछे तर्क ये देता है कि वह अपने द्वारा भेजे गए सैटेलाइट को ट्रैक करता रहता है कि सब सही तरीके से काम कर रहे हैं न !!! लेकिन सच्चाई कुछ और ही है। वास्तव में, उसके ये जासूसी जहाज आसपास या अन्य देशों की खुफिया जानकारियां इकठ्ठा करके चीन तक पहुंचाते हैं।

युआन वांग- 6 (Yuan Wang- 6)

चीन के 7 युआन वांग सीरीज के जासूसी जहाजों में से एक Yuan Wang- 6 हैं। Yuan Wang- 6, 2007 में बनकर तैयार हुआ था और 2008 से यह उपयोग में हैं। युआन वांग- 6 मिलिट्री नहीं बल्कि पॉवरफुल ट्रैकिंग जहाज है। ये जहाज अपऩी आवाजाह़ी तब शुरू करते हैं, जब च़ीन या कोई अन्य देश मिसाइल परीक्षण कर रहा होता है। जहाज में हाई-टेक ईव्सड्रॉपिंग इक्विपमेंट (छिपकर सुनने वाले उपकरण ) लगे हैं। इससे यह 1 हजार किलोमीटर दूर हो रह़ी बातच़ीत को सुन सकता है।

लंबाई– 222 मीटर

चौड़ाई– 25 मीटर

टाइप– रिसर्च व जासूसी जहाज

स्पीड– 25 से 38 किलोमीटर प्रति घंटा

डिस्प्लेसमेंट– 24,966 टन

क्रू मेंबर्स– 400

Yuan Wang- 6 जहाज में ऐसे रडार व एंटीना लगे हैं. जो किसी भी मिसाइल व राकेट को ट्रैक कर सकते हैं। यह जहाज करीब 1000 किलोमीटर तक आसानी से निगरानी कर सकता है और आवाज सुन सकता है।

Yuan Wang- 6, जहाज को चीन की सेना ऑपरेट करती है

अमेरिकी Defence Department की रिपोर्ट के मुताबिक़, इस शिप को च़ीन की प़ीपुल्स लिबरेशन आर्मी याऩी PLA की स्ट्रैटजिक
सपोर्ट फ़ोर्स यानी SSF ऑपरेट करत़ी है। SSF थिएटर कमांड लेवल का ऑर्गनाइजेशन है। यह PLA को स्पेस, साइबर,
इलेक्ट्रॉनिक, इन्फॉर्मेशन, कम्युनिकेशन और साइकोलॉजिकल वॉरफेयर मिशन में मदद करत़ी है।

युआन वांग- 6 के कार्य (Functions of Yuan Wang- 6)

च़ीन के पास युआन वांग सीरीज के 7 जासूस़ी शिप हैं, जो पूरे प्रशांत, अटलांटिक और हिन्द महासागर में काम करने में सक्षम हैं। ये जहाज जासूस़ी कर बीजिंग के लैंड बेस्ड ट्रैकिंग स्टेशनों को पूऱी जानकाऱी भेजते हैं। च़ीन युआन वांग क्लास जहाज के जरिए सैटेलाइट, रॉकेट और इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल की लांचिंग को ट्रैक करता है।

युआन वांग- 6 की खासियत (The specialty of Yuan Wang- 6)

Yuan Wang- 6 में रडार और एंट़ीना से बना हुआ इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम लगा हुआ है। ये सिस्टम अपऩी रेंज में आने वाल़ी मिसाइल को ट्रैक कर लेता है और उसकी जानकाऱी एयर डिफेन्स सिस्टम को भेज देता है। याऩी, एयर डिफेन्स सिस्टम की रेंज में आने से पहले ह़ी Yuan Wang- 6 को मिसाइल की जानकाऱी मिल जात़ी है। इस वजह से हमले को नाकाम किया जा सकता है।

पिछले 8 साल में, 5वीं बार था चीनी शिप भारत की जासूसी की फिराक में।

2014

चीनी पनडुब्बी चांगझेंग- 2 कोलंबो के पास हंबनटोटा बंदरगाह के पास आ गई थी। तब भी भारत सरकार ने इस पर चिंता जताई थी।

2019

भारतीय नेवी ने अंडमान द्वीप समूह के करीब आने पर चीनी नेवल शिप शी यान- 1 को चेतावनी देते हुए वहां से जाने के लिए कहा था।

2020

जनवरी में 4 से 6 चीनी रिसर्च शिप हिन्द महासागर क्षेत्र में देखे गए थे, इसके बाद भारतीय नेवी शतर्क हो गई थी।

2022

16 से 22 अगस्त तक चीन का जासूसी जहाज युआन वांग- 5 श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पर रुका था। तब भी भारत ने श्रीलंका के सामने विरोध दर्ज कराया था।

2022

नवंबर में जब भारत, बंगाल की खाड़ी में मिसाइल टेस्ट कर रहा है, ऐसे वक्त में हिन्द महासागर में चीन का जासूसी जहाज Yuan Wang- 6 देखा गया।

एक सवाल यहां पर ये बनता है कि क्या चीन केवल भारत की ही जासूसी करता है? तो ऐसा नहीं है। चीन जासूसी करने के लिए विश्व में प्रसिद्ध है। उसकी जासूसी की एक मजेदारी कहानी बताता हूँ।

RIMPAC में चीन की जासूसी की कहानी

Rim of Pacific Ocean यानी कि प्रशांत महासागर के आसपास जो देश हैं या फिर ऐसा कहे कि प्रशांत महासागर के चारों तरफ स्थित जो देश हैं, उन्हें Rim of Pacific Ocean देश कहा जाता है। उन देशों को मिलाकर अमेरिका एक युद्धाभ्यास करता है, जिसे RIMPAC नाम से जाना जाता है। RIMPAC युद्धाभ्यास की शुरुआत 1971 में हुई थी। यह दुनिया का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय समुद्री युद्ध अभ्यास है।

तो इसी युद्धाभ्यास में, जब बराक ओबामा अमेरिका के राष्ट्रपति थे, तो वो चीन को भी बुलाया करते थे। लेकिन 2018 में जब डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका के राष्ट्रपति बने, तो उन्होंने चीन को इस युद्धाभ्यास में बुलाने से इंकार कर दिया। जब चीन को नहीं बुलाया गया, तो उसे बहुत बेइज्जती महसूस हुई। अब चीन कर भी क्या सकता था? लेकिन चीन, जो कर सकता है और जिसके लिए वह जाना जाता है, उसने वह किया।

यह युद्धाभ्यास अमेरिका के हवाई राज्य की राजधानी होलोलूलू में होता है। हवाई राज्य को होनोलूलू द्वीप के नाम से भी जाना जाता है। बस फिर क्या था??? चीन ने अपने जासूसी जहाज होनोलूलू द्वीप के पास भी युद्धाभ्यास की जासूसी करने के लिए भेज दिए थे।

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